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भोपाल2 घंटे पहले
कमलापति महल में हेरिटेज वॉक के दौरान बेगम्स ऑफ भोपाल क्लब की मेंबर्स।
शहर के हेरिटेज की ऐतिहासिकता और उसके महत्व से लोगों को परिचित कराने के उद्देश्य से गुरुवार को हेरिटेज वॉक का आयोजन किया गया। कार्यक्रम 27 फरवरी से शुरू हो रहे शहर के पहले परी बाजार के अंतर्गत किया गया। इस अवसर पर 40 प्रतिभागी हेरिटेज वॉक में शामिल हुए। वॉक में बतौर गाइड सिकंदर मलिक ने शिरकत की, जिन्होंने पार्टिसिपेट्स को पुराने भोपाल की सैर कराई और शहर के इतिहास और उससे जुड़ी कहानियां सुनाईं।
वॉक का आयोजन बेगम्स ऑफ भोपाल और फर्विड क्लब ने किया। वॉक सुबह 10 बजे कमला पार्क से शुरू हुई, जो विभिन्न ऐतिहासिक इमारतों और ऐतिहासिक स्थलों शीतलदास की बगिया, मोती मस्जिद, गौहर महल से होते हुए सदर मंजिल पर समाप्त हुई।
वॉक के दौरान मिलीं जानकारियां
इस दौरान सिकंदर मलिक ने बताया, शहर में स्थित भव्य गौहर महल है। इसका निर्माण गौहर बेगम के द्वारा करवाया गया था, जो शहर की पहली महिला शासक थी। इसको 1820 में उनके संरक्षण के तहत बनवाया गया था। इसके निर्माण के बाद इसे वास्तुकला का सर्वोच्च उदाहरण माना जाता है। गौहर महल 4.65 एकड़ क्षेत्र में फैला है।
वहीं, 1910 में सदर मंजिल का निर्माण पूरा हुआ था। इतिहास के पन्नों में स्पष्ट जिक्र नहीं है कि इसका निर्माण शुरू कब हुआ था? भोपाल की दूसरी महिला नवाब सिकंदर जहां बेगम ने सदर मंजिल की परिकल्पना की थी। हालांकि इसका निर्माण आखिरी महिला नवाब सुल्तान जहां बेगम के कार्यकाल में पूरा हुआ था। वर्ष 1966 से 2016 तक यहां निगम मुख्यालय भी रहा। महंत शीतलदास ने रानी कमलापति को दोस्त मोहम्मद से मिलवाया था और उनके बीच मध्यस्थता की थी।
प्रतिभागियों की नजर से
वॉक की प्रतिभागी डॉ. रिनी मलिक ने कहा कि आज के दौर में हमें शहर के प्रमुख हेरिटेज इमारतों को सहेजने की जरूरत है। इस तरह की हेरिटेज वॉक से न सिर्फ इन इमारतों को देखने का मौका मिलता है, बल्कि इनकी भव्यता और ऐतिहासिकता की जानकारी भी मिलती है।
वहीं दूसरी प्रतिभागी शीतल खंडेलवाल ने कहा कि हेरिटेज वॉक जैसी एक्टिविटी शहर में होते रहना चाहिए। यह नई और युवा पीढ़ी के लिए नॉलेज का अच्छा सोर्स होता है। आज की वॉक को मैंने काफी एंजॉय किया और कई जानकारी प्राप्त की।