दमोह का जिला अस्पताल बदहाली का शिकार है.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के बेहतर होने की बात करते हैं. दमोह का जिला अस्पताल बदहाली का शिकार है. यहां कुछ लोग अस्पताल में अवैध वसूली तक करते हैं.
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March 14, 2021, 1:59 PM IST
एक ऑटो चालक कल दमोह के जिला अस्पताल में भर्ती हुआ. उसने जहर खा लिया था. इस बीच अस्पताल पर कब्जा किए कुछ अवैध लोग उससे बार-बार किसी न किसी चीज के पैसे मांगे जा रहे थे. मरीज इस बात से परेशान हो गया और ड्रिप चढ़ी हालत में ही अस्पताल के ठीक सामने मानस भवन पहुंच गया. यहां सरकार के मंत्री भारत सिंह कुशवाहा संगोष्ठी मे आए हुए थे. जब मरीज ने देखा कि यहां उसकी कोई सुन नहीं रहा तो उसने जोर-जोर से चिल्लाना शुरू कर दिया.
अस्पताल पर लगाया अवैध वसूली का आरोप
शोर सुनकर वेयरहाउसिंग एवं लॉजिस्टिक कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष राहुल लोधी को मंच से उतरना पड़ा. वे युवक को समझाइश देकर खुद अस्पताल ले गए. मरीज का आरोप था कि उसके साथ जिला अस्पताल में अभद्रता की गई है एवं बार-बार उस से अवैध वसूली की जा रही है. वह बार-बार पैसे नहीं दे सकता. वह अपनी समस्या लेकर मंत्री के पास पहुंचा लेकिन मंत्री जी ने उसकी बात नहीं सुनी.मंत्री ने कहा- कार्रवाई की जाएगी
जब मीडिया ने मंत्री से जिला अस्पताल में चल रही अवैध वसूली एवं अव्यवस्थाओं को लेकर सवाल किया तो उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में बहुत अच्छा कार्य किया जा रहा है. अगर फिर भी जिला अस्पताल में अव्यवस्थाएं या मनमानी हो रही है तो मामले को संज्ञान में लिया जाएगा और कार्यवाही भी की जाएगी.
2 घंटे बाद फिर हुई वसूली, परिजनों को मिली धमकी
मंत्री के आश्वासन को 2 घंटे भी नहीं हुए थे कि बटियागढ़ से रेफर होकर जिला अस्पताल पहुंचे 65 वर्षीय अच्छेलाल पिता खड़ियन बंसल से भी अवैध रूप से रूपए मांगे जाने लगे. उनके गहरे घावों पर टांके लगाने के लिए अस्पताल स्टाफ ने मरीज के परिजनों से 300 रुपए मांगे. जबकि कांटों के धागे दस रुपए से भी कम में आ जाते हैं. अच्छेलाल की पत्नी ने 300 की जगह 200 रुपये दिए. इतना ही नहीं अस्पताल के कर्मचारियों ने परिजनों को धमकाया कि अगर पैसे देने वाली बात किसी को बताई तो उसे यहां से जबलपुर अस्पताल रेफर कर दिया जाएगा. इसके कारण उनके हजारों रुपए खर्च हो जाएंगे.