सुनो दिल से: भारत मोटेरा में जीत गया, मगर शायद टेस्ट क्रिकेट नहीं जीत सका | India won at Motera Stadium but Test Cricket lost the game IND vs ENG Podcast Suno Dil Se

सुनो दिल से: भारत मोटेरा में जीत गया, मगर शायद टेस्ट क्रिकेट नहीं जीत सका | India won at Motera Stadium but Test Cricket lost the game IND vs ENG Podcast Suno Dil Se


नई दिल्ली. भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ (India vs England) तीसरे टेस्ट में 10 विकेट से शानदार जीत दर्ज की. नरेंद्र मोदी स्टेडियम (मोटेरा) में खेला गया यह मैच पहले दिन पूरे शवाब पर रहा, मगर दूसरे ही दिन खत्म हो गया. यकीनन, इस जीत ने भारतीय प्रशंशकों को अपार खुशियां दी होंगी. लेकिन कुछ क्रिकेटप्रेमी शायद निराश भी हुए होंगे क्योंकि उन्होंने दुनिया के सबसे बड़े स्टेडियम में पांच दिन के मैच का लुत्फ उठाने की योजना बनाई होगी और वह दो दिन में सिमट गया. भारत ने यह मैच जीतकर सीरीज में 2-1 की बढ़त भी बना ली है. न्यूज18 के स्पेशल पॉडकास्ट ‘स्पोर्ट्स बुलेटिन- सुनो दिल से’ (Suno Dil Se) में संजय बैनर्जी इस मैच और सीरीज (India vs Australia 2020) पर रोचक जानकारियां लेकर आए हैं.

कोरोनाकाल में जब क्रिकेट की वापसी हुई, तो पांच दिन के टेस्ट मैच के प्रति भी लोगों की दिलचस्पी बढ़ने लगी थी. ऑस्ट्रेलिया में खेली गई टेस्ट सीरीज में लोगों की यह दिलचस्पी शवाब पर थी. भारत ने जिस तरह ब्रिस्बेन फतह कर टेस्ट सीरीज जीती, वह सचमुच नायाब था. भारत की उस जीत ने टेस्ट के प्रति दीवानगी को चरम पर पहुंचा दिया था. लेकिन अफसोस भारत की सरजमीं पर जिस तरह से टेस्ट मैच दो दिन में खत्म हुआ, वह कोई हौसला बढ़ाने वाला नहीं है.

वर्ल्ड क्रिकेट में इससे पहले 21 बार दो दिन में टेस्ट मैच खत्म हुए थे. मोटेरा टेस्ट (Motera Test) इस लिस्ट में 22वां नाम है. इससे पहले ऐसा मैच भारत में ही बेंगलुरू में खेला गया था. तब भारत ने अफगानिस्तान को दो दिन में हराया था. मोटेरा की बात करें तो पिच ने मेहमान टीम को तो परेशान किया ही. इतना परेशान कि हार से पहले ही इंग्लैंड ने आईसीसी से इसकी शिकायत कर दी है.

भारत ने तीसरे टेस्ट में इंग्लैंड पर 10 विकेट से जीत दर्ज की.

पिच पर आईसीसी का जवाब जो भी आए, लेकिन हकीकत तो यही है कि भारत और इंग्लैंड दोनों के लिए यह समान थी. इस तर्क को सिरे से नकारा नहीं जा सकता. खासकर तब जबकि इंग्लैंड ने टॉस जीता और पहले बैटिंग की. दूसरी बात यह है कि पिच पर पहले ही दिन से धूल उड़ने लगी थी, जो कभी भी अच्छा नहीं माना जाता.





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