- Hindi News
- Local
- Mp
- 12th Was Not An Engineering Graduate, 2 Years Of Revolving Appointment File In The Ministry, Two Ministers CMO Tried, Then Got A Job
Ads से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप
भोपाल12 घंटे पहलेलेखक: अनिल गुप्ता
- कॉपी लिंक
दो साल तक फाइल मंत्रालय में घूमती रही। अंतत: तकनीकी शिक्षा मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया, सामान्य प्रशासन विभाग के राज्यमंत्री इंदर सिंह परमार और मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी ने इस मामले को देखा। (प्रतिकात्मक फोटो)
- सरकारी सिस्टम की उलझन में दो साल नौकरी के लिए संघर्ष करती रही वर्षा
सहायक ग्रेड तीन वर्षा सिरवैया। पद पर 19 फरवरी को ही उनकी ज्वाइनिंग हुई है। इस ज्वाइनिंग की चर्चा इसलिए क्योंकि, प्रदेश में अपनी तरह का यह पहला मामला है जब बीई (बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग) कर चुकी वर्षा को सिर्फ इसलिए ज्वाइनिंग नहीं मिल पाई थी, क्योंकि वह 12वीं पास नहीं थी। दो साल तक फाइल मंत्रालय में घूमती रही। अंतत: तकनीकी शिक्षा मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया, सामान्य प्रशासन विभाग के राज्यमंत्री इंदर सिंह परमार और मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी ने इस मामले को देखा।
रिमाइंडर और अभिमत के कागजों से वजन बढ़ा चुकी फाइल की स्टडी की। तब जाकर नियुक्ति की राह बन पाई। आखिरकार 18 फरवरी को नियुक्ति के आदेश निकले और अगले ही दिन वर्षा ने भोपाल कमिश्नर कवींद्र कियावत के दफ्तर में ज्वाइनिंग दी। सरकारी तंत्र में फाइल के रुकने, अटकने और ठंडे बस्ते में जाने का यह एक उदाहरण है, जिसे कुछ लोगों की सकारात्मक पहल से ठीक किया गया।
बाबू की एक टीप ‘12वीं पास नहीं है’ बनी उलझन
पीईबी की परीक्षा के बाद दिसंबर 2018 में चयनित नामों को पद के अनुसार ज्वाइनिंग देने की फाइल भोपाल कमिश्नर के ऑफिस पहुंची। कमेटी बनी और वर्षा के एजुकेशन से जुड़े कागज के वेरिफिकेशन में पता चला कि उन्होंने 10वीं के बाद इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया और फिर बीई। नौकरी की पात्रता में 12वीं पास होना लिखा था, लिहाजा बाबू ने टीप लिख दी कि वर्षा 12वीं पास नहीं है। इसे बाद कमिश्नर कार्यालय ने सामान्य प्रशासन विभाग से मार्गदर्शन के लिए फाइल मंत्रालय भेज दी। तब से यह फाइल यहीं पड़ी रही।
12वीं से अधिक यानी बीई पास को आधार माना
वर्षा के लगातार भोपाल कमिश्नर ऑफिस में चक्कर लगाने के कारण डिप्टी कमिश्नर संजू कुमार खुद एक्टिव हुईं। मामला मनीष रस्तोगी के पास पहुंचा। तय हुआ कि तकनीकी शिक्षा विभाग से यह अभिमत लिया जाए कि क्या डिप्लोमा को 12वीं के समकक्ष माना जा सकता है। विभाग की मंत्री यशोधरा राजे ने इसे देखा और मंजूरी दे दी कि पात्रता से अधिक यानी बीई पास को नौकरी दी जा सकती है। फाइल इंदर सिंह परमार के पास पहुंची तो उन्होंने भी हरी झंडी दे दी। भोपाल कमिश्नर कवींद्र कियावत ने भी 24 घंटे के भीतर वर्षा की ज्वाइनिंग कराई।
पूरा मामला समझने के बाद मंजूरी दी
सोच सही हो तो काम उलझने की बजाए सुलझ जाते हैं। यह प्रकरण जब आया तो पूरा पढ़ने के बाद तुरंत मंजूरी दे दी।’
-इंदर सिंह परमार, सामान्य प्रशासन राज्यमंत्री
नियुक्ति की शर्तों को विस्तार से बताएं
इस प्रकरण से भविष्य में यह सोचना चाहिए कि यदि पात्रता 12वीं पास लिखते हैं तो सिर्फ इतना लिखने की बजाए यह हो कि 12वीं पास या इससे उच्च योग्यता।’
-कवींद्र कियावत, कमिश्नर, भोपाल संभाग