मध्य प्रदेश विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित.
MP Assembly Budget Session: विपक्ष ने आरोप लगाया है कि सरकार नहीं चाहती थी कि विधानसभा में जनहित के मुद्दों पर चर्चा हो. इसलिए 10 दिन पहले ही सत्र (Budget Session) को स्थगित कर दिया गया.
इस बीच बजट की अनुदान मांगों पर चर्चा कराने के अलावा तमाम विधेयकों जैसे वैट संशोधन विधेयक, सहकारी सोसायटी संशोधन विधेयक 2021,मध्यप्रदेश हाईस्पीड डीजल उपकर संशोधन विधेयक को भी पेश कर बिना चर्चा के पास करा लिया गया. इसी से नाराज कांग्रेस विधायकों ने वॉकआउट किया. कांग्रेस के मुख्य सचेतक डॉ. गोविंद सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा कि कार्यमंत्रणा समिति में सिर्फ बजट पास कराने पर सहमति बनी थी. लेकिन सरकार ने बाकी विधेयक भी पास करा लिए. गोविंद सिंह ने ये भी आरोप लगाया कि विपक्ष को कार्यवाही की कार्यसूची भी नहीं दी गई.
सत्तापक्ष ने दिया जवाब
वहीं कांग्रेस के आरोपों पर बीजेपी ने जवाब दिया. सत्तापक्ष के विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया ने कहा कि कांग्रेस के विधायक अपने ही नेता की बात नहीं मान रहे. सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले हुई कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में ही नेता प्रतिपक्ष को कोरोना की स्थिति से अवगत कराते हुए कार्यसूची की जानकारी दे दी गयी थी. सिसोदिया की मानें तो सदन में सप्लीमेंट्री कार्यसूची भी आवंटित की गई लेकिन विपक्ष के लोग इसे मानने को ही तैयार नहीं थे. सिसोदिया ने विपक्ष पर राजनीति करने के आरोप लगाए.ये भी पढ़ें: Indo-Nepal Border Dispute: नो मैंस लैंड में नेपाल कर रहा जेसीबी से खुदाई, भारत ने दी कार्रवाई की चेतावनी
स्पीकर ने क्या कहा ?
सदन की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित होने के बाद विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने मीडिया से बात की. उन्होंने सदन के संचालन में सहयोग के लिए सभी दलों के विधायकों का आभार प्रकट करते हुए कहा कि ये जरुरी नहीं की विधानसभा का सत्र तारीखों से चले बल्कि सत्र में आवश्यक विषयों पर सार्थक चर्चा जरुरी है. मीडिया से बात करते हुए विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने कहा कि हमने शाम 6 बजे तक बिना लंच के सत्र चलाया है जिससे सत्र के तमाम विषयों पर सार्थक चर्चा भी हुई है. कोरोना के बढ़ते आंकड़ों की वजह से सत्र को स्थगित करना पड़ रहा है. विधानसभा के कर्मचारियों, विधायकों के जीवन की सुरक्षा करना भी विधानसभा अध्यक्ष का फर्ज है.