ब्लूम चौक: पहले सुधारने थे वैकल्पिक मार्ग, फिर बंद करना चाहिए था अंडर ब्रिज, विभागों में को-ऑर्डिनेशन की कमी, लोग परेशान

ब्लूम चौक: पहले सुधारने थे वैकल्पिक मार्ग, फिर बंद करना चाहिए था अंडर ब्रिज, विभागों में को-ऑर्डिनेशन की कमी, लोग परेशान


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जबलपुर20 मिनट पहले

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विभागों में को-ऑर्डिनेशन की कमी, लोग परेशान

  • जिला प्रशासन, पुलिस और नगर निगम के अधिकारियों का आपस में समन्वय नहीं
  • पीक टाइम पर सड़कों पर चलना मुश्किल, मार्ग डायवर्सन से हो रही बहुत परेशानी

अंडर ब्रिज 1 दिसम्बर से 90 दिनों के लिए बंद कर दिया गया है। लगभग 1 माह से शहर की 40 प्रतिशत आबादी सड़कों पर जाम की प्रताड़ना झेल रही है। दूसरे वैकल्पिक मार्गों जैसे कि मदन महल से आमनपुर-गंगासागर सड़क, गढ़ा गौतम मढ़िया से संजीवनी नगर, गढ़ा रेलवे क्रॉसिंग से गुलौआ चौक आदि पर वाहन तो दूर की बात है कदमों की डगर तक कठिन है।

शहर को जाम से बचाने तय समय सीमा के भीतर पहले इन मार्गों की दुरुस्तगी करनी चाहिए थी, लेकिन जिम्मेदारों से ऐसा न किया गया। ब्लूम चौक पर पनपी इस अव्यवस्था की मुख्य वजह जिला प्रशासन, ट्रैफिक पुलिस, नगर निगम और रेलवे के बीच को-ऑर्डिनेशन की कमी होना है। इससे पूरे शहर के ट्रैफिक का कबाड़ा हो चुका है।

जाम के लिए कुख्यात प्वॉइंट

मध्य-पश्चिम क्षेत्र की तकरीबन हर मुख्य सड़क चलने लायक नहीं है। दमोहनाका से मदन महल मार्ग, मेडिकल से प्रेम नगर मार्ग पर फ्लाई ओव्हर निर्माण, आमनपुर रोड पर सीवर लाइन का काम, गुलौआ से रेलवे क्रॉसिंग, गौतम मढ़िया-संजीवनी नगर सडक निर्माण आदि होने से ये मार्ग तो रोजाना जाम के लिए कुख्यात बने हुए हैं।

आखिर अमला क्यों नहीं बढ़ाते?

ब्लूम चौक पर सिग्लन बंद होने के बाद ट्रैफिक पुलिस का कर्मचारी मैन्युअली यातायात कंट्रोल कर रहा है। यहाँ मदन महल से ब्लूम चौक तक के मार्ग पर दो ट्रैफिक कर्मचारियों की आवश्यकता है, लेकिन एक भी दिखाई नहीं देता। आदित्य अस्पताल तरफ का मार्ग अवैध पार्किंग से कराहता है। यहाँ से वैकल्पिक तौर पर निकलना चुनौतियों भरा है।

सिर्फ अनाउंसमेंट करके पा ली छुट्टी, वाहन चालक भटक रहे

ट्रैफिक पुलिस लगभग हर चौराहे पर लगे अनाउंसमेंट सिस्टम पर राहगीरों को ब्लूम चौक की तरफ न जाने की हिदायत दे रही है। उसकी एवज में अन्य वैकल्पिक राह ढूँढने कहा जा रहा है, लेकिन यह सूचना नहीं दी जा रही कि कौन सी सड़क वाकई मोटरेबल है।

होमसाइंस कॉलेज से ब्लूम चौक जाने वालों को आदित्य अस्पताल वाली सड़क से निकलने कहा जा रहा है। ट्रैफिक पुलिस की सूचना से राहगीर मार्ग डायवर्ट करने के बाद पछताते हैं। मानस भवन के सामने वाली सड़क के दोनों तरफ चारपहिया वाहनों की भरमार रहती है। यही हालात स्टेडियम, पुराने बस स्टैण्ड, भँवरताल, रसल चौक के चारों तरफ के हैं।

ऐसे कराह रहे वैकल्पिक मार्ग

  • मदन महल से आमनपुर-गंगासागर मार्ग पर सीवर लाइन का काम स्पीड पकड़ने की राह देख रहा है। अंडर ब्रिज बंद होने और शास्त्री ब्रिज पर जाम से बचने लोग अपनी जान जोखिम में डालकर इस मार्ग से निकल रहे हैं।
  • इसी तरह गढ़ा गौतम मढ़िया से संजीवनी नगर के एक हिस्से में सड़क का निर्माण हो चुका है। एक पट्टी बनने के बाद दूसरी पट्टी को यदि जल्द तैयार किया जाए तो राहत मिल सकती है, लेकिन यहाँ भी कहानी आधी अधूरी सी है।
  • यहाँ गढ़ा ओवर ब्रिज के हिस्से में सड़क का मिलान किया जा रहा है, जिससे तिराहे में तो शाम के वक्त बेजा जाम के हालात बनते हैं।
  • गढ़ा रेलवे क्रॉसिंग से गुलौआ चौक और वहाँ से गौतम मढ़िया तक बनी आधी अधूरी सड़क पर रेलवे फाटक बंद होने से जाम के हालात बनते हैं।



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