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- The First Programs To Be Held At 12 Pm Were At 7 Pm, A Prayer To Jesus For Those Who Lost Their Lives In Corona
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ग्वालियर40 मिनट पहले
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प्रभु यीशु के जन्म से पहले फालका बाजार चर्च में प्रार्थना करते हुए
- शाम 7 बजे से रात 9 बजे तक हुए आयोजन
- रात 10 बजे किया कर्फ्यू का पालन
पहली बार ऐसा हुआ है कि रात 12 बजे यीशु के जन्मदिन के बाद गाए जाने वाले कैरोल गीत और प्रार्थना शाम 7 बजे हुई। शहर के चर्च में शाम 7 बजे से रात 8.30 बजे तक प्रार्थना की गई। इस प्रार्थना में कोरोना महामारी के दौरान जान गंवाने वाले, संक्रमण के चलते अपना व्यापार और काम खोने वाले लोगों के लिए प्रभु यीशु से प्रार्थना की गई। प्रभु यीशु के जन्म होने साथ ही चर्च में एक दूसरे को शुभकामनाएं देने का दौर शुरू हो गया। एक दूसरे को बधाई देकर यीशु के जन्मदिवस को कोविड गाइड लाइन के तहत मनाने का संकल्प लिया। 24 दिसंबर शाम से शुरू हुआ यीशु के जन्म का उत्सव अब अगले 12 दिन तक चलेगा। शुक्रवार को 25 दिसंबर की सुबह 7 बजे से फिर चर्च में प्रार्थना होगी और केक काटा जाएगा।
कोविड गाइड लाइन का किया पालन
शहर की सबसे बड़ी और पुरानी चर्च फालका बाजार चर्च में शाम 7 बजे ईसाई धर्म के सदस्य एकत्रित हुए। सभी के बैठने और खड़े होने के लिए सोशल डिस्टेंस के साथ व्यवस्था की गई थी। साथ ही चर्च में प्रवेश से पहले सेनिटाइजर और मास्क वितरित किए गए। इसके बाद सभी कार्यक्रम शाम 7 बजे से रात 9 बजे के बीच पूरे किए गए हैं। क्योंकि रात 10 बजे के बाद कोरोना के चलते कर्फ्यू लागू हो जाता है जो अगले दिन सुबह 6 बजे तक चलता है।
25 दिसंबर को होंगे यह आयोजन
शहर में 22 चर्च हैं, इनमें से 17 चर्च और 5 पैरा चर्च हैं। जिन चर्च का आकार छोटा होता है उसे पैरा चर्च कहते हैं। गुरुवार 24 दिसंबर को शहर के चर्च में प्रार्थना और कैरोल गीत गाए गए हैं। साथ ही यीशु के जन्म से पहले खुशियां मनाईं गईं। 25 दिसंबर को भी सुबह 7 बजे से यीशु के जन्मदिवस पर प्रार्थना का आयोजन होगा। साथ ही कैरोल गीत के साथ रम केक काटा जाएगा। इस केक को सभी में वितरित किया जाएगा। साथ ही बड़े बच्चों को उपहार देकर यीशु के जन्म की शुभकामनाएं देंगे।