शिवरानी का कहना है कि जहां पर यह दुर्घटना हुई वहीं पास में उसका घर भी है. सुबह करीब 7.30 बजे उसने देखा कि यात्रियों से भरी एक बस पुल से आगे निकलते ही अचानक नहर में गिर गई. शिवरानी को कुछ समझ नहीं आया, लेकिन वो यह देख चिल्लाते हुए दुर्घटना वाली जगह की ओर दौड़ पड़ी. आवास सुनकर उसके भाई और पिता भी उसके पीछे आ गए. शिवरानी ने बताया कि उसने पास आकर देखा तो बस नहर में डूब रही थी. शिवरानी ने बिना समय गंवाए नहर में छलांग लगा दी और लोगों को बचाने की कोशिश में जुट गई. शिवानी का कहना है कि वह 2 लोगों को गहरे पानी से निकालकर किनारे तक ले आई. उनकी जान भी बच गई. उसके साथ वहां पहुंचे उसके भाइयों ने भी कुछ लोगों को बचाने में उसकी मदद की.
बता दें कि यह हादसा इतना भयानक था कि इसमें 47 लोगों की जान चली गई. इससे शोक की लहर छा गई, लेकिन जिस तरह शिवरानी ने जान पर खेलकर यात्रियों को बचाया है उसकी चौतरफा तारीफ हो रही है. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी इसकी तारीफ की. सीएम ने ट्वीट कर लिखा- ‘परहित सरिस धर्म नहिं भाई’ बेटी शिवरानी के साहस को प्रणाम करता हूं. अपनी जान की परवाह न करते हुए इस बेटी ने सीधी में घटनास्थल पर नहर में छलांग लगाकर दो नागरिकों की जान बचाई है. मैं बेटी को धन्यवाद देता हूं. पूरे प्रदेश को आप पर गर्व है.
इसके साथ ही शिवराज सिंह चौहान ने दुर्घटना के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा होने के बाद यात्रियों के पार्थिव शरीर उनके गांव तक ससम्मान भेजने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा, ‘मुझे जानकारी दी गई कि सीधी बस दुर्घटना का रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा हो गया है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारे 47 भाई-बहनों की इस हादसे में जान चली गई, उनके पार्थिव शरीर निकाले जा चुके हैं. पार्थिव शरीरों को ससम्मान उनके गांव भेजने के निर्देश दे दिये हैं.