मजदूरी करते छात्र की मौत: टीकमगढ़ जिले में खदान में पत्थर गिरने से मौत; गुस्साए परिजनों ने 5 घंटे लगाया जाम

मजदूरी करते छात्र की मौत: टीकमगढ़ जिले में खदान में पत्थर गिरने से मौत; गुस्साए परिजनों ने 5 घंटे लगाया जाम


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टीकमगढ़एक घंटा पहले

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हनुमान चौराहे पर जाम लगाते परिजन।

  • कक्षा 10वीं में गांव का टॉपर छात्र कर रहा था मजदूरी

खरगापुर तहसील में महज 80 रुपए की मजदूरी के लिए रात के अंधेरे में अवैध रूप से मिट्टी का खनन करना एक युवक को भारी पड़ गया। अवैध खनन करने की कीमत युवक को अपनी जान देकर चुकानी पड़ी। खरगापुर कस्बे में सोमवार शाम मरघट टोरिया पर अवैध रूप से शासकीय भूमि से लाल मुरम निकालने का काम चल रहा था। वार्ड नंबर 13 निवासी बिलकाई यादव की ट्रॉली में लाल मुरम भरने गए 18 साल के युवक विजय अहिरवार की 1 हजार किलो वजनी पत्थर के नीचे दबने से मौत हो गई। विजय कक्षा 10वीं में गांव का टॉपर था और बल्देवगढ़ से आईटीआई कर रहा था। आखिरकार विजय को मजदूरी क्यों करनी पड़ी यह बड़ा सवाल है? खरगापुर के मरघट टोरिया पर 4 लोग ट्रैक्टर-ट्रॉली लेकर लाल मुरम खोदने गए थे। इसी दौरान ट्रॉली भरने के बाद सभी लोग मौके से जाने लगे। विजय अहिरवार से कहा गया कि औजार खदान में रह गए हैं। उन्हें उठाने गए विजय के ऊपर अचानक पत्थर गिर गया, जिसके नीचे वह दब गया। घटना के बाद तत्काल ट्रैक्टर चालक मौके से भाग खड़ा हुआ, लेकिन साथ में खुदाई कर रहे लोगों ने विजय को पत्थर के नीचे से निकालने का प्रयास किया। जब उन्हें कामयाबी नहीं मिली तो डायल 100 को सूचना दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर तत्परता दिखाते हुए जेसीबी को बुलाया और पत्थर के नीचे फंसे विजय अहिरवार को रेस्क्यू कर बाहर निकाला। प्रत्यक्षदर्शी सुरेंद्र प्रताप सिंह उर्फ बेबी राजा ने बताया कि विजय अहिरवार का कमर का नीचे का हिस्सा पत्थर के नीचे दबा हुआ था। वह प्यास से व्याकुल होकर पीने के लिए पानी मांगता रहा। करीब 1 घंटे की मशक्कत के बाद उसे खरगापुर अस्पताल में गंभीर अवस्था में लाया गया। लेकिन घायल विजय की गंभीर हालत देख उसे जिला अस्पताल रैफर किया गया। अस्पताल तक ले जाने के लिए उसे एंबुलेंस तक की सुविधा नहीं मिल सकी। विजय बार-बार सांस रूकने की बात कह रहा था। ऐसे में परिजन ने प्राइवेट वाहन कर विजय को जिला अस्पताल ले जाने की तैयारी की और ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर से ऑक्सीजन लगाने को कहा। डॉ. राहुल अध्वर्यु ने ऑक्सीजन लगाने से इंकार कर दिया। डॉ. अध्वर्यु ने कहा कि प्राइवेट वाहन में ऑक्सीजन लगाना संभव नहीं है। फिर प्राइवेट वाहन से उसे टीकमगढ़ ले जाया गया। विजय को ऑक्सीजन समय से न मिलने के चलते रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया।

परिजन ने लगाया जाम, ट्रैक्टर मालिक पर मामला दर्ज
विजय की मौत की सूचना मिलते ही मंगलवार सुबह 9 बजे हनुमान चौराहे पर मृतक के परिजन ने जाम लगा दिया। ट्रैक्टर चालक व मालिक की गिरफ्तारी की मांग को लेकर करीब 5 घंटे तक जाम चलता रहा। इस दौरान एसपी प्रशांत खरे ने मामले की गंभीरता को देखते हुए चार थानों की पुलिस मौके पर तैनात कर दी। बल्देवगढ़, कुड़ीला, टीकमगढ़ से भी भारी पुलिस बल के साथ एसडीओपी जतारा योगेंद्र सिंह भदौरिया, एसडीओपी टीकमगढ केपी सिंह, एसडीएम बल्देवगढ़ संजय जैन, तहसीलदार जन्मेजय मिश्रा मौके पर पहुंचे। सभी ने मृतक के परिजनों व रिश्तेदारों को समझाने का प्रयास किया और ट्रैक्टर चालक व ट्रैक्टर मालिक को 24 घंटे के अंदर गिरफ्तार करने का अाश्वासन दिया। लेकिन प्रदर्शनकारी टस के मस नहीं हुए। थाना प्रभारी खरगापुर नितेश कुमार जैन ने बताया कि ट्रैक्टर मालिक रानू यादव पर धारा 304 के तहत मामला दर्ज किया है। आरोपी की तलाश जारी है। उसे जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

शव चक्काजाम स्थल ले जाने अड़े रहे लोग
मृतक विजय अहिरवार का शव पोस्टमार्टम के बाद टीकमगढ़ से खरगापुर पहुंचा तो मृतक के परिजन ने किले के पास शव वाहन को रोक लिया और चक्काजाम स्थल पर शव को ले जाने के लिए अड़ गए। ऐसे में पुलिस बल की मौजूदगी में वह अपने इरादे में सफल नहीं हुए। अधिकारियों की समझाइश के बाद दोपहर 1.30 बजे मृतक के परिजन अंतिम संस्कार करने को तैयार हुए। भारी पुलिस बल की मौजूदगी में करीब 3 बजे मृतक का मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार किया गया। पीड़ित परिवार को एसडीएम संजय जैन, तहसीलदार जन्मेजय मिश्रा और नगर परिषद सीएमओ पीडी पाठक द्वारा तात्कालिक राहत राशि के रूप में 5 हजार रुपए नकद दिए। साथ ही शासन के नियमानुसार सहायता राशि दिलाए जाने का आश्वासन दिया।

एक सप्ताह में दूसरी बड़ी घटना
खरगापुर में खदान धंसने से युवक की मौत एक सप्ताह में दूसरी बड़ी घटना है। इसके पहले 16 फरवरी को ओरछा क्षेत्र के बसोवा घटवाहा गांव में मिट्टी की खदान धंसकने से तीन लोगों की मौत हुई थी। लगातार जिले में अवैध रूप से खदानों से मिट्टी और मुरम खोदी जा रही है। बावजूद इसके जिला प्रशासन मौन है।

10वीं में आए थे 85 फीसदी अंक
18 साल का विजय कक्षा 10वीं में 85 फीसदी अंक के साथ गली मोहल्ले में पढ़ने वाले बच्चों में टॉपर था। बल्देवगढ़ से आईटीआई कर रहा था। उसका सपना था कि कुछ अच्छा करके परिवार का नाम रोशन करूं। वह तीनों भाईयों में सबसे ज्यादा होशियार था। परिजन ने बताया कि मां-बाप भी आगरा में रहकर मजदूरी कर रहे हैं। जिससे विजय को पढ़ाई में दिक्कत न हो, लेकिन न जाने कैसे ट्रैक्टर चालक और अन्य लोग उसे ट्रॉली भरने का लालच देकर साथ ले गए? ट्रॉली भरने में उसे महज 70-80 रुपए मजदूरी मिलती। भाई की मौत का कारण तो हम नहीं जानते, लेकिन इसकी जांच भी होना जरूरी है। जिससे उसके मौत का सच सबके सामने आए।



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