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जबलपुरएक घंटा पहले
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- शिकार, पानी की सुगमता के कारण आसपास बनाया बसेरा
कुंडम और सिहोरा के बीच बघराजी के जंगल वन्य प्राणियों की नई पसंद बनकर सामने आए हैं। शिकार-पानी की सुगमता और आबादी से दूर होने के कारण आसपास के जंगलों के वन्य प्राणियों का भी पलायन हुआ है। जिससे पिछले कुछ साल में बघराजी के जंगल में वन्य प्राणियों की संख्या दोगुनी हो गई है।
ये जानकारी हाल ही में वन्य प्राणी प्रेमियों की एक टीम द्वारा किए गए सर्वे में सामने आई है। जानकारों का कहना है कि ये वाइल्ड लाइफ के लिहाज से खुशखबर भी है, क्योंकि ये घटनाक्रम वन क्षेत्र के विकसित होने और पर्यावरण की बेहतरी को भी दर्शाता है। लिहाजा वन विभाग भी अब बघराजी में ज्यादा फोकस करेगा।
10-15 किलोमीटर में फैला है घना जंगल
सिहोरा और कुंडम के बीच बसा बघराजी का जंगल बांधवगढ़ से कान्हा के बीच विकसित हुए वन्य प्राणियों के नए कॉरीडोर का भी हिस्सा है। यहाँ 10-15 किलोमीटर चहुँओर घना जंगल है। इसलिए यहाँ प्राकृतिक जल स्रोत भी पर्याप्त मात्रा में हैं, इसलिए सालों से यहाँ वन्य जीवों की आवाजाही रहती है।
50 तेंदुओं का मूवमेंट
सर्वे करने वाले वन्य प्राणी विशेषज्ञों का मानना है कि वर्तमान में बघराजी के जंगलों में 50 से ज्यादा तेंदुए मूवमेंट कर रहे हैं। इसी तरह डुमना और कुंडम के जंगलों से 200 से ज्यादा चीतल और करीब 100 लोमड़ियों के अलावा जंगली सुअर, कई प्रजाति की जंगली बिल्लयों की संख्या में भी तेजी से इजाफा हुआ है।