राजनीतिक मलहम लगाने की कोशिश: BJP विधायक विश्नोई के तेवर और उपेक्षा के आरोपों का जवाब, गणतंत्र दिवस जबलपुर में मनाएंगे CM शिवराज

राजनीतिक मलहम लगाने की कोशिश: BJP विधायक विश्नोई के तेवर और उपेक्षा के आरोपों का जवाब, गणतंत्र दिवस जबलपुर में मनाएंगे CM शिवराज


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जबलपुरएक मिनट पहले

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सीएम इस मिठास को बरकरार रखने की कोशिश में जबलपुर में गणतंत्र दिवस समोराह में शामिल होने आ रहे हैं

  • CM हाउस से मिला संकेत, तैयारियों में जुटा जबलपुर का प्रशासन, अधिकृत कार्यक्रम का इंतजार

CM शिवराज सिंह चौहान 26 जनवरी को जबलपुर में गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होंगे। सीएम हाउस से संकेत मिलने के बाद जिला प्रशासन और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी इसकी तैयारियों में जुट गए हैं। कार्यक्रम स्थल राइट टाउन स्टेडियम रहेगा या पुलिस परेड ग्राउंड, ये अभी तय होना है।

सीएम के इस कदम के राजनीतिक निहितार्थ भी निकाले जा रहे हैं। पिछले दिनों BJP विधायक अजय विश्नोई द्वारा महाकौशल और विंध्य की उपेक्षा को लेकर सोशल मीडिया में पोस्ट किया था। गणतंत्र दिवस के बहाने सीएम द्वारा इस क्षेत्र में उपजी नाराजगी पर राजनीतिक मलहम लगाने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।

जबलपुर राइट टाउन स्टेडियम, यहीं पर होता रहा है गणतंत्र दिवस का समारोह

जबलपुर राइट टाउन स्टेडियम, यहीं पर होता रहा है गणतंत्र दिवस का समारोह

राइट टाउन में हो सकता है मुख्य कार्यक्रम
जानकारी के अनुसार सीएम हाउस से जुड़े कार्यक्रम अधिकारी की तरफ से अभी कोई अधिकृत प्रोग्राम जारी नहीं हुआ है, लेकिन सूत्रों की मानें तो सीएम की हरी झंडी मिल चुकी है। इसी के बाद गणतंत्र दिवस के मुख्य समारोह की तैयारी शुरू कर दी गई है। माना जा रहा है कि सीएम गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि होंगे, ताे कार्यक्रम भी भव्य होगा। इसके बहाने महाकौशल के जिलों के विधायकों को आमंत्रित किया जा सकता है। कार्यक्रम स्थल को लेकर भले ही अभी दो विकल्पों की चर्चा हो, लेकिन सुरक्षा और बेहतर रोड कनेक्टिवटी के लिहाज से राइट टाउन स्टेडियम अधिक मुफीद माना जा रहा है।

शहर का सेंटर प्वाइंट है राइट टाउन स्टेडियम

शहर का सेंटर प्वाइंट है राइट टाउन स्टेडियम

तैयारियों के लिए 15 दिन का है समय
स्टेडियम में निर्माण कार्य चल रहा है। हालांकि प्रशासन के पास 15 दिन अभी हैं। इस कारण गणतंत्र दिवस का मुख्य कार्यक्रम यहीं होने की उम्मीद अधिक है। आईजी भगवत सिंह चौहान के मुताबिक गणतंत्र दिवस को लेकर सीएम के कार्यक्रम की रूपरेखा बन रही है। इसे देखते हुए तैयारियां प्रारंभ कर दी गई है। कार्यक्रम स्थल के तौर पर राइट टाउन अधिक सुविधाजनक रहेगा।
अजय विश्नोई का छलक चुका है दर्द
BJP के कद्दावर नेत और पाटन से विधायक अजय विश्नोई का महाकौशल और विंध्य क्षेत्र को मंत्रिमंडल में उचित प्रतिनिधित्व नहीं दिए जाने पर नाराजगी दिखा चुके हैं। और इसका माध्यम उन्होंने सोशल मीडिया को बनाया है। वे लगातार अपनी पोस्ट से नाराजगी जताते रहे हैं। प्रदेश में बीजेपी सरकार के गठन और मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिलने पर उन्होंने जुलाई में इसी तरह के सियासी पोस्ट कर अपनी नाराजगी व्यक्त की थी। फिर उपचुनाव में उन्होंने पार्टी प्रत्याशियों के पक्ष में काम भी किया। उम्मीद थी कि मंत्रिमंडल विस्तार में इसका इनाम मिलेगा, लेकिन मिली मायूसी। सो फिर उनके तेवर बगावती दिखने लगे हैं।

8 जनवरी को सोशल मीडिया में ये किया पोस्ट
प्रदेश के सभी जिलों में अनेकों समस्याएं, सरल समाधान के लिए प्रभारी मंत्रियों की बाट जोह रही हैं। इसी पोस्ट को उन्होंने रि-पोस्ट करते हुए सीएम को संबोधित करते हुए लिखा है कि अनुरोध है चौथी बार सीएम मध्यप्रदेश बनने बनने की प्रथम वर्षगांठ के अवसर पर प्रदेश को यह उपहार देने की कृपा करें। और वायदे के अनुसार जबलपुर एवं रीवा का प्रभार स्वयं ग्रहण करें।

03 जनवरी को ये पोस्ट किया था
मध्य प्रदेश में शिवराज सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार के बाद से ही पूर्व मंत्री एवं पाटन विधायक अजय विश्नोई पार्टी की नीतियों पर सवाल खड़े रहे हैं। 3 जनवरी को हुए मंत्रिमंडल विस्तार के अगले ही दिन अजय विश्नोई ने बगावती पोस्ट किया था। लिखा था कि महाकौशल के 13 भाजपा विधायकों में से एक को तथा विंध्य में 18 भाजपा विधायकों में से एक को राज्य मंत्री बनने का सौभाग्य मिला है। महाकौशल और विंध्य अब फड़फड़ा सकते हैं उड़ नहीं सकते। महाकौशल और विंध्य को अब खुश रहना होगा… खुशामद करते रहना होगा।

पहले विस्तार के दौरान सीएम ने बुलाया था
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 2 जुलाई 2020 को कैबिनेट का पहला विस्तार किया था तब 28 विधायकों को मंत्री बनाया गया था। सूत्रों का कहना है कि 1 जुलाई को मुख्यमंत्री ने बीजेपी के ऐसे 3-4 विधायकों को सीएम हाउस बुलाकर बात की थी, जिन्हें उस समय मंत्री नहीं बनाया गया था। उनमें अजय विश्नोई भी शामिल थे। बीजेपी सूत्रों की माने तो जिन वरिष्ठ विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया है, वे संगठन में पद पाने का दबाव बना रहे हैं। अजय विश्नोई, रामपाल सिंह, गिरीश गौतम सहित अन्य मंत्री पद के दावेदारों ने प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा से कई बार मुलाकातें कर चुके हैं।
विरोध के ये सुर भी सामने आ चुके हैं
अजय विश्नोई से पहले बीना विधायक महेश राय ने कैबिनेट विस्तार पर इशारों-इशारों में निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि राजनीति पावर का गेम होता है। उन्होंने बीना में बायपास बनाने को लेकर नगरीय विकास व आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह पर भी तंज कसा था। महेश राय ने कहा कि मेरे पड़ोस की विधानसभा में विकास कार्य हो रहे हैं, अगर मैं भी महत्वपूर्ण पद पर होता तो मेरी विधानसभा में भी विकास होता।
कांग्रेस इस विरोध को भुनाने की ताक में
BJP में उठे विरोध को कांग्रेस भुनाने की ताक में है। खासकर विश्नोई जैसे पुराने कद्दावर नेताओं पर उसकी नजर है। बीजेपी में उम्र का हवाला देकर कई नेताओं को जबरन सियासी वनवास दिया जा चुका है। यदि इस उम्र बंधन को देखें तो कई नेताओं की यह आखिरी पारी मानी जा रही है। कांग्रेस ऐसे ही उपेक्षित और विरोधी तेवर दिखाने वाले नेताओं के विद्रोह को चिंगारी देने में जुटी है।
कांग्रेस के दो उपाध्यक्षों का सामने आ चुका है पोस्ट
पिछले दिनों विश्नोई के बयान पर प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष चंद्रप्रभाष शेखर ने कहा था- अजय विश्नोई ने बिलकुल ठीक कहा है। अब बीजेपी में 2 गुट हैं। शिवराज का गुट और सिंधिया का गुट। बीजेपी में बिके हुए की चल रही है, योग्यता की उपेक्षा हो रही। पद खाली हैं, जो राजनीतिक हित साधने में भविष्य में काम आएंगे। कांग्रेस के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने भी सोशल मीडिया पर लिखा था कि पिंजरे के पंछी रे, तेरा दर्द न जाने कोए।





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