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इंदौर20 मिनट पहले
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कलेक्टर ने बैठक में अस्पतालों में मरीजों की भर्ती और बेड की रिक्तता की जानकारी दिन में तीन बार कंट्रोल रूम में अनिवार्य रूप से देने की बात कही।
- कलेक्टर मनीष सिंह ने प्रायवेट अस्पतालों के चिकित्सकों और प्रबंधकों की बैठक ली
किसी भी मरीज का रुपयों के अभाव में इलाज नहीं रोका जाए। जो शासन द्वारा इलाज की दर तय की गई है, उसी अनुसार इलाज हो। कोरोना इलाज को लेकर किसी भी प्रकार की लापरवाही पाई गई तो संबंधित अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। यह बात कलेक्टर मनीष सिंह ने अस्पतालों के प्रबंधकों और चिकित्सकों की बैठक में कही। कोरोना मरीजों के उपचार के लिए निजी और शासकीय 54 अस्पतालों में व्यवस्थाएं की गई हैं। इन अस्पतालों में 3 हजार से अधिक बेड आरक्षित हैं। मरीजों के उपचार के लिए किसी भी तरह की कोई कोर-कसर नहीं रखी जाए। शासन-प्रशासन द्वारा निर्धारित दरों का प्रदर्शन अपने-अपने अस्पतालों में किया जाए। अलग से किसी भी मद में राशि वसूल नहीं की जाए।
बैठक में कलेक्टर ने निर्देश दिए कि अलाक्षणिक और कम लक्षण वाले मरीजों को अनावश्यक रूप से भर्ती नहीं किया जाए। उपचार के बाद ठीक होने पर उन्हें पांच से सात दिन में डिस्चार्ज किया जाए। मरीजों से निर्धारित दर से ही राशि ली जाए। मरीजों और उनके परिजनों से अच्छा व्यवहार किया जाए। अगर किसी अस्पताल से मरीज को रैफर करने की आवश्यकता होती है, तो संबंधित अस्पताल में रिक्तता की स्थिति पता कर ही उसे रैफर किया जाए। अगर कोई मरीज दूसरे अस्पताल में इलाज के लिए जाना चाहता हो, तो उसे उसकी इच्छा के अनुरूप डिस्चार्ज किया जाए। किसी भी जरूरतमंद मरीज का उपचार पैसे के अभाव में नहीं रोका जाए। निजी अस्पतालों में व्यवस्थाओं और इलाज की मॉनिटरिंग के लिए चार जोनल अधिकारी नियुक्त करने के निर्देश कलेक्टर ने दिए। उन्होंने अस्पतालों में मरीजों की भर्ती और बेड की रिक्तता की जानकारी दिन में तीन बार कंट्रोल रूम में अनिवार्य रूप से देने के निर्देश दिए है।
1075 नंबर पर डायल कर कोई भी ले सकता है बेड की जानकारी
बैठक में बताया गया कि 1075 नंबर पर डायल कर कोई भी व्यक्ति कंट्रोल रूम से बेड की उपलब्धता की जानकारी प्राप्त कर सकता है। कोरोना के इलाज में गाइड लाइन का पूरा पालन किया जाए। लापरवाही करने वाले अस्पतालों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि जिले में टीकाकरण केन्द्रों की संख्या बढ़ाई जा रही है। बैठक में प्रमुख रूप से इंडियन मेडिकल एसोशिएशन इंदौर के डॉ. हेमंत जैन तथा डॉ. सतीश जोशी, अपर कलेक्टर संतोष टैगोर, इंदौर विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी विवेक श्रोत्रिय, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बीएस सैत्या, एमआरटीबी अस्पताल के अधीक्षक डॉ. सलिल भार्गव, कोविड के नोडल अधिकारी डॉ. अमित मालाकार सहित कोविड के इलाज के लिए चिन्हित निजी तथा शासकीय अस्पतालों के प्रबंधक और चिकित्सक मौजूद थे।