गुलाबी प्रदर्शन: उज्जैन में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने मानदेय बढ़ाने को लेकर भरी हुंकार, बोलीं- राजा भी पछताया था मामा भी पछताएगा

गुलाबी प्रदर्शन: उज्जैन में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने मानदेय बढ़ाने को लेकर भरी हुंकार, बोलीं- राजा भी पछताया था मामा भी पछताएगा


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उज्जैन3 मिनट पहले

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कोठी रोड पर मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन करतीं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता

  • मोदी जी होश में आओ के नारे लगे
  • गीत गाकर मोदी, अमित शाह और शिवराज सिंह को दिया न्यौता

राजा भी पछताया था, मामा भी पछताएगा। मोदी जी होश में आओ। होश में आओ। हम अपना अधिकार मांगते, नहीं किसी से भीख मांगते। ये नारेबाजी सोमवार को उज्जैन में कोठी रोड स्थित कलेक्टर कार्यालय के सामने गुलाबी रंग की साड़ी पहनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता कर रहीं थीं। बीच-बीच में भारत माता की जय और वंदे मातरम् के भी नारे लगते।

दरअसल, अपनी विभिन्न मांगों को लेकर संभागीय आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एंव सहायिका संघ के तत्वावधान में सैकड़ों कार्यकर्ता, मिनी कार्यकर्ता व सहायिका कोठी रोड पर पहुंची थीं। संघ की सदस्य धापूबाई ने कहा कि सरकार ने हम लोगों के साथ छल किया। मानदेय के रूप में मात्र 10 हजार रुपए मिलते हैं। जिससे परिवार का भरण-पोषण संभव नहीं हो पा रहा है। कार्यकर्ता, मिनी कार्यकर्ता और सहायिका के परिवार भुखमरी के कगार पर हैं।

10 हजार से बढ़ाकर 18 हजार मानेदय किया जाए

उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं का मानदेय 10 हजार से बढ़ाकर 18 हजार रुपए करना चाहिए। सहायिका को नौ हजार रुपए मिलना चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी ने नौ अक्टूबर 2018 को कार्यकर्ताओं को 1500, मिनी कार्यकर्ताओं को 1250 और सहायिका को 750 रुपए का मानदेय बढ़ाकर दिए जाने की घोषणा की थी, जिसे सरकार अब तक लागू नहीं की है। कार्यकर्ता व सहायिका के रिटायरमेंट पर क्रमश: एक लाख व 75 हजार रुपए दिए जाने की भी घोषणा को आज तक लागू नहीं किया गया। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता कोरोना काल में भी काम किया। टीकाकरण किया। कार्यकर्ताओं को शोषण हो रहा है।

आंगनबाड़ी खोल दिए, स्कूल नहीं खोले

धापूबाई ने कहा कि सरकार ने आंगनाबाड़ी केद्रों को खोल दिया है। जबकि अभी प्राइमरी स्तर के स्कूल नहीं खुले हैं। जबकि शून्य से पांच साल के बच्चों को कोरोना से ग्रसित होने का खतरा अधिक होता है। ऐसे में बच्चों को कुछ हो जाए तो इसकी जवाबदारी कार्यकर्ताओं का सहायिकाओं की होगी। उन्होंने कहा कि मांगें पूरी नहीं हुईं तो बड़ा आंदोलन करेंगे।

बधाई हो बधाई मैं तो ढोलक लेके आई मैंने न्यौता दिया मोदी को…….।

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने अपनी मांगें मनवाने के लिए धरना स्थल पर ढोलक व मजीरे बजाकर शासन का ध्यान अपनी ओर खींचने की कोशिश की। कार्यकर्ताओं ने ढोलक बजाकर गीत गाए। गीत के बोल थे… बधाई हो बधाई। मैं तो ढोलक लेके आई। मैंने न्यौता दिया मोदी को। बधाई हो बधाई। मैंने न्यौता दिया शिवराज को। मोदी दौड़-दौड़े आए संग में अमित शाह को लाए। शिवराज दौड़े-दौड़े आए। संग में सिंधिया जी को लाए। मैंने न्यौता दिया मोदी को।



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