मौसम: रायसेन में 3, गैरतगंज में 2.4 मिमी बारिश फसलों को फायदा, सिंचाई की जरूरत पूरी

मौसम: रायसेन में 3, गैरतगंज में 2.4 मिमी बारिश फसलों को फायदा, सिंचाई की जरूरत पूरी


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रायसेन2 दिन पहले

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  • उत्तर-पूर्व दिशा से चल रही हवा, आसमान साफ होने से तापमान में आएगी गिरावट

बीते दो दिनों से जिले में बूंदाबांदी का दौर चल रहा है। चौबीस घंटे के दौरान रायसेन में 3.0 मिमी और गैरतगंज में 2.4 मिमी बारिश की साथ जिले में औसत बारिश 0.6 मिमी दर्ज की गई है। अब आगामी कुछ दिनों तक ओस भी गिरेगी। इस तरह से जिले में 4 लाख हेक्टेयर से अधिक रकबे की रबी फसल को फायदा होना बताया जा रहा है। जिले में 2 लाख 89 हजार हेक्टेयर रकबे में गेहूं और 1 लाख 5 हजार हेक्टेयर रकबे में चने की बोवनी की गई है। गेहूं मे गवोट, चना और मसूर की फसल में फूल आ रहा है। हल्की बारिश से एक दिन पहले ही दिन के तापमान में 5 डिग्री की गिरावट हुई है। तापमान में गिरावट से भी फसलों को लाभ होना बताया जा रहा है। दिन के तापमान में एक डिग्री से कम की गिरावट दर्ज हुई है। शनिवार काे अधिकतम तापमान 23.6 डिग्री था जाे रविवार काे 22.8 डिग्री पर आगया। हालांकि रात का पारा मामूली सी बढ़ोतरी के साथ लगभग स्थिर बना हुआ है। आगे बादल छंटने के बार पारे में तेजी से गिरावट का हाेगी। इस दाैरान शीतलहर चलने के भी आसार हैं।

मौसम में आगे क्या: पूर्वी हवा के कारण तापमान गिरने से बढ़ेगी ठंड
भोपाल मौसम केंद्र के मौसम वैज्ञानिक गुरुदत्त मिश्रा के मुताबिक अब बूंदाबांदी का समय निकल गया है। उत्तर पूर्व से हवा चलने के कारण आसमान साफ होगा और तापमान में तेजी से गिरावट होगी। तापमान में गिरावट होने से ठंड भी बढ़ती जाएगी। हालांकि फसलों पर पाला पड़ने की संभावना नहीं है ।
स्वास्थ्य: ओपीडी में 400 मरीज आए; सर्दी, खांसी, बुखार और पेट दर्द के
जिला अस्पताल में पदस्थ मेडिकल ऑफिसर डॉ यशपाल बालयान के मुताबिक इन दिनों अस्पताल की ओपीडी में करीब 400 मरीज ही इलाज के लिए आ रहे हैं। इनमें से 30 फीसदी मरीज सर्दी खांसी बुखार,30 फीसदी पेट दर्द, और इतने ही मरीज सामान्य बुखार के आ रहे हैं ।

बीते साल 10 जनवरी को तापमान 4.5 डिग्री था
बीते साल यानी 2019 की जनवरी के पहले सप्ताह में तापमान में काफी कमी आ गई थी। यहां तक की 10 जनवरी को रात तापमान 4.5 डिग्री पर आ गया था। जनवरी के पहले सप्ताह में शीतलहर, हल्की बारिश और घना कोहरा छाने की स्थिति थी। शीतलहर और तेज ठंड के कारण फसलों पर बर्फ भी जम रही थी। जबकि इस साल रात का तापमान 16.6 डिग्री रहा।

इस तरह घटा-बढ़ा तापमान
कब अधिकतम न्यूनतम

3 जनवरी 29.0 14.0 डिग्री
4 जनवरी 24.2 15.6 डिग्री
5 जनवरी 27.4 16.4 डिग्री
6 जनवरी 28.4 13.6 डिग्री
7 जनवरी 28.0 14.0 डिग्री
8 जनवरी 28.4 14.6 डिग्री
9 जनवरी 23.6 16.4 डिग्री
10 जनवरी 22.8 16.6 डिग्री

मसूर, तिवड़े की फसल को लाभ
मसूर और तिवड़े की फसल भी 45 से 55 दिन की हो गई है, इन पर फूल आ रहा है। इसलिए हल्की बारिश से इन फसलों को लाभ हुआ है।
(जानकारी कृषि वैज्ञानिक डॉ स्वप्निल दुबे के मुताबिक)

रबी सीजन की फसलाें के लिए इसलिए अच्छी रही यह बारिश

गेहूं: गवोट बचा रहा, खेतों की नमी आगे काम आएगी
इन दिनों गेहूं की फसल 45 से 50 दिन की हो गई है। इसमें बालियों के पहले आने वाली गवोट की स्थिति है। ऐसे में तापमान में होने वाली गिरावट और बूंदाबांदी सहित हल्की बारिश से खेतों में नमी बढ़ी है। यह नमी गेहूं के पौधों में बढ़ोतरी में सहायक होगी। इससे उत्पादन बढ़ेगा।
बूंदाबांदी होने से चने की फसल का फूल सुरक्षित
जिले में चने की फसल करीब 50 से 55 दिन की हो चुकी है। चने की फसल में कहीं फूल तो कहीं पलपट आने लगा है। हल्की बारिश और बूंदाबांदी से चने की फसल को लाभ है। यदि बारिश तेज होती है तो फूल झड़ने और पलपट खराब होने की फूल स्थिति बन सकती है।



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