एमपी में यूथ कांग्रेस के चुनाव में फर्जीवाड़े का आरोप, राहुल गांधी से शिकायत

एमपी में यूथ कांग्रेस के चुनाव में फर्जीवाड़े का आरोप, राहुल गांधी से शिकायत


कांग्रेस नेता राहुल गांधी. फाइल फोटो

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में हाल ही में हुए यूथ कांग्रेस चुनाव (Youth Congress Election) को लेकर बवाल मचता नजर आ रहा है. चुनाव के तीन दिन बाद तक उसके परिणाम (Result) घोषित नहीं किए गए हैं.

भोपाल. मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में हाल ही में हुए यूथ कांग्रेस चुनाव (Youth Congress Election) को लेकर बवाल मचता नजर आ रहा है. चुनाव के तीन दिन बाद तक उसके परिणाम (Result) घोषित नहीं किए गए हैं. इतना ही नहीं खुद कांग्रेसी ही इस चुनाव प्रक्रिया पर सवाल खड़े कर रहे हैं. यूथ कांग्रेस (Congress) से जुड़े कार्यकर्ता बड़े नेताओं पर अपने चहेतों को पद दिलाने का आरोप भी लगा रहे हैं. इसको लेकर कई जिलों के कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी से शिकायत भी की है.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक राहुल गांधी को भेजी गईं शिकायतों में गंभीर आरोप लगाए गए हैं. आरोप है कि यूथ कांग्रेस चुनाव वोटिंग के बाद नए नियम जारी किए गए. बताया जा रहा है कि नए नियम बीते 14 दिसंबर को सुबह 9 बजे डीआरओ ने सोशल मीडिया पर जारी किए गए. चुनाव से पहले तक सदस्य बनाए गए. इसके बावजूद भी 2018 की वोटर लिस्ट के आधार पर ऑनलाइन वोटिंग करा दी गई. यूथ कांग्रेस में सदस्यता के लिए 27 फरवरी 2020 को ऑनलाइन मेंबरशिप शुरू की गई. इसके लिए फीस 125 रुपए प्रति सदस्य ली गई थी.

बड़े नेता कर रहे गड़बड़ी
मीडिया रिपोर्ट के राहुल गांधी से की गई शिकायत में कहा गया है कि प्रदेश के बड़े नेता अपने चहेतों को युवक कांग्रेस में पद दिलाना चाहते हैं. राहुल गांधी ने ‘नेता बनो- नेता चुनो’ के कॉन्सेप्ट को लेकर युवाओं को पार्टी से जोड़ने के लिए चुनाव कराए, लेकिन उनकी इस सोच को पलीता लगता दिख रहा है. मध्य प्रदेश में युवक कांग्रेस के चुनाव 6 साल बाद हुए. इसके लिए 10, 11 और 12 दिसंबर को ऑनलाइन वोटिंग हुई. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम से वोटिंग कराए जाने से हर जिले में सैकड़ों सदस्य वोट नहीं डाल पाए या फिर उनका वोट रद्द हो गया.लगे गंभीर आरोप

यूथ कांग्रेस चुनाव के नए नियमों के अनुसार एक वोट के रद्द होने के केस में वह वोट सभी कमेटियों के परिणाम से हटा दिया जाएगा. इसका मतलब है कि एक सदस्य द्वारा डाले गए सभी 5 वोट अमान्य हो जाएंगे. चुनाव में मात्र 1.10 लाख सदस्यों ने वोटिंग की, जबकि मध्य प्रदेश में वोटर 3.5 लाख हैं. आरोप लगाया गया है कि यह संभव नहीं है कि इतनी कम वोटिंग हुई हो. प्रदेश अध्यक्ष पद के उम्मीदवार विवेक त्रिपाठी ने वोटिंग के बाद नियम जारी करने को लेकर चुनाव प्रभारी के समक्ष लिखित आपत्ति दर्ज कराई है. उन्होंने कहा है कि नियम पहले जारी किए जाना चाहिए थे. वोटिंग होने के तीन दिन बाद नियम जारी होना कोई सुनियोजित एजेंडा का हिस्सा है.





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