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भोपाल13 मिनट पहलेलेखक: अनूप दुबे
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अशोका गार्डन की नवाब कालोनी के इस मकान में कार्रवाई की गई। मीटर के साथ छेड़छाड़ कर मीटर के इनकमिंग साइड से बाईपास कर सीधे बिजली लाइन ले ली थी।
- 10% मामलों में ही सजा तक नौबत आती है
भोपाल में एक अनुमान के अनुसार हर महीने करीब 1800 लोग बिजली चोरी पकड़े जाते हैं, लेकिन इनमें से 10% मामलों में ही सजा दिए जाने की नौबत आती है, जबकि जबकि 90% से मामले कोर्ट तब पहुंचने के पहले ही सुलझा लिए जाते हैं। यही कारण है कि लोगों को बिजली चोरी करने में ज्यादा डर नहीं लगता। यह सजा आरोपी पर कार्यवाही के दौरान पाए गए बिजली के लोड के अनुसार होती है। प्रकरण बनाते समय घर में पाए लोड के आधार पर साल भर का बिल बनाकर उसे डबल कर दिया जाता है।
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15 दिन में राशि भरना होता है
बिजली कंपनी ऐसे मामलों में नियमों के अनुसार बिजली चोरी करने वाले पर प्रकरण दर्ज करती है। उसे 15 दिन के अंदर जुर्माना राशि भरने को कहा जाता है। अगर वह जुर्माना राशि नहीं भरता है, तो ऐसे मामले लोक अदालत में जाते हैं।
यहां पर उसे कुल जुर्माना पर करीब 40% तक छूट मिल जाती है। शेष राशि भरने को कहा जाता है। अगर इधर भी आरोपी समझौता नहीं करता है, तो उसके पास एक और अवसर रहता है, जिसमें जुर्माना राशि पर 25% तक छूट दी जाती है।
इन तीनों स्तर पर जुर्माना नहीं भरने की स्थिति में प्रकरण मध्य प्रदेश मध्य विद्युत वितरण कंपनी के नोडल केंद्र पर चला जाता है। पीठासीन अधिकारी इस मामले में आरोपी को जुर्माना भरने के निर्देश देते हैं। यहां पर भी राशि नहीं भरने पर पीठासीन अधिकारी जुर्माना और सजा दोनों ही सुना सकते हैं।
इस तरह लगता है जुर्माना
कार्रवाई के दौरान बिजली कंपनी के अधिकारी बिजली चोरी करने वाले व्यक्ति के घर का लोड चेक करते हैं। यानी उसके यहां कितनी बिजली की खपत हो रही है। उस लोड के आधार पर एक महीने में खपत होने वाली बिजली का आकलन किया जाता है।
मान लीजिए हर महीने उसके यहां एक हजार यूनिट बिजली की खपत पाई गई, तो एक साल के अनुसार यह 12 हजार यूनिट होती है। इसी आधार पर एक साल का बिजली कस बिल जनरेट किया जाता है। अगर उसके यहां बिजली मीटर लगा है, तो उसमें खपत को इसमें से घटा दिया जाता है। उसके बाद शेष राशि का जुर्माना बनता है। आरोपी के पास भुगतान करने का 15 दिन का समय होता है।
एक साल से ज्यादा का बिल नहीं बना सकती कंपनी
कंपनी के प्रावधानों के अनुसार बिजली चोरी के प्रकरण में अधिकतम 1 साल का ही बिजली का बिल लिया जा सकता है। कार्रवाई के दौरान चोरी करते पकड़े गए व्यक्ति पर अधिकतम एक साल का जुर्माना लगाया जाता है। इसका मतलब चाहे उसने उसी दिन से बिजली चोरी की हो या वह बीते कई सालों से बिजली चोरी कर रहा हो। दोनों ही स्थिति में उस पर अधिकतम एक साल की बिजली के बिल का जुर्माना लगेगा।
60 हजार से ज्यादा का जुर्माना लगाया
जूनियर इंजीनियर भारत बागरी ने बताया कि कल अशोका गार्डन में एक कार्रवाई की गई थी। सहायक यंत्री रविंद्र अग्रवाल ने खुद अशोका गार्डन में मकान नंबर-34 नवाब कॉलोनी का एक प्रकरण बनाया। इन्होंने मीटर के साथ छेड़छाड़ कर मीटर के इनकमिंग साइड से बाईपास कर सीधे बिजली लाइन ले ली थी। इन्होंने सिर्फ एक किलो वॉट का लोड लिया था, जबकि उनके घर पर चार किला वॉट से ज्यादा का लोड पाया गया। इस आधार पर उनके यहां पर 60 हजार 959 रुपए का बिल बना। इसके बाद इस पर जुर्माना भी लगाया जाएगा।