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छतरपुर18 मिनट पहले
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प्रतीकात्मक फोटो
जिले के बिजावर थाना क्षेत्र के ग्राम खैराकलां में करीब सवा 4 साल पहले हुई हत्या के एक मामले में अदालत ने मृतक के पुत्र को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। ग्राम खैराकला में 10 दिसंबर 2016 को चिन्नाईयां अहिरवार अपने छोटे लड़के रतिया उर्फ रतिराम अहिरवार के साथ खेत पर गया हुआ था। यह खेत चिन्नाइयां अहिरवार ने गांव के बिंदा अहिरवार से बटाई पर लिया हुआ था। यहां पर बोई गई चने की फसल में कीटनाशक दवाई डालने के लिए जब चिन्नाइया ने अपने पुत्र रतीराम से स्प्रे मशीन चलाने के लिए कहा तो रतीराम ने तैश में आकर कुल्हाड़ी से उस पर हमला कर दिया। इससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। मामले की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। इस मामले में पुलिस ने रतिराम पर हत्या का केस दर्ज किया था। अभियोजन पक्ष की ओर से एजीपी बृजेंद्र दत्त शुक्ला ने पैरवी की। हत्या के इस सनसनीखेज मामले में प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश धर्मेश भट्ट ने सबूतों, तथ्यों और गवाहों के आधार पर रतिराम अहिरवार को अपने ही पिता की हत्या का दोषी पाया। एडीजे धर्मेश भट्ट ने संबंधित अपराध को जघन्य प्रकृति का अपराध मानते आरोपी को आजीवन कारावास और एक हजार रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई है।