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- My Family Arrived At Midnight At MY Mercury, Then The Family Members Met With Two Girls In The Room.
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इंदौर3 मिनट पहले
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शव रखने आए लोगों ने लड़की के साथ कर्मचारी का यह फोटो खींचकर वायरल किया है।
- एमवायएचकर्मियों ने बताया चार दिन से रोजाना लड़कियां ला रहे थे ठेकेदार के लोग
- एमवाय अस्पताल प्रबंधन को इसकी जानकारी ही नहीं, ये निजी कंपनी के है कर्मचारी
पिछले दिनों एक बुजुर्ग के 15 दिन तक पड़े शव के मामले के बाद अस्पताल प्रशासन ने शवों की चौकसी और उनके लेने-देने का ठेका एक कंपनी को दिया है। यहां दिन और रात दो पाली में कर्मचारी तैनात रहते हैं। दिन में तो लोग आते रहते हैं, लेकिन शाम 6 बजे के बाद यहां आवाजाही कम हो जाती है। पूरा परिसर कंपनी के तीन-चार युवकों के हवाले रहता है। अस्पताल के एक कर्मचारी ने बताया कि दोनों युवक चार दिन से दो लड़कियों को ला रहे थे। एक बार तो उन्हें इमरजेंसी के पास देखा गया था।

कमरे के भीतर दो लड़की और दो लड़कियां हैं।
एमवायएच के कर्मचारियों के कुछ वायरल फोटो चर्चा का विषय बने हुए हैं। फोटो वायरल करने वालों कहना है कि एमवायएच के मुर्दाघर में शवों की चौकसी करने वाले दो युवा कर्मचारी चार दिन से दो लड़कियों को ला रहे थे। इसकी जानकारी एमवायएच के कर्मचारियों को थी, लेकिन प्रबंधन के इसकी भनक तक नहीं थी। मंगलवार रात को जब कुछ लोग एक शव लेकर वहां पहुंचे तो युवतियों को देखकर दंग रह गए। उन्होंने इस बारे में युवकों से पूछताछ की तो उनका कहना था आपको क्या करना है? आप शव रखो और जाओ। इसके बाद परिजन ने फोटो खींच लिए। बाद में उसे वायरल कर दिए। यह देख मर्च्यूरी के कर्मचारी लड़कियों को लेकर बाहर आ गए।
एमवाय़एच के मर्च्यूरी में शवों की चौकसी करने वाली तैनात की गई एक कंपनी के दो कर्मचारी मंगलवार को दो युवतियों के साथ पकड़ाए। जैसे ही पोस्टमॉर्टम रूम के एक कमरे में दो युवतियां दिखी तो शव रखने आए परिजन ने अपत्ति ली। एक ने उनके फोटो खींच लिए। यह देख हडकंप मच गया। कर्मचारियों ने तत्काल लड़कियों को बाहर निकाला औऱ उनके घऱ भी छोड़ आए। जब परिजन इसकी आपत्ति लेने लगे तो वे बोले कि आपको क्या करना है। आप अपना शव रखो और चले जाओ।
नाम प्रकाशित ना करने की शर्त पर एमवायएच के एक कर्मचारी ने बताया कि पिछले दिनों एक बुजुर्ग के 15 दिन तक पड़े शव के मामले के बाद से प्रंबधन ने शवों की चौकसी और उनके लेने-देने का ठेका एक कंपनी को दे दिया। यहां दिन और रात दो पालियों में कर्मचारी तैनात रहते हैं। दिन में तो लोग आते रहते हैं, लेकिन शाम 6 बजे बाद यहां आवाजाही बंद हो जाती है। रात में सिर्फ वे ही लोग आते हैं, जिनके किसी अपने ने दम तोड़ा हो और शव मर्च्यूरी में ऱखवाना हो। इसलिए यहां का पूरा परिसर सिर्फ निजी कंपनी के तीन-चार युवाओं के हवाले रहता है। यहां चौकसी करने वाले दो युवक चार दिन से दो लड़कियों को रोजाना ला रहे थे। एक बार तो उन्हें इमरजेंसी के पास देखा गया था।

फोटो खींचे तो तत्काल लड़कियों को लेकर बाहर निकल गए कर्मचारी।
मंगलवार रात को कुछ परिजन शव लेकर वहां पहुंचे थे। इस दौरान स्ट्रेचर वाला कर्मचारी भी मौजूद था। वे जैसे ही पोस्टमॉर्टम रूम के बाहर पहुंचे तो देखा कि लोगों के आने-जाने पर नजर रखने के लिए दो युवक बाहर तैनात थे। वे अंदर जाकर कुछ इशारा कर पाते इसके पहले ही परिजन औऱ स्ट्रेचर लेकर कर्मचारी वहां पहुंच गया। उन्होंने दोनों युवतियों को अंदर देखा और फोटो निकाल लिए। कर्मचारियों का कहना है कि सबसे बड़ी लापरवाही एमवायएच प्रबंधन की है। यहां निजी कंपनियों के हवाले ही सबकुछ चल रहा है।