पंच कल्याणक महोत्सव का समापन: प्रभु आदिनाथ को मिला मोक्ष, गजरथ यात्रा में हैलीकॉप्टर से की पुष्प वर्षा

पंच कल्याणक महोत्सव का समापन: प्रभु आदिनाथ को मिला मोक्ष, गजरथ यात्रा में हैलीकॉप्टर से की पुष्प वर्षा


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ग्वालियर4 घंटे पहले

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पंचकल्याणक महोत्सव के समापन पर फूलबाग में बने पंडाल की परिक्रमा हाथियों के साथ लगाते श्रद्धालु। फोटो: भास्कर

  • यात्रा का जगह-जगह हुआ भव्य स्वागत
  • गुरु सिखाते हैं पैर जमीन पर और निगाहें परमात्मा पर हों: ज्योतिरादित्य सिंधिया

फूलबाग मैदान में राष्ट्रसंत मुनिश्री विहर्ष सागर, मुनिश्री विजयेश सागर के सानिध्य में चल रहे पंचकल्याणक महोत्सव का शनिवार को गजरथ यात्रा के साथ समापन हो गया। महोत्सव के अंतिम दिन भगवान आदिनाथ का मोक्ष की ओर गमन हुआ। साथ ही मुनिश्री विजयेश सागर के 10वें संयम दीक्षा पर उन्हें धर्मवीर की उपाधि मुनिश्री विहर्ष सागर एवं राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दी। गजरथ यात्रा पर हैलीकॉप्टर से पुष्पावर्षा की गई।

कार्यक्रम में सुबह भगवान आदिनाथ को कैलाश पर्वत से निर्वाण मोक्ष हुआ। वहीं मुनिश्री विहर्ष सागर ससंघ सानिध्य में प्रतिष्ठाचार्य पं. अजित कुमार शास्त्री एवं सह प्रतिष्ठाचार्य पं. चंद्रप्रकाश जैन ने मंत्रोच्चारण के साथ विश्वशांति के लिए आहुतियां दीं। कार्यक्रम में श्री सिंधिया ने गजरथ के सारथी महेशचंद जैन, विमल जैन, पूजा जैन परिवार को सिंघई की उपाधि से अलंकृत किया ।

श्रद्धालुओं ने पंडाल की सात परिक्रमा लगाई

पंचकल्याणक महोत्सव के अंतिम दिन भगवान आदिनाथ को मोक्ष प्राप्ति के उपरांत गजरथ फेरी निकाली गई, जिसमें जैन समाज के श्रद्धालु शामिल हुए गजरथ में मुख्य सारथी महेशचंद विमल जैन सहित इंद्रा-इंद्राणि सवार होकर भगवान अदिनाथ की प्रतिमा को लेकर बैठे थे। गजरथ फेरी में मुनिश्री विहर्ष सागर महाराज, मुनिश्री विजयेश सागर महाराज ससंघ एवं जैन समाज के लोगो ने पंडाल की सात परिक्रमा लगाईं गजरथ के पीछे से महिलाएं भजन गाती एवं हाथों से ढकेलती हुई चल रही थी। उदयपुुर बैंड के भजनों पर बालक और बालिकाएं नृत्य करते हुए चल रही थे।

गुरु सिखाते हैं पैर जमीन पर और निगाहें परमात्मा पर हों: ज्योतिरादित्य सिंधिया

मुनिश्री विहर्ष सागर एवं विजयेश सागर के चरणों में राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया, ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, पूर्व विधायक मुन्नालाल गोयल ने श्रीफल भेंटकर आशीर्वाद लिया। श्री सिंधिया ने मुनिश्री विहर्ष सागर महाराज के पाद प्रक्षालन कर आरती उतारी। श्री सिंधिया ने मुनिश्री विजयेश सागर महाराज के दसवें मुनि दीक्षा पर धर्मवीर की उपाधि की घोषणा की। उन्होंने कहा कि हमारे गुरु सिखाते हैं कि पैर जमीन पर होना चाहिए और निगाहें परमात्मा पर होना चाहिए। सिंधिया परिवार का जैन समाज से संबंध कई पीढ़ियों से है। श्री सिंधिया ने आम लोगों के बीच जमीन पर बैठकर मुनिश्री के प्रवचन सुने।
आचार्य विद्यासागर के शिष्य सुनील भैया का हुआ नगरागमन

जैन धर्म के आचार्यश्री विद्या सागर महाराज के शिष्य सुनील भैया, पदम भैया एवं 3 अन्य ब्रह्मचारी गणों का ग्वालियर में आगमन हुआ। उनकी आगवानी गोपाचल पर्वत पर पूर्व प्रशासनिक अधिकारी आर के जैन, गोपाचल के महामंत्री अजीत वरैया, सकल जैन महापंचायत के अध्यक्ष पारस जैन सहित जैन ने की।

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