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इंदौर23 मिनट पहले
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फाइल फोटो
अवैधानिक ई-चालनों के वाहन चालकों को नोटिस भेजकर डबल राशि वसूली, यह मामला विधानसभा में भी उठाया जायेगा , फिर भी ट्रैफिक पुलिस के जिम्मेदार आज भी दादागिरी के बल पर वाहन चालकों से यह नोटिस भेजकर डबल राशि वसूलने में लगे हुए हैं। जिन वाहन चालकों को यह पता नहीं है कि यह ई-चालान अवैधानिक हैं और न्यायालय नहीं भेजे जाते हैं वह पुलिस के डर के मारे इन नोटिसों में दी गई जुर्माने की राशि भरने यातायात थाने पहुंच जाते हैं। इधर अब अधिकतर वाहन चालकों को पता लग गया है कि ई – चालान पुलिस द्वारा डरा धमकाकर भरवाए जा रहे हैं, जबकि हकीकत यह है कि ई – चालान कभी भी न्यायालय नहीं भेजे जाते हैं, क्योकि यह बिना पंचनामा के होते हैं।
विधानसभा में उठाया मुद्दा :- इधर इन ई- नोटिस को जबरिया भरवाने के लिए इसे वर्दी का रौब कहें या मनमानी वसूली? यातायात पुलिस इंदौर ने 27 जनवरी 2015 से जितने ई -नोटिस भेजे हैं उससे कई गुना अधिक इन नोटिस पर राशि की वसूली की है। जनता को यह जानकर आश्चर्य होगा कि जितने ही ई -नोटिस यातायात पुलिस ने वाहन चालकों को भेजें उसके लगभग 80 % वाहन चालको ने दंड की राशि जमा ही नहीं करवाई है। यह जानकारी सूचना के अधिकार के तहत यातायात नियंत्रण कक्ष पश्चिम के प्रभारी द्वारा दी गई है। मामला विधानसभा में भी उठाया गया है। वैसे पूर्व में भी इन अवैधानिक ई- चालानों का भाजपा के विधायक डॉ. सोनकर द्वारा मुद्दा सदन में उठाया गया था, उस समय गृह मंत्री बाबूलाल गौर थे, उन्होंने साफ शब्दों में कहा था कि इंदौर में ई-चालान बनाए नहीं जाते हैं। तब भी यातायात पुलिस के जिम्मेदार अधिकारियों ने सदन में गृहमंत्री को झूठी जानकारी दी थी।
जानकारी के मुताबिक कुल जारी ई- नोटिस से लगभग 70 % अधिक वाहन चालकों से दंड की राशि वसूल ली है। ऐसी स्थिति में यही कहा जा सकता है कि वर्दी का रौब दिखाकर दंड की राशि एक वाहन चालक से डबल वसूली गई है। 1,40,6059 वाहन चालकों को ईनोटिस भेजे, इनसे 2305765 से दंड की राशि वसूली गई। वहीं 1175483 नोटिसों का जुर्माना आज तक नहीं भरा गया, क्योकि यह समझदार निकले।