धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम 2020: मध्यप्रदेश में कल से लागू होगा लव जिहाद के खिलाफ कानून; शिवराज सरकार ला रही अध्यादेश

धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम 2020: मध्यप्रदेश में कल से लागू होगा लव जिहाद के खिलाफ कानून; शिवराज सरकार ला रही अध्यादेश


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भोपाल6 मिनट पहले

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मध्यप्रदेश सरकार अब लव जिहाद के खिलाफ कल से अध्यादेश ला रही है।- फाइल फोटो

  • विधानसभा सत्र स्थगित होने पर फैसला
  • यूपी की राह पर ही चला मध्यप्रदेश शासन

मध्यप्रदेश में लव जिहाद के खिलाफ प्रस्तावित धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम 2020 कल से लागू हो जाएगा। शिवराज सरकार का लव जिहाद के खिलाफ अध्यादेश ला रही है। इसे कैबिनेट से पहले ही अपनी मंजूरी दे दी है। अब इसे 28 दिसंबर से शुरू हो रहे विधानसभा के शीतकालीन सत्र में पेश किया जाना था, लेकिन सत्र रद्द होने के कारण के कारण अध्यादेश ला रही है।

अब इसे छह महीने के अंदर पास कराना होगा। ऐसे में इस बजट सत्र में इसे पेश किया जाएगा। शासन ने इसे राज्यपाल के पास भेज दिया है। राज्यपाल आनंदी बेन आज भोपाल पहुंच गई हैं। कहा जा रहा है कि राज्यपाल देर शाम अध्यादेश को मंजूरी दे देंगी। इसके बाद 29 दिसंबर को इसे राजपत्र में प्रकाशित कर दिया जाएगा।

बिल के 10 मुख्य पॉइंट

  • बहला-फुसलाकर, धमकी देकर जबर्दस्ती धर्मांतरण और शादी करने पर 10 साल की सजा का प्रावधान होगा। यह अपराध गैर जमानती होगा।
  • धर्मांतरण और धर्मांतरण के बाद होने वाले विवाह के 2 महीने पहले डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट को धर्मांतरण और विवाह करने और करवाने वाले दोनों पक्षों को लिखित में आवेदन देना होगा।
  • बगैर आवेदन दिए धर्मांतरण करवाने वाले धर्मगुरु, काजी, मौलवी या पादरी को भी 5 साल तक की सजा का प्रावधान है।
  • धर्मांतरण और जबरन विवाह की शिकायत पीड़ित, माता- पिता, परिजन या गार्जियन द्वारा की जा सकती है।
  • सहयोग करने वालों को भी मुख्य आरोपी बनाया जाएगा। उन्हें अपराधी मानते हुए मुख्य आरोपी की तरह ही सजा होगी।
  • जबरन धर्मांतरण या विवाह कराने वाली संस्थाओं का रजिस्ट्रेशन रद्द किया जाएगा।
  • इस प्रकार के धर्मांतरण या विवाह कराने वाली संस्थाओं को डोनेशन देने वाली संस्थाएं या लेने वाली संस्थाओं का रजिस्ट्रेशन भी रद्द होगा।
  • इस प्रकार के धर्मांतरण या विवाह में सहयोग करने वाले सभी आरोपियों के विरुद्ध मुख्य आरोपी की तरह ही कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
  • अपने धर्म में वापसी करने पर इसे धर्म परिवर्तन नहीं माना जाएगा।
  • पीड़ित महिला और पैदा हुए बच्चे को भरण-पोषण का हक हासिल करने का प्रावधान किया गया है।
  • आरोपी को ही निर्दोष होने के सबूत प्रस्तुत करना होगा।



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