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भिंड3 घंटे पहले
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खरीद केंद्र पर बाजरा तुलवाता किसान।
- फसल तुलाई के लिए किसान 48 घंटे तक कर रहे इंतजार, बढ़ सकती है परेशानी
समर्थन मूल्य पर बाजरा खरीदी के लिए तीन दिन शेष बचे हैं। ऐसे में प्रशासन को पंजीकृत शेष किसानों का बाजरा इन तीनों में दिनों खरीदना बड़ी चुनौती भरा होगा। इसके लिए प्रशासन को हर रोज एक हजार से ज्यादा किसानों का 56 हजार से अधिक क्विंटल बाजरा तौलना होगा। जबकि वर्तमान में केंद्र पर किसानों को तुलाई के लिए 36 से 48 घंटे का इंतजार करना पड़ रहा है। ऐसे में आने वाले दिनों में किसानों के इंतजार के इस समय ओर बढ़ोतरी हो सकती है।
यहां बता दें कि समर्थन मूल्य पर बाजरा बेचने के लिए इस बार 8 हजार 307 किसानों ने पंजीयन कराया। पिछले करीब 30 दिनों में 5 हजार 80 किसानों से प्रशासन 2.38 क्विंटल बाजरा खरीद चुका है। वहीं करीब 1.69 लाख क्विंटल बाजरा ओर आने की संभावना है। इसके पीछे वजह यह है कि इस बार समर्थन मूल्य बाजार भाव से डेढ़ गुना अधिक है। ऐसे में किसान बाजार के बजाए सरकारी खरीद केंद्रों पर अपनी उपज बेच रहे हैं। यही कारण है कि खरीद केंद्रों पर तुलाई के लिए बाजरा से भरी ट्रेक्टर ट्रालियों की लाइन लगी हुई है। जबकि व्यापारियों के कांटे पर सन्नाटा पसरा हुआ है।
बारदाना की पूर्ति भी बना चुनौती: इस बार समर्थन मूल्य केंद्रों पर बाजरा की बंपर आवक होने से वारदाने की किल्लत पैदा हो गई है। स्थिति यह है कि प्रशासन को वारदाना की पूर्ति के लिए जबलपुर, भोपाल, नरसिंहपुर, रतलाम, सतना और इंदौर से वारदाने की गठानें मंगवाना पड़ी है। बावजूद उसके पूर्ति नहीं हुई तो अब सीधे फैक्ट्रियों से सीधे संपर्क करना पड़ा है। वर्तमान में जिला प्रशासन को 1631 वारदाने की गठानों की आवश्यकता है, जिसमें 1452 की पूर्ति हो गई है। जबकि 179 की कमी बनी हुई है।
पिछले वर्ष अतिवृष्टि से खराब हुआ था बाजरा
वर्ष 2019 में भी में चंबल में आई बाढ़ से जिले के ढाई हजार से अधिक किसानों का 400 हैक्टेयर में खड़ा 60 प्रतिशत से अधिक बाजरा खराब हो गया था। अतिवृष्टि से बाजरा का दाना काला हो गया, जिसकी वजह से शासन ने बाजरा की खरीदी करने से ही इनकार कर दिया। ऐसे में पिछले वर्ष भी किसानों को ओने-पौने दामों पर अपनी फसल बेची। लेकिन इस बार समर्थन मूल्य अच्छा मिलने से खरीद केंद्रों से किसानों की कतार कम होने का नाम नहीं ले रही है।
अब तक 51 करोड़ की खरीदी, दिए एक करोड़
जिले में इस बार समर्थन मूल्य पर बाजरा की खरीद के लिए 21 केंद्र बनाए गए थे। लेकिन जब केंद्रों पर किसानों की भीड़ उमड़ी और तुलाई में अधिक समय लगने की वजह से हंगामा हुआ तो प्रशासन को आनन फानन में चार नए केंद्र बनाना पड़े। बावजूद किसानों को 36 से 48 घंटे तौल के लिए इंतजार करना पड़ रहा है। हालांकि प्रशासन की मानें तो अब तक 5 हजार किसानों से सरकार 51 करोड़ रुपए का बाजरा खरीद चुकी है। वहीं करीब एक करोड़ रुपया सरकार ने अभी किसानों के खातों में भेजा है।
24 घंटे में भी नंबर नहीं आया
केंद्र पर तुलाई काफी धीमी चल रही है। मंगलवार को आए थे। 24 घंटे से अधिक समय गुजर चुका है। लेकिन अभी तक नंबर नहीं आया है। जिस प्रकार से तौल हो रही है, उससे लग रहा है कल तक नंबर आ पाएगा।
अरविंद शर्मा, विरधनपुरा
भाड़े में जाएगा फायदा
^हम 30 नवंबर को आए थे। अब तक नंबर नहीं आ पाया है। 1500 रुपए हर रोज ट्राली का भाड़ा चल रहा है। जो कुछ फायदा होना है वह भाड़े में चला जाएगा।
वीरेंद्र सिंह, चंदूपुरा
बारदाना अब पर्याप्त
समर्थन मूल्य केंद्रों पर लगातार तौल जारी है। किसानों का नंबर के अनुसार बाजरा तुलवाया जा रहा है। बारदाने की किल्लत भी दूर कर ली गई है। एक गाड़ी आज आएगी। वहीं दूसरी गाड़ी भी आने वाली है।
– राकेश चौधरी, प्रबंधक, नागरिक आपूर्ति निगम, भिंड