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भोपाल17 घंटे पहले
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अब बीपीएल और संबल योजना में पंजीकृत व्यक्ति ही इस योजना का लाभ ले पाएगा। (प्रतीकात्मक फोटो)
- दूसरी, तीसरी या चौथी बार शादी करने वालों को अब स्कीम का लाभ नहीं मिलेगा
मुख्यमंत्री कन्या विवाह-निकाह योजना से अब आयकरदाता और एपीएल (गरीबी रेखा से ऊपर वाले) वर्ग बाहर होंगे। राज्य सरकार इस योजना की पात्रता शर्तों को बदलने जा रही है। अब बीपीएल और संबल योजना में पंजीकृत व्यक्ति ही इस योजना का लाभ ले पाएगा। साथ ही साल में विवाह-निकाह के 9 बड़े मुहुर्त की मिलने के बजाय अब दो ही मौके दिए जाएंगे, जिसमें सामूहिक विवाह-निकाह होगा।
सामाजिक न्याय विभाग ने इसकी तैयारी कर ली है। जल्द ही कैबिनेट में मंजूरी के बाद इसे लागू किया जाएगा। संशोधित योजना वर्ष 2021-22 के लिए होगी। यहां बता दें कि मुख्यमंत्री विवाह-निकाह योजना में हर साल 50 हजार से अधिक शादियां होती हैं। पिछले साल वर्ष 2020-21 में कोरोना और लॉकडाउन के कारण इस स्कीम में कोई विवाह-निकाह नहीं हुआ।
पात्रता की नई शर्तों में दो बड़े बदलाव और किए जा रहे हैं
अभी तक योजना के तहत एक से अधिक बार शादी की जा सकती है। मसलन कोई व्यक्ति अपने जीवन में कितनी भी शादियां करे, वह योजना की पात्रता हासिल कर हर बार प्रोत्साहन राशि (51 हजार रुपए-43 हजार कन्या के खाते में, 5 हजार का सामान और 3 हजार रुपए आयोजक) ले सकता है। नई व्यवस्था में जो भी व्यक्ति सामूहिक विवाह योजना का एक बार लाभ ले लेगा, वह दूसरी बार के लिए अपात्र माना जाएगा। इसी तरह निकाय का निवासी, उसी निकाय के सामूहिक विवाह सम्मेलन में भाग लेगा।
40 से 50 करोड़ बचेंगे
अभी मुख्यमंत्री विवाह योजना में हर साल 200 से ढाई सौ करोड़ रुपए खर्च होते हैं। नए प्रावधानों के बाद 40 से 50 करोड़ रुपए बचेंगे। पिछले साल कोरोना के कारण कोई सामूहिक विवाह सम्मेलन नहीं हुए। इसलिए कोई राशि जारी नहीं हुई।
कांग्रेस सरकार में हुई शादियों का ही पैसा नहीं बंटा
कांग्रेस की पिछली सरकार के समय वर्ष 2019-20 में ही 46 हजार 594 विवाह-निकाह हुए। इसमें विवाह 42 हजार 88 और निकाह 4 हजार 506 हुए। इसका ही पूरा पैसा अभी तक कन्याओं तक नहीं पहुंचा। करीब 30 से 40 करोड़ रुपए बकाया है। यह स्थिति भी तब है, जब 2020-21 में कोई विवाह का शासकीय आयोजन नहीं हुआ।