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- Ratlam Ready To Defeat Malnutrition, Admitted 74 Children To NRC In 50 Days, Had To Be Listened To During The Period
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रतलाम3 घंटे पहले
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- कोरोना काल में दो से तीन बच्चे ही रह गए थे, अब प्रदेश में सबसे ज्यादा संख्या, रिकवरी रेट में हम पीछे
कोरोना पर लगाम लगाने के बाद अब हमारा रतलाम फिर कुपोषण को हराने में जुट गया है। नए साल के 50 दिनों में 74 बच्चों को एनआरसी में भर्ती किया गया है। जिला अस्पताल में ही प्रदेश में सबसे ज्यादा बच्चे भर्ती हुए हैं। जबकि कोरोना काल में एनआरसी में बच्चों की यह संख्या 30 के आसपास थी। कोरोना काल में 2019-20 के मुकाबले 45% बच्चे ही एनआरसी में पहुंच सके थे। प्रदेश में जनवरी में 4920 बच्चों को एनआरसी में लाए हैं।
अब तक 2099 बच्चों को एनआरसी में लाए
जिले में 2016 से अब तक 2099 बच्चों ने एनआरसी में इलाज लिया है। फरवरी के 19 दिन में जिला अस्पताल में 36 बच्चे भर्ती हुए हैं। रतलाम पहले नंबर पर बना हुआ है, बालाघाट दूसरे स्थान पर है। वहीं जनवरी से अब तक रतलाम में सबसे ज्यादा 74 बच्चों को भर्ती किया है। नीमच में 70 भर्ती हुए जो दूसरे नंबर पर है। रिकवरी में 59वीं रैंक है।
नवंबर में एनआरसी में एक बच्चा था
बाल चिकित्सालय का एनआरसी केंद्र नवंबर महीने तक खाली ही था। नवंबर के बीच एक दिन ऐसा भी था, जब एक बच्चा ही भर्ती था। अब संख्या बढ़ी है। अभी एनआरसी में बच्चों की संख्या लगातार बढ़ रही है। चहल-पहल भी ज्यादा है।
सीधी बात विनीता लोढ़ा, डीपीओ, रतलाम
सुपरवाइजर को एक बच्चा एनआरसी लाना है
एनआरसी में बच्चों की संख्या बढ़ाने के लिए क्या कर रहे हैं। – गंभीर कुपोषित बच्चों की लिस्टिंग की है, सभी अधिकारियों को यह लिस्ट दी है। सुपरवाइजर को एक बच्चा अनिवार्य एनआरसी में लाना है। कोरोना का असर अभी भी दिख रहा है। – कोरोना का डर है। कुछ लोग अभी भी आने को तैयार नहीं हैं। इसके लिए काउंसिलिंग कर रहे हैं। बच्चों को परेशानी ना हो, इसके लिए क्या कर रहे हैं। – हमने परियोजना के वाहन लगा दिए हैं। वाहन से ही ला रहे हैं। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को पर्सनल नंबर दिया है। प्रोत्साहन राशि की परेशानी भी दूर कर दी है।