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- Great Men Will No Longer Be Able To Stop, Idols Will Not Be Installed In The Middle Of Squares
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इंदौरएक घंटा पहले
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चौराहों के बीच में नहीं लगेंगी प्रतिमा
(संजय गुप्ता). चौराहों पर ट्रैफिक जाम की ऐसी तस्वीरें अब बदलने वाली हैं। सरकार के नजूल की जमीन आवंटन के नए नियमों के मुताबिक अब किसी महापुरुष की प्रतिमा को बीच सड़क तिराहे या चौराहे पर स्थापित करने की अनुमति नहीं मिलेगी। चौराहों पर प्रतिमाओं के कारण पीक ऑवर्स में ट्रैफिक जाम हो जाता है। इससे लोगों का कितना समय बर्बाद होता है, यह बंगाली चौराहे के उदाहरण से समझें।
1. 110 की बजाय 330 सेकंड में पार होता
आर्किटेक्ट व ट्रैफिक एक्सपर्ट अतुल सेठ के मुताबिक बंगाली चौराहा से पीक ऑवर्स में 50 हजार वाहन प्रतिदिन गुजरते हैं। यहां 110 सेकंड का सिग्नल है, लेकिन शाम के वक्त वाहन तीसरी बार ग्रीन सिग्नल होने पर ही निकल पाते हैं।
2. प्रतिमा न हटने से 4 करोड़ लागत बढ़ी
बंगाली चौराहा पर फ्लायओवर निर्माण जारी है। शुरुआती काम के बाद प्रतिमा शिफ्टिंग नहीं होने से काम अटका है। इससे कॉन्ट्रैक्टर पर 4 करोड़ का अतिरिक्त भार है। 28 करोड़ का प्रोजेक्ट अब 32 करोड़ में पूरा हो सकेगा।
इन चौराहों पर मुश्किल
बंगाली कॉलोनी, विजय नगर, खजराना, बॉम्बे हॉस्पिटल और राजीव गांधी चौराहा।
यहां रोटरी छोटी और प्रतिमा इधर-उधर की तो ट्रैफिक निकलना हो गया आसान
- 2003 में पाटनीपुरा चौराहे पर रामसिंह भाई प्रतिमा की रोटरी व 04 में रीगल पर गांधी प्रतिमा की रोटरी छोटी की
- 2005 में महू नाका चौराहे के बीच से महाराणा प्रताप की प्रतिमा हटाई और साइड में स्थापित की गई।
- 2019 में मूसाखेड़ी चौराहे की रोटरी छोटी की, लेकिन मध्य से ज्योति बा फुले की प्रतिमा शिफ्ट नहीं हुई है।
यहां पर प्रयोग से रास्ते का ट्रैफिक हुआ आसान
- एसजीएसआईटीएस पर विश्वेश्वरैया
- महू नाके पर लक्ष्मण गौड़
- पलासिया चौराहे पर तिलक प्रतिमा सड़क के किनारे लगाई।