IIT के छात्र की आत्महत्या का मामला: पिता बोले- बेटे ने सिलेक्शन का ज्यादा तनाव ले लिया था, पबजी की बात रिश्तेदार ने बोल दी

IIT के छात्र की आत्महत्या का मामला: पिता बोले- बेटे ने सिलेक्शन का ज्यादा तनाव ले लिया था, पबजी की बात रिश्तेदार ने बोल दी


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इंदौर19 मिनट पहले

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सिंगरौली के विकास ने जहर खाकर की थी आत्महत्या।

मध्य प्रदेश के सुपर 100 में आ चुके सिंगरौली के छात्र विकास तिवारी की आत्महत्या के मामले में तीसरे दिन उसके पिता धर्मराज तिवारी ने जानकारी दी कि बेटा आईआईटी में सिलेक्शन को लेकर ज्यादा परेशान था। वह इतना होनहार था, बोर्ड एक्जाम में 13 वें स्थान पर आया था। उसने एक साल राजस्थान में आईआईटी की तैयारी की, लेकिन मनपसंद CS ब्रांच ना मिल पाने के कारण परेशान था। पिता का कहना है, पोस्टमॉर्टम करवाने के दौरान आए रिश्तेदार ने गलती से पबजी का बोल दिया था, जबकि वह यह गेम नहीं खेलता था। बता दें कि विकास ने बुधवार को इंदौर में जहर खाकर आत्महत्या कर ली थी।

मामले में जांच कर रही जूनी इंदौर पुलिस परिजन के बयानों का इंतजार कर रही है। पुलिस ने सुसाइड नोट जब्त कर लिया है। उधर, विकास की मौत के तीसरे दिन पिता ने मीडिया से बात की। पेशे से सरकारी स्कूल में प्राचार्य और चितरंगी ब्लाॅक इकाई में राज्य शिक्षक संघ के अध्यक्ष धर्मराज तिवारी ने बताया कि बेटा बहुत होनहार था। वह दो बार IIT सिलेक्ट हो चुका था, लेकिन उसे मनपसंद सीएस ब्रांच नहीं मिली, जिससे वह दुखी थी।

इसके बाद उसका एसजीएसआईटीएस में एडमिशन करवाया। वह सेकंड इयर का छात्र का था, लेकिन यहां भी संतुष्ट नहीं होने पर उसने यूपीएससी की तैयारी के लिया एडमिशन लिया था। वह पढ़ाई और अपने करियर को लेकर काफी चिंतित था। पिता का कहना है कि किसी ने वायरल कर दिया था, वे बेटे का शव लेना नहीं चाहते, लेकिन ऐसा नहीं था। वह झूठी बात थी। उनके परिजन नितेश तिवारी, सौरभ तिवारी इंदौर से शव लेकर गांव पहुंचे। वहां धार्मिक रीति-रिवाज के अनुसार उसे अंतिम विदाई दी गई।

ये लिखा सुसाइड नोट में
जो मैंने किया (आत्महत्या) माता-पिता उसके लिए मुझे क्षमा करें। मैंने जो गलत (आत्महत्या) किया है, लेकिन मैं टूट गया हूं। मैं नहीं जानता कि मैं क्या कहूं, लेकिन मैं आप तीनों (माता-पिता-बहन) से बहुत प्यार करता हूं, लेकिन पिछले दो-तीन सालों की घटनाओं (आईआईटी में पसंदीदा सीएस ब्रांच ना मिलने से) के कारण मैं अपने आप से घृणा करने लगा था। मैं जानता हूं कि यह(आत्महत्या) आप तीनों के लिए दर्दनाक होगा, लेकिन यह जीवन है और आपको आगे बढ़ना ही होगा। मेरे जैसे नहीं, अपनी जान देकर। आपको मजबूत बनना होगा। यह मैं लिख रहा हूं, लेकिन मेरे हाथ कांप रहे हैं। मैं जानता हूं कि आप यह नहीं पढ़ पाएंगे, लेकिन कोई व्यक्ति आपके लिए यह पत्र को अवश्य पढ़ेगा। मैं एक बार फिर आपसे माफी मांगता हूं। गुडबाय।



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