Wriddhiman Saha ने दिया Rishabh Pant का साथ, विकेटकीपिंग पर उठ रहे थे सवाल

Wriddhiman Saha ने दिया Rishabh Pant का साथ, विकेटकीपिंग पर उठ रहे थे सवाल


कोलकाता: ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ब्रिसबेन में खेले गए चौथे टेस्ट के आखिरी दिन ऋषभ पंत (Rishabh Pant) ने ऐतिहासिक पारी खेलकर भारत को मैच जिताने में अहम भूमिका निभाई और टीम इंडिया ने सीरीज 2-1 से अपने नाम की. हालांकि उसके बाद भी उनके विकेटकीपिंग कौशल पर सवाल उठ रहे हैं. 

साहा ने दिया पंत का साथ 

अनुभवी विकेटकीपर रिद्धिमान साहा (Wriddhiman Saha) ने पंत (Rishabh Pant) पर उठ रहे सवालों का जवाब दिया है. उन्होंने कहा कि यह युवा खिलाड़ी धीरे-धीरे इसमें वैसे ही सुधार करेगा जैसे कोई ‘बीजगणित’ सीखता है.

राष्ट्रीय टीम के शीर्ष विकेटकीपर माने जाने वाले साहा ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि पंत की साहसिक पारी के बाद उनके लिए टीम के दरवाजे बंद हो जाएंगे. वह अपना सर्वश्रेष्ठ करना जारी रखेंगे और चयन की माथापच्ची टीम प्रबंधन पर छोड़ देना चाहते हैं.

Gautam Gambhir ने एक बार फिर Virat Kohli पर साधा निशाना, IPL की कप्तानी पर खड़े किए गंभीर सवाल

साहा (Wriddhiman Saha) ने गाबा में मैच के पांचवें दिन नाबाद 89 रन की पारी खेलने वाले पंत की तारीफ करते हुए कहा, ‘कोई भी पहली कक्षा में बीजगणित नहीं सीखता. आप हमेशा एक-एक कदम आगे बढ़ते हैं. पंत अपना सर्वश्रेष्ठ कर रहा है और निश्चित रूप से सुधार (विकेटकीपिंग) करेगा. उसने हमेशा परिपक्वता दिखाई है और खुद को साबित किया है. लंबे समय के लिए यह भारतीय टीम के लिए अच्छा है’.

उन्होंने कहा, ‘एकदिवसीय और टी20 प्रारूप से बाहर होने के बाद उसने जो जज्बा दिखाया वह वास्तव में असाधारण है’.

अच्छे दोस्त हैं साहा और पंत

ऑस्ट्रेलिया में ऐतिहासिक श्रृंखलाजीतने के बाद भारत लौटे साहा (Wriddhiman Saha) ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘आप पंत से पूछ सकते हैं, हमारा रिश्ता मैत्रीपूर्ण है और हम दोनों अंतिम 11 में जगह बनाने वालों की मदद करते हैं. व्यक्तिगत तौर पर हमारे बीच कोई मनमुटाव नहीं है’.

उन्होंने कहा, ‘मैं इसे नंबर एक और दो के तौर पर नहीं देखता. जो अच्छा करेगा टीम में उसे मौका मिलेगा. मैं अपना काम करता रहूंगा. चयन मेरे हाथ में नहीं है, यह प्रबंधन पर निर्भर करता है’.

ब्रिसबेन टेस्ट के बाद पंत की तुलना दिग्गज महेन्द्र सिंह धोनी से की जाने लगी है लेकिन साहा ने कहा, ‘धोनी, धोनी ही रहेंगे और हर किसी की अपनी पहचान होती है’.

साहा एडिलेड में खेले गये दिन-रात्रि टेस्ट की दोनों पारियों में महज नौ और चार ही बना सके थे. इस दौरान भारतीय टीम दूसरी पारी में महज 36 रन पर ऑलआउट हो गयी थी और इसके बाद साहा को बाकी के तीन मैचों में मौका नहीं मिला.

इस 36 साल के विकेटकीपर बल्लेबाज ने कहा, ‘कोई भी बुरे दौर से गुजर सकता है. एक पेशेवर खिलाड़ी हमेशा अच्छे और खराब प्रदर्शन को स्वीकार करता है, चाहे वह फॉर्म के साथ हो या फिर आलोचना के साथ’.

उन्होंने कहा, ‘मैं रन बनाने में असफल रहा इसलिए पंत को मौका मिला. यह काफी सरल है. मैंने हमेशा अपने कौशल में सुधार करने पर ध्यान दिया है और अपने करियर के बारे में कभी नहीं सोचा. जब मैंने क्रिकेट खेलना शुरू किया था तब से मेरी सोच ऐसी है. अब भी मेरा वही दृष्टिकोण है’.

 





Source link