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उज्जैन16 मिनट पहले
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महिदपुर के इसी डाकघर में खाता धारकों के खाते से निकल गए 20 लाख रुपए
- अलग-अलग तारीखों में फर्जी हस्ताक्षर से निकाली धनराशि
- आरोपी डाक सहायक को किया गया है निलंबित
उज्जैन के महिदपुर उप डाकघर में खाताधारकों के खातों से फर्जी हस्ताक्षर कर 20.42 लाख के गबन का मामला सामने आया है। यह धोखाधड़ी किसी और ने नहीं बल्कि खुद डाक सहायक ने की है। पुलिस उसके विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
पुलिस ने बताया कि महिदपुर उप डाकघर के संयुक्त खाता धारक आदित्य राठौर व सचिन राठौर और प्रदीप उथरा व कुलदीप उथरा ने उज्जैन संभाग के डाकघर निरीक्षक जितेंद्र सोलंकी से शिकायत की थी कि उनके खातों से फर्जी हस्ताक्षर कर 20 लाख 42 हजार की धनराशि का गबन किया गया है। जिस पर डाकघर अधिकारियों ने जांच कराई तो शिकायत सही मिली। इसके बाद पुलिस ने आरोपी डाक सहायक के खिलाफ धोखाधड़ी की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की।
ऐसे हुआ गबन का खुलासा
संयुक्त खाता धारक आदित्य व सचिन राठौर ने बताया कि उन्होंने अपने बचत खाते से 13 जनवरी को 50 हजार की निकासी की थी। उसके बाद खाते में चार लाख दो हजार नौ सौ 57 रुपए शेष थे। उन्होंने बताया कि कि उनके आवर्ती जमा खाता पूरा होने के बाद 25 सितंबर को परिपक्वता राशि को जब वे अपने बचत खाते में जमा करने गए तो पता चला कि बचत खाते की राशि में गड़बड़ है। इसकी शिकायत उन्होंने उपसंभागीय निरीक्षक जितेंद्र सोलंकी से की। इसी तरह से एक अन्य संयुक्त खाता धारक प्रदीप उथर और कुलदीप उथरा ने शिकायत की थी कि उनके बचत खाते में धनराशि की हेराफेरी की गई है। जितेंद्र सोलंकी ने बताया कि विभागीय जांच में दोनों खाता धारकों के खातों में गबन किए जाने की पुष्टि हुई। इसके बाद मामला स्थानीय पुलिस को सुपुर्द किया गया।
इन तारीखों में फर्जी हस्ताक्षर से हुई है निकासी
प्रदीप उथरा ने बताया कि तीन मई 2019 को उनके संयुक्त बचत खाते में कुल 29 लाख एक हजार रुपए खाते में जमा हुए। जिसकी पासबुक में इंट्री हुई। इस राशि में एक लाख छह हजार तीन सौ 74 रुपए ब्याज भी जुड़े। इस तरह से खाते में कुल 30 लाख सात हजार चार सौ 76 रुपए थे। उसके बाद 24.12.2019 को साढ़े चार लाख रुपए, 13.01.2020 को दो लाख रुपए, 29.01.2020 को साढ़े चार लाख रुपए, 04.02.2020 को साढ़े तीन लाख रुपए, 07.02.2020 को पचास हजार रुपए और 11.02.2020 पचास हजार रुपए की निकासी हुई। इस तरह कुल 15 लाख पचास हजार रुपए निकाले गए। जांच में निकासी फार्म पर फर्जी हस्ताक्षर की पुष्टि हुई। इधर, आदित्य राठौर ने बताया कि उनके संयुक्त खाते से भी 01.05.2019 को तीन लाख रुपए, 02.12.2019 को एक लाख दो हजार रुपए और 13.02.2019 को 90 हजार रुपए की निकासी की गई थी। इस राशि को भी उनके फर्जी हस्ताक्षर से निकाले गए हैं।
मौखिक स्वीकार किया लेकिन बयान देने नहीं आए राशिद खान
डाकघर निरीक्षक जितेंद्र सोलंकी ने बताया कि मामला संज्ञान में आने से पहले राशिद खान का ट्रांसफर तराना उप डाकघर में हो गया था। लेकिन जैसे ही मामला संज्ञान में आया उन्हें निलंबित कर दिया गया। आरोपी राशिद ने धनराशि के गबन की बात मौखिक रूप से स्वीकार की है लेकिन लिखित रूप से बयान देने नहीं आ रहे हैं। इसके लिए उन्हें नोटिस भी भेजी गई है।