भूमाफिया पर क्या सिर्फ दिखावे की कार्रवाई: अवैध कॉलोनी काटने वालों को सजा मुश्किल, क्योंकि IPC की जगह म्युनिसिपल एक्ट में हो रही FIR

भूमाफिया पर क्या सिर्फ दिखावे की कार्रवाई: अवैध कॉलोनी काटने वालों को सजा मुश्किल, क्योंकि IPC की जगह म्युनिसिपल एक्ट में हो रही FIR


  • Hindi News
  • Local
  • Mp
  • Bhopal
  • Punishment For Those Who Cut Illegal Colony Is Difficult, Because … FIR In Municipal Act Instead Of IPC

Ads से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप

भोपाल10 घंटे पहले

  • कॉपी लिंक

अब तक 175 अवैध काॅलोनियों के खिलाफ दर्ज हो चुके हैं केस।

  • नगर निगम के अफसर अदालत में यह साबित नहीं कर पाते हैं कि डेवलप हो रही थी अवैध कॉलोनी;

एक बार फिर शहर में अवैध काॅलोनी डेवलप करने वालों के खिलाफ FIR का अभियान चल रहा है। नगर निगम अब तक 175 अवैध काॅलोनियों पर FIR करा चुका है। निगम सीमा के बाहर जिला प्रशासन के अफसर FIR करा रहे हैं। दोनों ही जगह कार्रवाई म्युनिसिपल एक्ट के तहत हो रही है। किसी भी अवैध काॅलोनाइजर पर IPC के तहत प्रकरण दर्ज नहीं हुआ है। ऐसी स्थिति में नगर निगम, जिला प्रशासन और पुलिस तीनों के समन्वय के बिना अवैध काॅलोनाइजरों को सजा मिलने की संभावना नहीं है।

इसके पहले भी मप्र नगरपालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 292 सी और नगरपालिका अधिनियम 1961 की धारा 339 सी के तहत FIR दर्ज कराई गई हैं। लेकिन कुछ काॅलोनाइजरों पर जुर्माने के अलावा कोई बड़ी सजा नहीं सुनाई जा सकी है। नगर निगम और प्रशासन के अफसर ज्यादातर मामलों में अदालत में यह साबित नहीं कर पाते कि मौके पर आरोपी द्वारा अवैध काॅलोनी डेवलप की जा रही थी।

अवैध कॉलोनियों के खिलाफ जिला प्रशासन की कार्रवाई के तीसरे दिन सेवनिया ओमकारा और अरेड़ी में अवैध मकानों पर जेसीबी चली। यहां की सड़कें उखाड़ी गईं। दोनों गांव की 26 करोड़ 60 लाख कीमत की 34 एकड़ जमीन पर बिना अनुमति प्लाॅटिंग की जा रही थी।

शिकायत यह भी… जमीन बेचने के बाद भी आरोपी बना दिया
1. मालीखेड़ी निवासी तुलसा बाई मेहर ने 11 साल पहले बिल्डर विनोद कुशवाह को 3.75 एकड़ जमीन बेच दी। बिल्डर यहां प्लाॅटिंग कर रहा है और कुछ मकान भी बन गए हैं। लेकिन निगम ने तुलसा बाई को आरोपी बना दिया।

2. रासलाखेड़ी के किसान रामरतन ने 25 साल पहले करीब दो एकड़ जमीन पर 80 लोगों को प्लॉट बेचे थे। अब यहां मकान बन गए हैं। रामरतन की 2014 में मृत्यु हो गई, लेकिन उनके खिलाफ FIR दर्ज करा दी गई है।

मुख्यमंत्री कह चुके हैं – कलेक्टर और कमिश्नर होंगे जिम्मेदार

CM शिवराजसिंह चौहान ने कहा कि अब तक जितनी भी अवैध कालोनियां बन गई हैं, उन्हें वैध किया जाएगा। लेकिन अब अगर कहीं भी कोई अवैध काॅलोनी बनी तो वहां के कलेक्टर और नगर निगम कमिश्नर जिम्मेदार होंगे।

क्या कहता है अधिनियम

3 से 7 साल की सजा और दस हजार के जुर्माने का प्रावधान
इस बारे में जानकार बताते हैं कि दोनों ही अधिनियम में अवैध काॅलोनी काटने के मामले में कम से कम 3 साल और अधिकतम 7 साल की सजा या 10 हजार रुपए जुर्माना या दोनों हो सकते हैं। इस अधिनियम में कॉलोनाइजर के अलावा प्रमोटर तथा डायरेक्टर को भी दोषी माना गया है।

कोर्ट में हम साबित करेंगे कि डेवलप की जा रही थीं अवैध कॉलोनियां

  • अवैध कॉलोनी बनाने वालों पर FIR दर्ज करने से पहले ही पुलिस और जिला प्रशासन के संबंधित अफसरों से चर्चा हो गई है। हम अपने दस्तावेजों के आधार पर यह साबित करेंगे कि अवैध काॅलोनियां डेवलप की जा रहीं थी। जिला प्रशासन और पुलिस के अफसरों के साथ मिलकर मौका पंचनामा बनाया जाएगा। इसके बाद अवैध काॅलोनाइजर के खिलाफ मजबूत केस कोर्ट में पेश किया जाएगा। – वीएस चौधरी कोलसानी, कमिश्नर, नगर निगम

खबरें और भी हैं…



Source link