राजस्थान पुलिस अपराधियों में डर, आपस में अविश्वास: भरतपुर पुलिस ने आधी रात को जयपुर के एडि. डीसीपी को पीटा, कमिश्नर श्रीवास्तव के फोन के बाद एसपी ने बचाया

राजस्थान पुलिस अपराधियों में डर, आपस में अविश्वास: भरतपुर पुलिस ने आधी रात को जयपुर के एडि. डीसीपी को पीटा, कमिश्नर श्रीवास्तव के फोन के बाद एसपी ने बचाया


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भरतपुर18 मिनट पहले

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दो दिन बाद भी मुकदमा दर्ज नहीं

एक दिन पहले ही चूरू में बेखौफ बदमाशों में गैंगवार के चलते रिटायर्ड टीचर सहित 4 की मौत हो गई, वहीं दूसरी ओर पुलिस में आपस में ही अविश्वास बढ़ गया है। गुरुवार आधी रात को धौलपुर में तारीख-पेशी के बाद निजी कार से लौट रहे जयपुर पुलिस कमिश्नरेट के एडि. डीसीपी राजेंद्र खोत और उनके साथियों की भरतपुर पुलिस के जवानों ने मलाह पुलिया पर पिटाई कर दी।

एिड. डीसीपी का आरोप है कि आईडी कार्ड दिखाने के बाद भी उन्हें जानवरों की तरह पीटा गया। पुलिसकर्मी जब उन्हें थाने ले जा रहे थे ताे खोत ने जयपुर पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव को फोन किया। श्रीवास्तव ने भरतपुर आईजी प्रसन्न खमेसरा को बताया तो एसपी देवेंद्र विश्नोई ने मौके पर जाकर खोत को छुड़ाया और माफी भी मांगी। हालांकि, दो दिन बाद भी केस तक दर्ज नहीं हुआ।

एिड. डीसीपी बोले- जयपुर पुलिश कमिश्नर नहीं बचाते तो ये वर्दी वाले गुंडे मुझे गाेली मार देते या थाने में पीटते

एडि. डीसीपी खोत ने कहा- धौलपुर से लौटते समय रात 12 बजे मलाह पुलिया पर गश्ती दल ने धमकाया। मैंने कहा- मैं पुलिसकर्मी हूं। सभ्यता से बात करें। इस पर मारपीट कर दी। मैंने आई कार्ड भी दिखाया। उन्होंने मथुरा गेट व अटल बंध थाने के अलावा कंट्रोल रूम से चेतक भी बुलवा ली।

मैंने दारू पी रखी थी तो यह कौनसा गुनाह है? कानूनी कार्रवाई करते। वर्दी पहने पब्लिक सर्वेंट को हमें जानवरों की तरह पीटने का हक किसने दिया? मैं गलत था तो एसपी ने रात डेढ़ बजे आकर माफी क्यों मांगी? दो दिन बाद भी केस दर्ज क्यों नहीं हुआ? मेरे धौलपुर व झूंझुनूं के साथी काे बंदूक की बट से पीटा। अगर जयपुर पुलिस कमिश्नर हमें नहीं बचाते तो वर्दी पहने ये गुंडे या तो मुझे गोली मार देते या थाने में निर्वस्त्र कर पीटते। मैं आईजी व एसपी का भी शुक्रगुजार हूं।

एसपी का जवाब- नशे में धुत एडिशनल डीसीपी वर्दी उतारने की धमकी दे रहे थे

एसपी देवेंद्र विश्नोई बोले- गुरुवार रात एएसआई राधाकिशन के नेतृत्व में सेवर थाने का गश्ती दल हाईवे चैकिंग कर रहा था। मलाह पुल के पास कार धीमी गति से चलती दिखी। दो व्यक्ति लड़खड़ाते हुए पैदल चल रहे थे। गश्ती दल के चालक हिम्मत सिंह ने पूछताछ की तो एडि. डीसीपी ने कहा- मैं एडिशनल एसपी हूं, बकवास की तो वर्दी उतरवा दूंगा। खोत नशे में थे। सिवल ड्रेस में होने पर उनसे आई कार्ड मांगा, लेकिन वे धमकाने लगे। इसके बाद गश्ती दल ने उच्चाधिकारियों को सूचना दी। मैंने जाकर मामला शांत कराया।

  • बताया जा रहा है कि पुलिस ने मोबाइल से एडि. डीसीपी का वीडियो भी बनाया था। इसमें वे कमिश्नर को फोन कर रहे हैं। गाली देते हुए कह रहे थे- ये सुबह अखबार में खबर निकालेंगे।



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