जिला टास्कफोर्स की बैठक: जिले में अभी बर्ड फ्लू संक्रमण की स्थिति नहीं, फिर भी इमरजेंसी से निपटने की तैयारी रखें: कलेक्टर

जिला टास्कफोर्स की बैठक: जिले में अभी बर्ड फ्लू संक्रमण की स्थिति नहीं, फिर भी इमरजेंसी से निपटने की तैयारी रखें: कलेक्टर


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छतरपुर2 दिन पहले

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छतरपुर| बर्ड फ्लू नियंत्रण व बचाव को लेकर हुई बैठक।

  • बर्ड फ्लू से नियंत्रण व बचाव के लिए जिला टास्कफोर्स की बैठक

कलेक्टर ने बर्ड फ्लू वायरस के समुचित नियंत्रण व बचाव के लिए आयोजित जिला टास्कफोर्स समिति की बैठक में कहा कि समाज एवं व्यक्ति के जीवन की सुरक्षा अहम है। बर्ड फ्लू की रोकथाम व नियंत्रण के उद्देश्य से राज्य शासन द्वारा जारी दिशा निर्देशों का प्रभावी तरीके से पालन किया जाए। हालांकि जिले में अभी बर्डफ्लू संक्रमण की स्थिति नहीं है, फिर भी किसी इमरजेंसी से निपटने की पूर्ण तैयारी रखें।

कलेक्टर शीलेंद्र सिंह ने कहा कि बर्ड फ्लू के खतरे से निपटने के लिए पूर्व सावधानी बरती जाए, पोल्ट्री फाॅर्म व मांस विक्रेता विशेष सावधानी बरतने के साथ सफाई पर ध्यान दें। बैठक में समिति द्वारा निर्णय लिया गया कि बाहर से मुर्गियों का आयात न करें और जिले के अंदर मुर्गियों के परिवहन के बाद वाहन सहित अन्य सामग्री को विधिवत रूप से सैनिटाइज करें। बैठक में एसपी सचिन शर्मा, सीईओ जिपं एबी सिंह, सीएमएचओ, उप संचालक पशु, स्वास्थ्य महकमे के डॉक्टर, वन सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी और पोल्ट्री फाॅर्म विक्रेता मौजूद रहे।

एसपी सचिन शर्मा ने कहा कि बर्ड फ्लू के संभावित संक्रमण से निपटने में शासन द्वारा जारी गाइडलाइन के साथ सूझबूझ व विभागों में बेहतर तालमेल जरूरी है। मुर्गी पालकों को परामर्श दिया गया कि मुर्गी घरों में मुर्गी पालक अन्य व्यक्ति को प्रवेश न करने दें, आवश्यक होने पर डिसइन्फेक्शन व सैनिटाइजेशन के बाद गाइडलाइन का पालन करते हुए प्रवेश करें। जब किसी पक्षी की मृत्यु होती है तो उसे नहीं छुएं और कंट्रोल रूम को तुरंत सूचना दें।

जिला स्तरीय नियंत्रण कक्ष का नोडल अधिकारी डाॅ. एआर सोनी को बनाया गया है। जिनका मोबाइल नंबर 9893367713 है। इसी तरह वन एवं अभयारण्य व सिचाई डेम क्षेत्र जहां जल उपलब्ध हैं, उन क्षेत्रों में वन व सिंचाई विभाग चौकसी रखें। वहां के पक्षियों की आकस्मिक व असमान्य मौत होने पर सूचना दें। मृत पक्षी को हाथों से न छुएं। बर्ड फ्लू वायरस का प्रकोप कौओं, कबूतर व जंगली पक्षियों में देखा जा रहा है।



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