आंखों के सामने कार चोरी: उज्जैन में भाजपा के पूर्व पार्षद को उतारकर कार लेकर भागा ड्राइवर, कार में थे 9.40 लाख रुपए

आंखों के सामने कार चोरी: उज्जैन में भाजपा के पूर्व पार्षद को उतारकर कार लेकर भागा ड्राइवर, कार में थे 9.40 लाख रुपए


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उज्जैन31 मिनट पहले

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कार में खराबी बताकर ड्राइवर ने पूर्व पार्षद को नीचे उतारा और कार लेकर भाग गया

  • पुलिस ने ड्राइवर के खिलाफ दर्ज की रिपोर्ट
  • घटनास्थल से तीन किमी दूर सुनसान सड़क किनारे मिली कार
  • कार से रुपयों से भरा बैग गायब

उज्जैन में भाजपा के एक पूर्व पार्षद को उनके ही ड्राइवर ने जोर का झटका दिया। उन्हें कार से उतारकर कार लेकर फरार हो गया। कार में 9.40 लाख रुपए से भरा बैग था। पहले तो वह कुछ समझ नहीं पाए लेकिन जब नहीं लौटा तो उन्हें माजरा समझ में आ गया। उन्होंने ऑटो से पीछा किया। ड्राइवर तो नहीं मिला लेकिन घटनास्थल से करीब तीन किमी दूर कार सुनसान सड़क पर खड़ी मिल गई। कार से रुपयों से भरा बैग भी गायब था। पुलिस ने आरोपी ड्राइवर के खिलाफ आईपीसी की धारा 381 के तहत रिपोर्ट दर्ज कर तलाश शुरू कर दी है।

मामला पूर्व पार्षद गजेंद्र सकलेचा से जुड़ा है। सकलेचा मंगलवार की रात अपने भाई भूपेंद्र के साथ बड़नगर से उज्जैन आ रहे थे। कार उनका ड्राइवर विनोद गिरी चला रहा था। रात करीब 11 बजे मुल्लापुरा पहुंचने पर ड्राइवर ने कार रोक दी। बोला, कुछ खराबी आ गई है। कार में बैठे दोनों भाई भी नीचे उतर गए। ड्राइवर ने पहले कार का इंजन चेक किया। उसके बाद पीछे की डिक्की खोली। उसके बाद सीट पर बैठ कर गाड़ी स्टार्ट करने की कोशिश की। गाड़ी स्टार्ट होते ही भूखी माता मंदिर की ओर लेकर जाने लगा।

गजेंद्र ने बताया कि पहले तो हमने समझा कि कार चेक कर रहा है। उसके बाद उसने कार की स्पीड बढ़ा दी। कुछ देर बीतने के बाद जब वह नहीं लौटा तो उसके मोबाइल पर फोन किया। फोन बंद था। गजेंद्र ने बताया कि कुछ देर बाद माजरा समझ में आ गया। उसके बाद मैंने अपने परिचितों को फोन किया। उन्होंने पुलिस अधिकारियों को घटना की जानकारी दी। वारदात की जानकारी होते ही पुलिस ने नाकेबंदी कर दी। गजेंद्र ने बताया कि वह भी ऑटो से पीछा करते हुए भूखी माता मंदिर की ओर गए। वहां पर कार सड़क किनारे सुनसान इलाके में खड़ी मिल गई। उसमें रुपयों से भरा बैग गायब था।

बैग में जमीन की रजिस्ट्री के पैसे थे

गजेंद्र ने बताया कि वह कॉलोनाइजर हैं। मंगलवार शाम को बड़नगर में रहने वाले अपने भाई भूपेंद्र के पास गए थे। वहां से रात में कार से लौट रहे थे। बैग में जमीन की रजिस्ट्री के पैसे थे।

एक साल पहले ही रखा ड्राइवर

गजेंद्र ने बताया कि उन्होंने विनोद को करीब एक साल पहले ही ड्राइवर की नौकरी पर रखा था। वह धार जिले के मनासा तहसील का रहने वाला है। ड्राइवर की नौकरी पर रखने से पहले उसके बारे में पूरी तहकीकात की थी। उन्होंने बताया कि वारदात के बाद से ही विनोद का मोबाइल स्विच ऑफ है।

क्या कहती है धारा 381

भारतीय दंड संहिता की धारा 381 के अनुसार, जो भी कोई लिपिक या सेवक होते हुए, या लिपिक या सेवक के रूप में नियुक्त होते हुए, अपने मालिक के कब्जे की किसी संपत्ति की चोरी करेगा, तो उसे सात वर्ष की सजा मिलेगी। साथ ही वह आर्थिक दण्ड के लिए भी उत्तरदायी होगा।



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