सुसाइड प्वाइंट से बचाया: तेज कदमों से जा रही थी युवती, संदेह पर रोका तो रोने लगी, बोली कि मुझे जिंदा नहीं रहना, 8 घंटे में बचाई दो जिंदगी

सुसाइड प्वाइंट से बचाया: तेज कदमों से जा रही थी युवती, संदेह पर रोका तो रोने लगी, बोली कि मुझे जिंदा नहीं रहना, 8 घंटे में बचाई दो जिंदगी


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जबलपुर2 मिनट पहले

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इस सुसाइड प्वाइंट से अक्सर लोग छलांग लगाने पहुंच जाते हैं

  • भेड़ाघाट के धुआंधार में पदस्थ आरक्षक हरिओम अब तक 27 लोगों की जिंदगी बचा चुके हैं, सीएम कर चुके हैं सम्मानित

‘मैं भेड़ाघाट में ही था। तभी नजर पड़ी। तेज कदमों से 27 वर्षीय युवती सुसाइड प्वाइंट की ओर जा रही थी। बिना एक पल गंवाए मैं दौड़ पड़ा। युवती को रोका तो वह रोने लगी। बोली कि साहब! मुझे मर जाने दो। मैं जिंदा नहीं रहना चाहती। बातचीत से वह मानसिक तौर पर परेशान लग रही थी।
8 घंटे बाद ऐसा ही वाकया फिर सामने आया। इस बार एक दुकानदार ने सूचना दी थी। महिला आरक्षक के साथ पहुंचा तो 18 वर्षीय युवती आत्महत्या के इरादे से सुसाइड प्वाइंट पर खड़ी थी। दोनों को काउंसलिंग के बाद उनके परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया।” दो जिंदगी बचाने वाले भेड़ाघाट थाने में पदस्थ आरक्षक हरिओम सिंह ने दैनिक भास्कर से अपने अनुभव शेयर किए।

भेड़ाघाट थाने में पदस्थ आरक्षक हरिओम सिंह की धुआंधार में लगती है ड्यूटी

भेड़ाघाट थाने में पदस्थ आरक्षक हरिओम सिंह की धुआंधार में लगती है ड्यूटी

युवती की मानसिक हालत ठीक नहीं थी
आरक्षक हरिओम के मुताबिक शुक्रवार दोपहर एक बजे की बात थी। मैं घाट पर ही था तभी देखा कि 27 वर्षीय अधारताल निवासी युवती तेज कदमों से सुसाइड प्वाइंट की ओर जा रही थी। युवती के हाव-भाव देखकर ही समझ में आ गया कि उसके इरादे ठीक नहीं हैं। दिमाग में यह फीलिंग आते ही मेरे कदम तेजी से उसे बचाने को दौड़ पड़े। सुसाइड प्वाइंट से पहले ही उसे रोक लिया। वह रोने लगी। बड़ी मुश्किल से घरवालों के बारे में बताया। फोन कर पिता को थाने बुलाया गया। युवती की काउंसलिंग की गई। उसकी मानसिक हालत कुछ ठीक नहीं लग रही थी। बाद में पिता युवती को लेकर गए।
रात नौ बजे दुकानदार ने दी सूचना
मेरी ड्यूटी आठ बजे समाप्त हो चुकी थी। रात नौ बजे मैं क्वार्टर में था। तभी मोबाइल पर एक दुकानदार का कॉल आया। बोला कि एक युवती धुआंधार की ओर जा रही है। बिना समय गंवाए, थाने से महिला आरक्षक माधुरी को साथ लिया। बाइक से घाट पर पहुंचा। देखा तो पाटन निवासी 18 वर्षीय युवती सुसाइड प्वाइंट पर खड़ी थी। उसकी दुविधा ने ही उसे बचा लिया। महिला आरक्षक की मदद से उसे सुसाइड प्वाइंट से पकड़ कर नीचे लाया गया। बातचीत में पता चला कि वह प्रेम प्रसंग से परेशान होकर आत्महत्या करने पहुंची थी। वह 12वीं में पढ़ रही है। उसके ममेरे भाई को बुलाकर उसके सुपुर्द किया गया।

भेड़ाघाट के इस विहंगम नजारे को लोग देखने ही नहीं आते, कई लोगों के लिए ये सुसाइड प्वाइंट भी है, अक्सर परेशानी में घिरे लोग यहां मौत की छलांग लगाने पहुंच जाते हैं।

भेड़ाघाट के इस विहंगम नजारे को लोग देखने ही नहीं आते, कई लोगों के लिए ये सुसाइड प्वाइंट भी है, अक्सर परेशानी में घिरे लोग यहां मौत की छलांग लगाने पहुंच जाते हैं।

अब तक 27 जिंदगी बचा चुके हैं हरिओम
सीएम तक से सम्मानित हो चुके हरिओम की ड्यूटी विश्व प्रसिद्ध वाटर फाल धुंआधार में लगाई जाती है। ऐसा उनके कार्यों की वजह से है। इस वाटर फाल को सुसाइड प्वाइंट बनने से बहुत हद तक आरक्षक हरिओम ने बचा रखा है। अब तक 27 जिंदगियां वे बचा चुके हैं। जिले में होने वाले गणतंत्र दिवस से लेकर भोपाल तक वे सम्मानित किए जा चुके हैं। बतौर हरिओम लोगों की जिंदगी बचाने का काम तो ईश्वर का है, वो तो प्रयास करते हैं। हरिओम का नंबर दुकानदारों से लेकर आसपास के लोगों को जुबानी याद हैं। वे भी उन्हें तुरंत सूचना देते हैं।



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