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- Municipal Officials, Employees Steal Four Files Related To The Construction Of The Building, Two Days Later The Lokayukta Is Produced
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ग्वालियर25 मिनट पहले
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नगर निगम मुख्यालय, यहीं से चोरी हुई भवन निर्माण की फाइलें
- लोकायुक्त में हाजिर होने से पहले कराया मामला दर्ज
- सहायक सिटी प्लानर महेन्द्र अग्रवाल की शिकायत पर विश्वविद्यालय थाना में एफआईआर
लोकायुक्त में पेशी से दो दिन पहले नगर निगम के भ्रष्ट सिटी प्लानर प्रदीप वर्मा, दो उपयंत्री सहित पांच अफसर और कर्मचारियों पर फाइल चोरी का मामला शनिवार रात को विश्वविद्यालय थाना में दर्ज कराया गया है। यह मामला नगर निगम के सहायक सिटी प्लानर महेन्द्र अग्रवाल की शिकायत पर दर्ज हुआ है। 10 जुलाई 2019 से यह फाइलें गायब है। पर लोकायुक्त में पेशी से ठीक दो दिन पहले मामला दर्ज कराना नगर निगम अफसरों की मजबूरी को भी दर्शाता है। पुलिस अब इन फाइल के संबंध में जांच करेगी।
नगर निगम में गुम फाइलों का मुद्दा किसी से छिपा नहीं है। काफी समय से लोकायुक्त में चल रहे कुछ भवन अनुमति घोटाले से जुड़े मामले की फाइलें नगर निगम लोकायुक्त पुलिस को उपलब्ध नहीं करा रहा है। हर बार यही कहना होता है कि वह फाइलें गुम हो चुकी हैं। इसी सिलसिले सोमवार को नगर निगम के अफसरों को लोकायुक्त में जवाब देने पेश होना है। पर फाइलें नहीं मिल रही है। इसलिए इस मामले में नगर निगम के सहायक सिटी प्लानर महेन्द्र अग्रवाल ने एक लिखित शिकायत विश्वविद्यालय थाना में दी थी। जिसके बाद नगर निगम के भवन अनुमति से जुड़ी फाइलों को चोरी करने के मामले में तत्कालीन सिटी प्लानर प्रदीप वर्मा, उपयंत्री वेद प्रकाश, उपयंत्री राजीव सोनी, समयपाल बृजेन्द्र सिंह कुशवाह, लिपिक भवन शाखा सतीश चन्द्र गोयल के खिलाफ फाइल चोरी का मामला दर्ज किया है।
इन भवनों से जुड़े मामले की फाइलें हैं चोरी
नगर निगम में बिड़ला हॉस्पिटल, होटल लैंडमार्क, सालासर मॉल व सुरेश नगर में एक मल्टी के भवन अनुमति से जुड़ी फाइलें 10 जुलाई 2019 से गायब हैं। इन मामलों की जांच लोकायुक्त में चल रही है।
ईओडब्ल्यू ने 5 लाख की रिश्वत के साथ पकड़ा था
इन आरोपियों में से तत्कालीन सिटी प्लानर प्रदीप वर्मा को 28 नवंबर को ईओडब्ल्यू ने 5 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए पकड़ा था। तभी से पूरे नगर निगम के मामलों की पोल खुली थी। तब से लेकर अब तक लगातार नगर निगम के अफसर घिरे हुए हैं।