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भोपाल7 मिनट पहले
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गौहर महल में चल रहे मीना बाजार में खरीददारी करती महिला।
- थर्मल स्कैनिंग और हैंड सेनेटाइज करने के बाद दिया गया मेले में प्रवेश
- मेले में पुरूषों को नहीं मिला प्रवेश, बाहर करते रहे इंतजार
गुलाबी ठंड के बीच शुक्रवार को मीना बाजार में महिलाओं ने न सिर्फ खरीदारी की, बल्कि एक नया अनुभव भी लिया। गौहर महल में लगा यह बाज़ार इसलिए भी खास है, क्योंकि यहां सामान लेकर आईं हस्तशिल्पी महिलाएं ही हैं। पहले दिन जितनी रौनक बाजार में थी, उतना ही उत्साह महिलाओं में भी था। पूरा गौहर महल मोगरे और गेंदे की खुशबू से महक रहा था। इस मेले की खास बात यह है कि यहां पुरुषों का प्रवेश वर्जित है। इस मेले में महिलाएं ही दुकान लगाती हैं और महिलाएं ही खरीदार होती हैं।

गौहर महल में गेंदे के फूलों की सजावट मीना बाजार मेले के खास होने को बयां कर रही थीं
गेंदे के फूल से हुई सजावट
गेंदे के फूलों की सजावट इस मेले के खास होने को बयां कर रही थीं। नुमाइश के लिए रखी चीजें भी आम होने के बावजूद खास होने का एहसास करा रही थीं। बात शुरू करें भोपाली अंदाज की तो दीवाने खास में भोपाली घेरदार कुर्ता-पजामा, गरारा, शरारा, भोपाली बटुए पेश किए गए। साथ ही डिजाइनर मास्क भी आकर्षण का केंद्र रहे। मप्र हस्तशिल्प एवं हथकरघा विकास निगम द्वारा आयोजित मीना बाजार 12 दिसंबर तक चलेगा।

मेले के गेट पर महिलाओं की थर्मल स्क्रीनिंग की गई और हैंड सेनेटाइज करने के बाद दिया प्रवेश।
थर्मल स्क्रीनिंग के बाद मिला महिलाओं को प्रवेश
महिलाओं की विजिट सेफ हो इसके लिए मेले में थर्मल स्क्रीनिंग और हैंड सैनिटाइज करने बाद ही महिलाओं को प्रवेश दिया गया।

मेले में महिला ग्राहक और महिला दुकानदारों के लिए कुल्हड़ वाली चाय बनाती अनीता सोनी।
कुल्हड़ वाली चाय…
पहली बार कुल्हड़ वाली चाय लेकर अनीता सोनी ने बताया कि किसी मेले में पहली बार आईं हैं। अभी तक हमारे परिवार में पुरुष ही चाय का काम करते आए हैं। मुझे मीना बाजार के बारे में मालूम चला तो यहां चाय लेकर आई हूं।
मीना बाजार में लेकर आई मीनाकारी ज्वैलरी
मेले में मीनाकारी ज्वैलरी लेकर आईं चित्रा राव ने बताया कि मीनाकारी ज्वैलरी में मीने के वर्क से बनती है। पुराने जमाने में सोने-चांदी का होता था। अब ब्रास पर होता है।
खादी से लेकर जरी-जरदोजी के मास्क
मेले में मास्क लेकर आई फिरोज जहां ने कहा कि जिस तरीके से भोपाल में कोराेना के मरीज बढ़ रहे हैं। उसे देखते हुए उन्होंने डिजाइनर मास्क तैयार किए हैं। खादी के मास्क से लेकर जरी-जरदोजी के डिजाइनर मास्क भी वो लेकर आई हैं।
जूट के बैग की अलग-अलग वैरायटी
मेले में जूट के बैग लेकर आईं सलमा अंसारी ने कहा कि मैं जूट के बैग की अलग-अलग वैरायटी लेकर आई हूं। अच्छा लग रहा है। पूरे मेले में लेडीज ही लेडीज दिख रही हैं।
मीना बाजार कॉन्सेप्ट बहुत ही यूनीक
मेले में जूतियां लेकर आईं मैशा ने बताया कि फैब्रिक को री-यूज करके जूतियां तैयार कर रही हूं। उसी की डिजाइनर रेंज इस मेले में लेकर आई हूं। मीना बाजार कॉन्सेप्ट बहुत ही यूनीक है।
भोपाली बटुआ है खास
फैशन डिजाइनर यास्मीन खान ने बताया कि मेले में भोपाल के तुर्की कुर्ता, गरारा, शरारा लेकर आई हूं। साथ ही भोपाल के फेमस भोपाली बटुए लेकर आई हूं। जिसपर जरी-जरदोजी का वर्क किया गया है।
मीना बाजार के बारे में पढ़ा और सुना था
मेले में आईं हमिदा कुरैशी ने बताया कि भास्कर डिजिटल में खबर पढ़कर मालूम चला कि मीना बाजार लगा है। यह पढ़कर यहां मेले में आई हूं। क्रेज है मीना बाजार का। मीना बाजार के बारे में पढ़ा था, सुनने आ रहे थे। आज मीना बाजार आकर अच्छा लगा कि यहां दुकानदार और ग्राहक दोनों ही महिलाएं हैं।
खूब शॉपिंग करूंगी
मेले में आईं रूचि गाला ने बताया कि मेरी फ्रेंड ने मीना बाजार के बारे में बताया। मुझे बढ़ा एक्साइटिंग लगा। इसलिए इस बाजार में घूमने आई हूं। बहुत अच्छा लग रहा है। अभी खूब शॉपिंग करूंगी।
सात दिनों तक चलेगा बाजार
मप्र हस्तशिल्प एवं हथकरघा विकास निगम के एमडी राजीव शर्मा ने बताया कि बेगमों के समय की रवायत को एक बार फिर दोहराने का प्रयास है ‘मीना बाजार’। गौहर महल में शुरू हुए महिलाओं के खास बाजार में आर्ट पीसेज, हैंडीक्राफ्ट, हैंडलूम, ज्वेलरी से लेकर मजेदार डिशेज तक महिलाएं बेच रही हैं। सिर्फ महिलाएं ही इसमें खरीदार के तौर पर पहुंच रही हैं। सात दिनों तक चलने वाले मीना बाजार में भोपाल समेत जबलपुर, छिंदवाड़ा, बैतूल, इंदौर और उज्जैन की 40 महिलाएं अपने आर्ट एंड क्राफ्ट वर्क डिसप्ले कर रही हैं। मीना बाजार 12 दिसंबर तक सुबह 11 से रात 8 बजे तक चलेगा।

मेले के बाहर अपने परिवार की महिला का इंतजार करते पुरुष। मेले में पुरुषों का प्रवेश वर्जित था।
मेले में पुरुषों का प्रवेश था वर्जित
महिलाओं के साथ जो पुरुष आए थे। वो मीना बाजार के बाहर इंतजार करते दिखे। इस मेले में पुरुषों का प्रवेश वर्जित था।
सुल्तान जहां बेगम ने लगवाया था पहला मीना बाजार
भोपाल में 1916 में बेगम सुल्तान जहां ने महिला क्लब के माध्यम से पहली बार मीना बाजार लगवाया। बाजार में महिलाओं द्वारा निर्मित हस्तशिल्प सामग्री बिक्री के लिए रखी जाती थी। केवल महिलाओं को ही उसकी खरीदी की अनुमति थी। उनके इस प्रयास से महिलाओं का जहां आत्मसम्मान बढ़ा, वहीं उन्हें समाज में समानता का अधिकार भी मिला।