कार्रवाई का दिखावा: अफसर जागे, देखी खोखली नदियां, माना ब्रिज को खुदाई से खतरा हुआ, खनन करने वालों से ही अब बेस भरवाएंगे

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आलोट/जावरा44 मिनट पहले

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ये आईलैंड नहीं शिप्रा नदी में लक्ष्मीपुरा पुलिया के ऊपर से ली तस्वीर है। यहां खनन माफिया ने इस तरह नदी को छलनी कर दिया है।

  • भास्कर में खबर छपने के बाद अफसरों ने सक्रियता दिखाई पर यह औपचारिकता ही
  • पहले बेस जितना मजबूत था, वैसा भराव से नहीं होगा, अफसर कार्रवाई के लिए हिम्मत नहीं जुटा पाए

भोपाल की कंपनी को मिले टेंडर के बहाने चंबल-शिप्रा खोखली करने की छूट देने वाले अफसर सोमवार को भास्कर में प्रकाशित खबर के बाद मौके पर पहुंचे लेकिन अवैध खनन पर कार्रवाई नहीं की। अफसरों ने स्वीकार किया कि ब्रिज के आसपास खनन से नुकसान हुआ है। खननकर्ताओं से ही पिलर के बेस में हुए गड्ढे भरवाना शुरू कर दिए हैं। खनन के पहले बेस जितना मजबूत था, वैसा भराव से नहीं होगा। बावजूद अफसर कार्रवाई के लिए हिम्मत नहीं जुटा पाए।

इस अवैध खनन से चार तरह के साइड इफेक्ट सामने आएंगे। पहला सरकार को राॅयल्टी की हानि। दूसरा बारिश में ब्रिज या इसकी रिटेनिंग वॉल ढहने का खतरा रहेगा, जैसे ताल रोड पर चंबल पुलिया की रिटेनिंग वॉल धंस चुकी है। तीसरा किनारे कटने से नदी का पानी निकल जाएगा और भविष्य में स्टाॅपडेम खाली रह गए तो पेयजल संकट होगा। चौथा जहां-तहां गड्ढे होने से बारिश में या इसके बाद गहराई पता नहीं होने से कई बार नहाने वाले लोगों या पानी पीने जा रहे मवेशियों के इसमें गिरने से मौत का डर रहेगा।

अवैध खनन के चार साइड इफेक्ट

1. बारिश में ब्रिज ढहने का खतरा

2. किनारे कटने से स्टाॅपडेम खाली रहने से जलसंकट

3. जहां-तहां गड्ढे होने से जनहानि

4 . सरकार को रॉयल्टी का नुकसान

सेतु निगम को चिंता, बाकी अफसरों ने आंख-कान बंद किए

सोमवार को भास्कर में खबर प्रकाशित होने के बाद सेतु निगम एसडीओ आरपी गुप्ता व इंजीनियर एम.एल. श्रीवास्तव दोनों आलोट पहुंचे। फोन पर पहले एसडीएम व खनिज निरीक्षक देवेंद्र चिढ़ार से बात हो चुकी थी। उन्होंने मौके पर आने की बात कही लेकिन सेतु अधिकारी पहुंचे तो एसडीएम, तहसीलदार व खनिज निरीक्षक कोई नहीं आया।

सेतु निगम को कार्रवाई के अधिकार नहीं इसलिए उन्होंने रेत खनन करने वालों को बुलाया और कहा ब्रिज के आसपास जो खोदा है, उसमें वापस भरावकर समतलीकरण कर दो, आसपास मत खोदना। ब्रिज को सुरक्षित छोड़ दो, बाकी हमें मतलब नहीं।

एसडीएम बोले : माइनिंग से बात करें, वे करेंगे कार्रवाई

एसडीएम ने कहा माइनिंग अफसरों से बात कीजिए कि कौन-सी खदान वैध है या अवैध। अनुबंध हुआ या नहीं वे बताएंगे। कार्रवाई भी वे करेंगे। हमें अवैध की सूचना मिलती है तो कार्रवाई करते हैं। यदि माइनिंग के अफसर नहीं सुनते तो उनके बड़े अफसरों से बात करें। तहसीलदार सोनी ने कहा कि सेतु निगम अफसरों के साथ आरआई मौके पर गए थे। कार्रवाई खनिज अफसरों को करना है। खनिज अधिकारियों ने तो फोन रिसीव नहीं किए।

कार्रवाई नहीं होती : गेहलोत

​​​​​​​पूर्व भाजपा विधायक जितेंद्र गेहलोत का कहना है कि शिप्रा पर खनन को लेकर मैंने तत्कालीन कलेक्टर, एसडीएम समेत खनिज अफसरों को बताया लेकिन खनन मामले में कार्रवाई कोई नहीं करता। फिर से अफसरों से बात करेंगे ताकि ब्रिज सुरक्षित रहे।

सरकार नहीं मान रही : चावला

आलोट विधायक मनोज चावला ने कहा अवैध खनन का खेल पूरे प्रदेश में हो रहा। सरकार मानने को तैयार नहीं। 4 मार्च को खनिज मंत्री बृजेंद्रप्रताप सिंह ने जवाब दिया कहीं अवैध खनन नहीं हो रहा। सरकार अवैध खनन को झुठला रही है।

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