रवींद्र जडेजा ने नाबाद 44 रन की पारी खेली थी (फोटो क्रेडिट: एपी )
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले टी20 मैच में रवींद्र जडेजा के कन्कशन सब्स्टीटयूट के रूप में युजवेंद्र चहल के मैदान पर उतरने के बाद से ही इस नियम पर नई बहस छिड़ गई है
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शुक्रवार को कैनबरा में पहले टी-20 अंतरराष्ट्रीय में हरफनमौला रवींद्र जडेजा की जगह कन्कशन सब्स्टीटयूट के तौर पर आए युजवेन्द्र चहल ने 25 रन खर्च कर तीन विकेट लिए और भारत को 11 रन से जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई.
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) क्रिकेट समिति के पूर्व सदस्य टेलर ने ‘सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड’ से कहा कि कन्कशन नियम खिलाड़ी को बचाने के लिए है. उन्होंने कहा कि अगर इसका दुरुपयोग हुआ तो हो सकता है कि इसका हश्र ‘रनर’ नियम के जैसा होगा. रनर नियम को इसलिए खत्म किया गया, क्योंकि इसका दुरुपयोग हो रहा था. यह खिलाड़ियों पर है कि वे कन्कशन नियम को सही तरीके और जिम्मेदारी से लागू करें. सीरीज का दूसरा मैच रविवार को इसी मैदान पर खेला जाएगा.
यह भी पढ़ें : IND vs AUS: कन्कशन नियम पर बोले गावस्कर, अगर आप बाउंसर नहीं खेल सकते तो सब्स्टीटयूट लेने के लायक नहीं
चहल के सब्स्टीटयूट होने पर उठे सवाल
ऑस्ट्रेलियाई कोच जस्टिन लैंगर ने पहले टी20 मैच में ऑस्ट्रेलियाई पारी के शुरू होने से पहले मैच रेफरी डेविड बून को इस पर चहल के कन्कशन सब्स्टीटयूट होने पर नाराजगी जाहिर की थी. ऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर मोइजेस हेनरिक्स ने भी सवाल खड़े करते हुए कहा था कि जडेजा ऑलराउंडर हैं और उन्होंने अपनी बल्लेबाजी कर ली थी. चहल एक गेंदबाज हैं.सब्स्टीटयूट भी जडेजा जैसा ही होना चाहिए था.