कलेक्टर नीरज कुमार ने एक हफ्ते में केस निपटाने के निर्देश दिए हैं.
यह जुर्माना (Fine) उन विभागों के कर्मचारी और अधिकारियों पर लगाया गया, जिनमें शिकायतें मिलने के बावजूद उन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई थी. लगभग 1140 शिकायतों के लंबित होने पर 1 लाख से भी अधिक जुर्माना लगाया गया.
अपने आप पर जुर्माना लगाने वाले कलेक्टर के रूप में संभवत यह प्रदेश का पहला और अजीबोगरीब मामला है. सोमवार 1 दिसंबर को राजगढ़ कलेक्टर नीरज कुमार सिंह सीएम हेल्पलाइन, मनरेगा, प्रधानमंत्री आवास आदि कई विभागों की समीक्षा कर रहे थे.जिनमें लंबित प्रकरणों की एक लंबी फेहरिस्त उन्हें देखने को मिली. इस पर उन्होंने एक्शन लेना शुरू किया. शिकायतों के लंबे समय तक पेंडिंग होने के कारण उन्होंने संबंधित अफसरों पर फाइन लगाना शुरू किया. कलेक्टर महोदय ने विभाग से संबंधित अधिकारियों- कर्मचारियों पर तो फाइन ठोका ही खुद को भी इसके लिए जवाबदेह मानते हुए अपने पर भी फाइन लगाया.
एक हफ्ते का अल्टीमेटम
यह जुर्माना उन विभागों के कर्मचारी और अधिकारियों पर लगाया गया, जिनमें शिकायतें मिलने के बावजूद उन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई थी. लगभग 1140 शिकायतों के लंबित होने पर 1 लाख से भी अधिक जुर्माना लगाया गया. कलेक्टर ने प्रत्येक शिकायत पर 100 रुपये जुर्माना दंड स्वरूप लगाया. कलेक्टर ने सभी कर्मचारी और अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि 1 हफ्ते के भीतर जल्द से जल्द इन सभी लंबित शिकायतों का निपटारा कर लिया जाए.
…इसलिए लगाया जुर्माना
कलेक्टर नीरज कुमार का कहना है कि उन्होंने अपने आप पर इसलिए जुर्माना लगाया क्योंकि सभी विभागों की समीक्षा वो खुद करते हैं. लंबे समय तक लोगों की शिकायतों का निपटारा नहीं हुआ तो कहीं न कहीं उसके लिए वो खुद भी दोषी हैं. सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ अपना भी दायित्व देखते हुए उन्होंने खुद पर भी हर्जाना लगाया.