एमपी में हनी ट्रैप का ये केस 2019 में सामने आया था जब प्रदेश में कमलनाथ सरकार थी.
Bhopal.आरोपी युवतियों आरती दयाल , श्वेता स्वप्निल जैन और श्वेता विजय जैन ने पीड़ित को बहला-फुसलाकर बुलाया और फिर गलत काम के लिए कई लोगों के पास भेजा
इस मामले में पीड़ित पक्ष के वकील एडवोकेट यावर खान ने बताया कि पीड़ित ने बयान में यह बताया है कि फरवरी 2019 में अभिषेक ठाकुर उसे बहला-फुसलाकर भोपाल हनीट्रैप की आरोपी आरती दयाल के पास लेकर आया था.आरती दयाल और श्वेता विजय जैन ने मिलकर पीड़ित के कुछ अश्लील फोटोग्राफ खींच लिए और उसे दिखाकर उसे गलत काम करने के लिए मजबूर किया.
एनजीओ का काम बताकर फुसलाया
वकील एडवोकेट यावर खान ने बताया कि आरोपी युवतियों आरती दयाल , श्वेता स्वप्निल जैन और श्वेता विजय जैन ने पीड़ित को यह बताया था कि वह एनजीओ का काम करती हैं और गरीब लोगों की मदद करती हैं.उन्होंने उसे बहला-फुसलाकर भोपाल बुलाकर कई लोगों के पास उसे गलत काम करने के लिए पहुंचाया.इन रसूखदारों के नाम लिये
यावर खान ने बताया कि आरती दयाल उसके भाई की शादी के समय पीड़ित को छतरपुर ले गई थी.जहां मनोज द्विवेदी नाम के व्यक्ति ने उनके साथ गलत काम किया.पीड़ित युवती रक्षाबंधन के बाद 2019 में गांव चली गई थी.लेकिन इन आरोपियों ने उसका पीछा नहीं छोड़ा और उसे फिर से भोपाल ले आए. आरोपी स्वप्निल जैन उसे लालघाटी के पास किसी राजेश गुप्ता नाम के व्यक्ति के पास लेकर गई.पंचवटी के पास उसका ऑफिस था.ऑफिस के सामने कार में राजेश गुप्ता ने उसके साथ गलत काम कियाा.
एक के बाद एक नाम का खुलासा
छतरपुर में ही आरती ने मनीष अग्रवाल नाम के व्यक्ति के पास भी पीड़िता को भेजा था. आरती ने एक कार मनीष अग्रवाल के शोरूम से ली थी.अरुण निगम और हरीश खरे नाम के दोनों व्यक्ति मिनाल रेसीडेंसी वाले आरती के फ्लैट पर आए और इन लोगों ने भी पीड़िता का शोषण किया. तत्कालीन खनिज मंत्री प्रदीप जायसवाल के पास अरुण निगम और तत्कालीन खाद्य आपूर्ति मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के पास हरीश खरे विशेष सहायक के तौर पर पदस्थ थे. हनी ट्रैप में इनका नाम आने के बाद स्टाफ से हटा दिया गया था.
हरभजन की बेहआई
आरती दयाल हरभजन सिंह के कहने पर 18 अगस्त 2019 को पीड़िता को इंदौर ले गई और होटल श्री में हरभजन सिंह ने पीड़िता के साथ गलत काम किया.इसके बाद आरती ने पीड़िता के साथ मारपीट की और भोपाल ले आई.आरती भोपाल में उसे कुछ दिन रखने के बाद 30 अगस्त 2019 को फिर से हरभजन सिंह के पास इंदौर में ले गई. इस दौरान हरभजन सिंह ने पीड़िता को नौकरी देने का झांसा देकर फिर से उसके साथ गलत काम किया.हरभजन सिंह नगर निगम में अधिकारी था. बाद में उसे हटा दिया गया.
न्यायिक हिरासत में पीड़ित युवती
पीड़ित युवती केंद्रीय जेल उज्जैन में न्यायिक हिरासत में बंद है. केंद्रीय जेल उज्जैन से उसे सुरक्षा के साथ एक दिन पहले भोपाल अदालत में पेश किया गया था. पीड़ित के पिता ने 24 सितंबर 2019 को पलासिया पुलिस थाना में आरती दयाल सहित अन्य आरोपियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी.