इन 7 हजार मुर्गे-मुर्गियों पर बरसों से रिसर्च चल रहा है,
(सांकेतिक तस्वीर)
जबलपुर (Jabalpur), रीवा (Rewa) और महू के वेटनरी कॉलेजों के पोल्ट्री फॉर्म को रेड जोन (Red zone) घोषित किए जाने के बाद अब वहां किसी भी बाहर के व्यक्ति के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है. इन पोल्ट्री फार्म पर काम करने वाले रिसर्च एक्सपर्ट की भी पूरी जांच करने के बाद ही प्रवेश दिया जाएगा.
बर्ड फ्लू की दस्तक के साथ ही वैटनरी विश्वविद्यालय जबलपुर के कुलपति ने जबलपुर , महू और रीवा स्थित पॉल्ट्री फार्म के लिए रेड अलर्ट जारी किया है. उसके बाद वहां बचाव के लिए विशेष इंतजाम कर दिए गए हैं.
रेड जो़न
मध्य प्रदेश में बर्ड फ्लू का अलर्ट जारी होने के बाद वेटरनरी विश्वविद्यालय भी हरकत में आ गया है. उनके सामने उन 7 हजार मुर्गियों की सुरक्षा चुनौती बन गई है, जिन पर सालों से रिसर्च चल रहा है. कड़कनाथ से लेकर नर्मदा निधि सहित ऐसे तकरीबन आधा दर्जन मुर्गे, मुर्गियों की सुरक्षा को देखते हुए वेटरनरी विश्वविद्यालय प्रबंधन ने पोल्ट्री फार्म इलाके को रेड जोन घोषित कर दिया है. इसके साथ ही महू और रीवा वेटरनरी कॉलेज के फार्म को रेड जोन घोषित कर दिया गया है.
बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक
इन तीनों शहरों के वेटनरी कॉलेजों के पोल्ट्री फॉर्म को रेड जोन घोषित किए जाने के बाद अब वहां किसी भी बाहर के व्यक्ति के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है. इन पोल्ट्री फार्म पर काम करने वाले रिसर्च एक्सपर्ट की भी पूरी जांच करने के बाद ही प्रवेश दिया जाएगा. विवि के कुलपति प्रो.एस पी तिवारी ने बताया कि विवि में मुर्गियों की प्रजातियों के साथ अंडे को विकसित करने पर प्रदेश स्तर से लेकर भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद तक रिसर्च कर रही है. प्रदेश में बर्ड फ्लू की आशंका को देखते हुए मुर्गियों को इंफेक्शन से बचाने के लिए विश्विद्यालय ने भी अपने सभी फार्म और कॉलेज के लिए गाइड लाइन जारी की है. इसका पालन अनिवार्य तौर पर किया जाए, इसके लिए एक टीम बनाई है, जो इस पर 24 घंटे निगरानी रखेगी.