जागरूकता: परम्परागत खानपान के कारण ही कोरोना से भारत में कम नुकसान हुआ: पीसी बेरवाल

जागरूकता: परम्परागत खानपान के कारण ही कोरोना से भारत में कम नुकसान हुआ: पीसी बेरवाल


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भरतपुरकुछ ही क्षण पहले

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पहला सुख निरोगी काया के महत्व और उपयोगिता के लिए सरकार के प्रयत्नों को आमजन तक पहुंचाने एवं अच्छे स्वास्थ्य के लिए लोगों को जागरूक करना अत्यन्त महत्वपूर्ण है। कोरोना काल में संक्रमण से बचाव एवं रोकथाम के साथ-साथ चिकित्सा व्यवस्था में मिली सफलता इसका प्रमाण है कि भारतीय संस्कृति में परम्परागत खानपान, रहन सहन से विकसित देशों की तुलना में भारत में कम नुकसान हुआ है।

यह बात प्रमुख यूनिवर्सिल सोसायटी डहरा मोड पर संचालित अस्पताल के नए भवन के उद्घाटन के अवसर पर मुख्य अतिथि के संभागीय आयुक्त प्रेमचंद बेरवाल ने कही। उन्होंने फीता काटकर हाॅस्पीटल भवन का लोकार्पण किया तथा संस्था के लिए आमजन की शिक्षा एवं स्वस्थ्य के लिए बेहतर सेवाएं देने की बात कही। कार्यक्रम की अध्यक्षता नदबई के उपखंड अधिकारी हेमराज गुर्जर ने की।

इस अवसर पर सभी अतिथियों का स्वागत संस्था अध्यक्ष आचार्य धर्म प्रेमानंद द्वारा किया गया। विशिष्ट अतिथि डाॅ. चन्द्रप्रकाश दीक्षित ने लोगों को आदर्श जीवन शैली के साथ-साथ नशीली चीजों बीडी, सिगरेट, तम्बाकू, गुटखा के दुष्प्रभावों की जानकारी देते हुए इन्हें छोड़ने की बात कही। संस्था के सचिव दीदी आनन्द हितेषा द्वारा सोसायटी के उद्देश्यों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई।

इस अवसर पर अतिथि द्वारा संस्था की पुस्तिका का विमोचन भी किया गया। सभी का आभार आचार्य शुचिच्दानपंद द्वारा किया गया। इस अवसर पर डाॅ. विमल कुमार शर्मा, डाॅ. दिनेश बंसल, डाॅ. स्वाति, महेन्द्र कुमार एवं पंजाब सिंह आदि मौजूद थे।



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