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- Monday Will Be The Shortest Day Of 2020, After 800 Years In The Sky, There Will Be A Jupiter Saturn Mahamilan
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भोपाल12 मिनट पहले
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800 साल बाद होगी दुर्लभ घटना, घर की छत से देख पाएंगे बृहस्पति और शनि ग्रह के महामिलन को।
- घटना के समय बृहस्पति और शनि की पृथ्वी से 73 करोड़ किमी से अधिक दूरी पर होंगे
साल 2020 की विदाई की ओर है। साल का सबसे छोटा दिन सोमवार होगा और खगोल विज्ञान के क्षेत्र में 800 साल बाद एक बड़ी घटना होने जा रही है। 21 दिसंबर को साल की सबसे लंबी रात की शुरुआत होते ही सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह गुरु और विशालकाय ग्रह शनि का आकाश में महामिलन होगा। सूर्य की परिक्रमा करते हुए लगभग 20 साल में ये दोनों समीप तो आते दिखते हैं, लेकिन इतनी अधिक नजदीकियां सन 1226 को दिखाई देने और 1623 में घटित होने के बाद 2020 में 21 दिसंबर को ही दिख पाएंगी। 1623 में यह घटना सूर्य की उपस्थिति के कारण देखी नहीं जा सकी थी। लेकिन सोमवार को शाम इस दुर्लभ घटना को शाम से देखा जा सकेगा।
नेशनल पुरस्कार प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने बताया कि ग्रेट कंजक्शन की इस घटना के समय बृहस्पति की पृथ्वी से दूरी लगभग 5.924 एस्ट्रोनॉमिकल यूनिट तो शनि की दूरी 10.825 एस्ट्रोनॉमिकल यूनिट होगी। दोनों ग्रह इस तरह मिलते जरूर दिखेंगे, लेकिन ये ग्रह वास्तव में एक दूसरे से 73 करोड़ किमी (733860864 किमी) से अधिक दूरी पर होंगे।

नेशनल पुरस्कार प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने बाइनाकुलर का इंतजाम कर लिया है।
घर की छत से दिखेगा दुर्लभ नजारा
सारिका घारू ने बताया कि शाम पांच बजे के आसपास किसी बड़ी इमारत से दूर खुले स्थान पर पहुंच जाएं, जहां से दक्षिण-पश्चिम में डूबता सूर्य दिख रहा हो। यह वही स्थान होगा, जहां कुछ देर बाद आप इस महामिलन को देख पाएंगे। अंधेरा होते ही आप उस स्थान पर जहां कि सूर्य था ग्रहों की जोड़ी को देखेंगे, जिसमें ज्यादा चमकता ग्रह जुपिटर होगा। इसके बाएं ओर कुछ ऊपर शनि होगा।
सारिका ने बताया कि कि अगर आपके पास कोई अच्छा बाइनोकुलर या टेलिस्कोप है, तो आप गुरु के चार बड़े चंद्रमा और शनि के वलय को भी देख पाएंगे। इसलिए 21 दिसंबर की शाम निहारिए आकाश की ओर और देखिए दो ग्रहों के इस महामिलन को, क्योंकि अब इतनी नजदीकी के लिए 15 मार्च 2080 का इंतजार करना होगा।
बृहस्पति इसलिए है महाग्रह
बृहस्पति का पृथ्वी से लगभग 300 गुना अधिक द्रव्यमान है और उसका व्यास 14000 किमी है, जो कि पृथ्वी के व्यास की तुलना में लगभग 11 गुना अधिक है। गुरु पर दिखने वाला ग्रेट रेड स्पॉट ही पृथ्वी के व्यास से बड़ा है। सोलर सिस्टम के सभी ग्रहों को इकट्ठा मिला दें, तो भी उनके द्रव्यमान से लगभग ढ़ाई गुना अधिक है। इन सबके बाद भी वह सिर्फ 10 घंटे में अपने अक्ष पर एक रोटेशन कर लेता है। जुपिटर के 79 मून खोजे जा चुके हैं, जिनमें से 53 का नामकरण किया जा चुका है तथा 26 को नाम दिया जाना बाकी है। शनि के 82 मून खोजे गए हैं, जिनमें से 53 का नामकरण हो चुका है तथा 29 का होना बाकी है।