Vijay Hazare Trophy: झारखंड ने टूर्नामेंट का सबसे बड़ा स्कोर बनाया, इशान का शतक

Vijay Hazare Trophy: झारखंड ने टूर्नामेंट का सबसे बड़ा स्कोर बनाया, इशान का शतक


इशान ने टीम के 43 फीसदी रन अकेले ही बनाए.

झारखंड ने विजय हजारे ट्रॉफी के पहले ही दिन नया रिकॉर्ड बनाया. टीम ने वनडे टूर्नामेंट के मैच में मप्र के खिलाफ 9 विकेट पर 422 रन बनाए. यह भारत में लिस्ट ए का दूसरा सबसे बड़ा स्कोर है.


  • News18Hindi

  • Last Updated:
    February 20, 2021, 2:58 PM IST

नई दिल्ली. विजय हजारे ट्रॉफी (Vijay Hazara Trophy) में झारखंड ने शानदार शुरुआत की. इंदौर में खेले जा रहे वनडे टूर्नामेंट में टीम ने मप्र के खिलाफ खेलते हुए 9 विकेट पर 422 रन बनाए. यह टूर्नामेंट का सबसे बड़ा स्कोर है. पहली बार किसी टीम ने 420 से अधिक रन बनाए. इसके पहले 2010 में मप्र ने रेलवे के खिलाफ 6 विकेट पर 412 रन बनाए थे. इसमें कप्तान इशान किशन का अहम रोल रहा. उन्होंने 94 गेंद पर 173 रन की पारी खेली.

झारखंड की ओर से इशान किशन के अलावा अनुकूल रॉय ने 72 जबकि विराट सिंह ने 68 रन बनाए. इसके अलावा सुमित कुमार ने भी 52 रन ही पारी खेली. मप्र की ओर से पुनित पांडे ने 9 ओवर में सबसे ज्यादा 93 रन दिए. भारत ए में लिस्ट ए का सबसे बड़ा स्कोर दक्षिण अफ्रीका के नाम है. उसने 2015 में मुंबई में भारत के खिलाफ 4 विकेट पर 438 रन बनाए थे. उस मैच में क्विंटन डिकॉल, फाफ डूप्लेसि और एबी डिविलियर्स ने शतक लगाए थे. दक्षिण अफ्रीका ने यह मैच 214 रन के विशाल अंतर से जीता था.

इशान ने टूर्नामेंट का 7वां सबसे बड़ा स्कोर बनाया

इशान किशन ने विजय हजारे ट्रॉफी का 7वां सबसे बड़ा स्कोर बनाया. इसके पहले संजू सैमसन (212*), यशस्वी जयसवाल (203), कर्ण कौशल (202), अजिंकक्य रहाणे (187), वसीम जाफर (178*), अंकुश बैंस (173*) अच्छी पारी खेल चुके हैं. इशान किशन मुंबई इंडियंस के लिए खेलते हैं. आईपीएल 2020 में वे सबसे ज्यादा रन बनाने के मामले में 5वें नंबर रहे थे. उन्होंने 14 मैचों में चार अर्धशतक की बदौलत 516 रन बनाए थे. पिछले सीजन में किशन के बल्ले से 30 छक्के निकले थे और उनका स्ट्राइक रेट करीब 146 का रहा था. पिछले साल सौरभ तिवारी के चोटिल होने के बाद किशन को रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के खिलाफ मौका मिला. उन्होंने इस मौके को भुनाया और 99 रन की पारी खेली. मुंबई वह मैच सुपर ओवर में हार गया था. लेकिन किशन ने रनों का पीछा करने का जो साहस दिखाया, इसके बाद से मुंबई के रेगुलर खिलाड़ी बन गए.








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