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- Colorful Opening Of Ustad Alauddin Khan Festival In Maihar, Renowned Artists Will Give Their Presentations
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सतना16 मिनट पहले
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- मैहर के खेल मैदान के मदीना भवन में होगा आयोजन
देश दुनिया में अपनी संगीत कला के दम पर पहचान बनाने वाले पद्म विभूषित विश्व विख्यात संगीत सम्राट उस्ताद अलाउद्दीन खां 46वां संगीत समारोह का आयोजन 19 मार्च से 21 मार्च तक रात्रि 8 बजे से किया जाएगा। यह कार्यक्रम मैहर खेल मैदान के उस्ताद अलाउद्दीन खां मदीना भवन के पास में आयोजित किया जाएगा।
इस तरह होंगे कार्यक्रम
– विश्व विख्यात संगीत सम्राट उस्ताद अलाउद्दीन खां के मदीना भवन में शाम 6 बजे सर्वप्रथम चादर चढ़ाई जाएगी। इसके बाद मैहर वाद्यवृंद से कार्यक्रम का शुभारंभ किया जाएगा। इसके उपरांत शहीद परवेज पुणे द्वारा सितार वादन, रानी खानम दिल्ली द्वारा कत्थक समूह नृत्य, उस्ताद रशीद खां एवं अरमान खान कोलकाता द्वारा युगल गायन, संगीता शंकर, रागिनी शंकर एवं नंदिनी शंकर, मुंबई द्वारा बायोलिन ट्रिपल बंदी, एवं गजेंद्र कुमार पंडा भुवनेश्वर द्वारा ओडीसी समूह की प्रस्तुति देंगे।
– वहीं 20 मार्च को मैहर वाद्यवृंद से ही कार्यक्रम का शुभारंभ होगा एवं इसके उपरांत विशाल कृष्णा वाराणसी द्वारा कत्थक, रसिका गांवड़े द्वारा गायन की प्रस्तुति, ऋषभ त्रिपाठी सतना द्वारा तबला, कौशिकी चक्रवर्ती कोलकाता द्वारा गायन, सिराज अली एवं दीप्तोनिल भट्टाचार्य कोलकाता द्वारा सरोज जुगलबंदी, नीलागी कलत्रे जबलपुर द्वारा कत्थक समूह नृत्य की प्रस्तुति की जाएगी।
– समापन समारोह 21 मार्च को श्वेता वर्मा एवं ज्योति यामिनी लखनऊ द्वारा कत्थक युगल की प्रस्तुति दी जाएगी। वहीं शाम्भवी शुक्ला, सागर कथक समूह, विनोद मिश्रा सतना द्वारा गायन, राकेश चौरसिया मुम्बई बासुरी, अमन जैन मैहर गायन व स्थानीय कलाकार द्वारा कार्यक्रम का समापन किया जाएगा। इस कार्यक्रम में श्रोताओं के लिए प्रवेश निशुल्क रहेगा।

यह कलाकार देंगे प्रस्तुति
कौन है बाबा अलाउद्दीन खां
बता दें कि उस्ताद अलाउद्दीन खां का जन्म 1862 में नबीनगर उपजिला बांग्लादेश में हुआ था। अलाउद्दीन खां एक बहुप्रसिद्ध सरोद वादक थे, जिन्हें अन्य वाद्य यंत्रों को बजाने में भी महाराथ हासिल थी। बाबा 20वीं सदी के सबसे महान संगीत शिक्षकों में से एक माने जाते हैं। सन् 1935 में पं. उदय शंकर के बैले समूह के साथ खां साहब ने यूरोप का दौरा किया। इसके बाद काफी लंबे समय तक उत्तराखंड के अल्मोड़ा में स्थित ‘उदय शंकर इंडिया कल्चर सेंटर’ से जुड़े रहे। अपने जीनन काल में उन्होंने कई रागों की रचना की और विश्व संगीत जगत में विख्यात बाबा ने मैहर राजघराने की नींव भी रखी। उस्ताद अलाउद्दीन खां का 6 सितंबर 1972 को निधन हुआ था।
पद्म भूषण से सम्मानित
उस्ताद अलाउद्दीन खां को कला के क्षेत्र में सन् 1958 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। इससे पहले उन्हें साल 1954 में संगीत नाट्य अकादमी ने अपने सबसे बड़े सम्मान ‘संगीत नाट्य अकादमी फैलोशिप’ से नवाज़ा, ये सम्मान उत्तर प्रदेश राज्य से था। बाबा के कई एलबम भी चर्चित रहे है। उनकी सबसे खास रिकॉर्डिंग्स ऑल इंडिया रेडियो के साथ 50 से 60 के दशक में की गई जो सबसे अधिक प्रसिद्ध हैं।
ग्रैमी अवार्ड धारी पं. रवि शंकर के रहे हैं गुरु
अलाउद्दीन खां साहब मशहूर सरोद वादक अली अकबर खां और अन्नपूर्णा देवी के पिता हैं, साथ ही राजा हुसैन खां के चाचा भी। इतना ही नहीं बाबा अलाउद्दीन खां ग्रैमी अवार्ड धारी पं. रवि शंकर, निखिल बनर्जी, पन्नालाल घोष, बसंत राय, बहादुर राय आदि सफल संगीतकारों के गुरु भी रहे। उन्होंने स्वयं गोपाल चंद्र बनर्जी, लोलो और मुन्ने खां जैसे संगीत के महारथियों से संगीत की दीक्षा ली। इतना ही नहीं उन्होंने कड़ी मेहनत के बाद मशहूर वीणा वादक रामपुर के वजीर खां साहब से भी संगीत के गुर सीखे थे।