जबलपुर में कोरोना: 8 महीने में सितंबर में सबसे ज्यादा सितम, 5791 केस, 69 मौत, जिले में संक्रमितों का आंकड़ा 15 हजार के करीब पहुंचा

जबलपुर में कोरोना: 8 महीने में सितंबर में सबसे ज्यादा सितम, 5791 केस, 69 मौत, जिले में संक्रमितों का आंकड़ा 15 हजार के करीब पहुंचा


  • Hindi News
  • Local
  • Mp
  • Jabalpur
  • In 8 Months, The Highest Number Of Cases In September, 5791 Cases, 69 Deaths, The Number Of Infected In The District Reached Near 15 Thousand.

Ads से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप

5 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

जबलपुर मेडिकल के कोविड वार्ड की तस्वीर

  • जिले में 268 दिनों में 229 लोगों की हो चुकी है कोरोना से मौत, 2.27 लाख की हो चुकी है कोरोना जांच

प्रदेश में सबसे पहला कोरोना का मामला जबलपुर में 20 मार्च को आया था। तब चार लोग संक्रमित थे और उनकी ट्रेवल हिस्ट्री मिली थी। तब से अब तक कोरोना के कुल संक्रमितों की संख्या 14 हजार 852 पहुंच गई। जिले में कोरोना का सबसे अधिक कहर सितंबर में दिखा गया था। इस एक माह में कोरोना के कुल पांच हजार 791 केस आए थे, जो 38 प्रतिशत है। इसी महीने सबसे अधिक मौतें भी हुई थीं। इसके बाद से कोरोना संक्रमण के मामले घट रहे हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक सितंबर में ही अधिकतर गतिविधियां शुरू हुई थी। लोगों की आवाजाही भी बढ़ गई थी।

कोविड वार्ड में भर्ती मरीज

कोविड वार्ड में भर्ती मरीज

जुलाई में तीन गुना हो गए थे केस

जबलपुर में जुलाई से कोरोना ने रफ्तार पकड़ी थी। 20 मार्च से जून तक जिले में कोरोना के कुल संक्रमितों की संख्या 405 थी, जो जुलाई में बढ़कर 1304 पहुंच गई थी। जुलाई में कुल 899 केस आए थे। अगस्त में 2930 नए केस सामने आ गए। सितंबर में कोरोना अपने शिखर पर था। अक्टूबर में 50 प्रतिशत की गिरावट आई। कुल केस 2782 इस महीने में सामने आए थे। जिले में कोरोना से अगस्त से अक्टूबर के तीन महीने में ही सबसे अधिक मौतें भी हुई थी। तब 174 लोगों ने जान गंवाई, ये कुल मौतों का 74 प्रतिशत था।

कोरोना संक्रमित की जांच का प्रतीकात्मक फोटो

कोरोना संक्रमित की जांच का प्रतीकात्मक फोटो

कोरोना संक्रमितों का रिकवरी रेट बेहतर हुआ

जिले में अब जाकर कोरोना का प्रभाव कम होता दिख रहा है। जिले में कोरोना का रिकवरी रेट 95.17 प्रतिशत है। यह देश के रिकवरी रेट से बेहतर है। देश का रिकवरी रेट 94.88 प्रतिशत है। प्रदेश में कोरोना से स्वस्थ होने का प्रतिशत 92.1 प्रतिशत है। जिले में चार से 100 मरीज होने में 47 दिन लगे थे। इसके बाद 189 दिन में 13 हजार कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा पार कर गया। 100 से 200 का आंकड़ा पार करने में 17 दिन लगे थे। सितंबर से कोरोना के मरीज घटते जा रहे हैं।

अब गंभीर मरीजों को लेकर चिंता
ठंड ने दस्तक दे दी है। चिकित्सक कहते हैं कि यह मौसम कोरोना को लेकर ज्यादा नुकसानदेह बन सकता है। सर्दी का मौसम रक्तचाप, शुगर, हृदय व सांस की बीमारियों से पीड़ित मरीजों के लिए खतरनाक है। ऐसे में यदि वे कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गए तो उन्हें अतिरिक्त जोखिम उठाना पड़ सकता है। यहीं कारण था कि कलेक्टर ने जिले में वृद्धजन सर्वे की शुरुआत कराई थी। लगभग 75 हजार लोगों को चिन्हित किया गया, जिसकी उम्र 50 से अधिक है। जिले में कोरोना से मरने वालों में इसी उम्र वालों की संख्या 90 प्रतिशत के लगभग है।

कोरोना से बचना है तो मास्क पहनें

कोरोना से बचना है तो मास्क पहनें

आम लोगों में जागरुकता की कमी नुकसानदेह
कोरोना से बचाव के लिए आम नागरिकों में जागरुकता की कमी नजर आ रही है। लोग मास्क पहनने और शारीरिक दूरी का पालन करने में अब भी लापरवाही बरत रहे हैं। यह लापरवाही ठीक नहीं है। आंकड़ों में कोरोना का संक्रमण भले ही काबू में दिख रहा हो, लेकिन कोरोना का खतरा टला नहीं है। ठंड के मौसम में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल सकता है।

डॉ. रत्नेश कुरारिया, सीएमएचओ



Source link