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- 156 New Cases Surfaced In The District In One Day, Two Deaths, 1556 Cases In 25 Days In The District
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जबलपुर44 मिनट पहले
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होली के त्यौहार के चलते इस तरह बाजारों में उमड़ रही भीड़ से कोरोना के संक्रमण का खतरा और बढ़ता जा रहा है।
- स्टेशन, बस स्टैंड व एयरपोर्ट पर बाहर से आने वालों की जांच में लापरवाही, नहीं देख रहे आरटीपीसीआर रिपोर्ट
- मार्च में 1.46 लाख लोगों ने वैक्सीन लगवाई, दूसरा डोज लगवाने में पीछे हैं लोग
जिले में कोरोना की दूसरी लहर ने चिंता बढ़ा दी है। गुरुवार को जिले में 156 नए मामले सामने आए, जो इस साल का सर्वाधिक है। वहीं दो लोगों की पिछले 24 घंटे में मौत हो गई। मार्च में अब तक कोरोना से तीन लोगों की जान जा चुकी है। कोरोना संक्रमण की रफ्तार का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि फरवरी के 28 दिनों में 382 संक्रमित वाले जिले में मार्च के 25 दिनों में आंकड़ा बढ़कर 1556 पहुंच गया।
जानकारी के अनुसार गुरुवार को 1752 सेम्पल की रिपोर्ट आई थी। इसमें 156 नए संक्रमितों के साथ कुल आंकड़ा 18 हजार 206 पर पहुंच गई। वहीं 68 लोग ठीक हुए हैं। कुल ठीक होने वाले लोगों की संख्या 17 हजार 41 हो गई है। इस बीच कोरोना की रिकवरी रेट लगातार घटती जा रही है। गुरुवार को रिकवरी रेट गिरकर 93.60 प्रतिशत पर आ गया। जबकि 16 मार्च को जिले में रिकवरी रेट 96.74 प्रतिशत था। कोरोना से दो लाेगों की मौत के साथ ही आंकड़ा बढ़कर 256 पर पहुंच गया है। जिले में एक्टिव केस बढ़कर 909 पर पहुंच गया है। वहीं 1059 सस्पेक्टेड केस है।
तारीख | संक्रमित | स्वस्थ हुए | रिकवरी रेट |
25 मार्च | 156 | 68 | 93.60 |
24 मार्च | 109 | 43 | 94.03 |
23 मार्च | 143 | 61 | 94.36 |
22 मार्च | 124 | 49 | 94.78 |
21 मार्च | 102 | 52 | 95.17 |
20 मार्च | 108 | 32 | 95.42 |
19 मार्च | 116 | 41 | 95.83 |
कोरोना से बचाव के लिए स्क्रीनिंग में हो रही खानापूर्ति
शहर में कोरेाना संक्रमण के अधिकतर मामलों में ट्रेवल हिस्ट्री मिली थी। इसके बाद शहर में तेजी से संक्रमण फैला। बावजूद रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड व एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है। कहीं भी यात्रियों का आरटीपीसीआर रिपोर्ट चेक नहीं किया जा रहा है। जबकि महाराष्ट्र, दिल्ली से आने वाले यात्रियों की स्क्रीनिंग में सख्ती का आदेश राज्य सरकार ने दिए थे। रेलवे स्टेशन, आईएसबीटी बस स्टैंड में तो सोशल डिस्टेंसिंग ही भुला दिया गया है। यहां लोग बिना मास्क के ही घूमते हुए दिख जाते हैं।
इस तरह की लापरवाही पड़ सकती है भारी
- शहर में बसों से आने वाले यात्री दीनदयाल चौक पर ही उतर जाते हैं। जबकि स्क्रीनिंग टीम बस स्टैंड के अंदर बैठती है।
- नागपुर में कोरोना विस्फोट के बाद बसों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है, पर ट्रेन का सफर जारी है। स्टेशन पर न तो स्क्रीनिंग हो रही और न ही आरटीपीसीआर टेस्ट रिपोर्ट देख रहे हैं।
- इंदौर-भोपाल, महाराष्ट्र, दिल्ली से आने वाले यात्रियों में बड़ी संख्या में मदनमहल स्टेशन पर भी उतर जाते हैं। यहां स्क्रीनिंग के लिए कोई टीम तैनात नहीं है। मुख्य स्टेशन पर है तो वहां होती नहीं है।
- डुमना एयरपोर्ट पर सिर्फ यात्रियों के शरीर का तापमान ही मापा जा रहा है। दिल्ली-मुम्बई से आने वाले फ्लायर्स का नाम-पता दर्ज कर रहे हैं। पर यहां भी आरटीपीसीआर रिपोर्ट नहीं देख रहे हैं।
तारीख | केस | कुल मौत | समय |
20 मार्च 2020 | 04 | 00 | संक्रमण की शुरूआत |
04 मई | 100 | 03 | 46 दिन |
10 जुलाई | 500 | 14 | 67 दिन |
25 जुलाई | 1000 | 24 | 15 दिन |
12 अगस्त | 2000 | 44 | 18 दिन |
22 अगस्त | 3000 | 64 | 10 दिन |
30 अगस्त | 4000 | 80 | 08 दिन |
06 सितंबर | 5000 | 97 | 07 दिन |
30 सितंबर | 10 हजार | 151 | 24 दिन |
17 दिसंबर | 15 हजार | 230 | 77 दिन |
15 जनवरी | 16 हजार | 248 | 29 दिन |
13 मार्च | 17 हजार | 253 | 57 दिन |
25 मार्च | 18,206 | 256 | 12 |
जिले में वैक्सीनेशन में भी लोग कर रहे लापरवाही, दूसरा डोज लगवाने से बच रहे
एक तरफ कोरोना का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। वहीं दूसरी ओर वैक्सीनेशन की रफ्तार भी नहीं बढ़ पा रही है। आलम ये है कि हेल्थ कर्मियों को छोड़ दें तो लोग दूसरा डोज लगवाने से कतरा रहे हैं, जो टीकाकरण अभियान को विफल कर देगा। जिला टीकाकरण अधिकारी डॉक्टर शत्रुघन दाहिया के मुताबिक दूसरा डोज लेने के 14 दिन बाद ही शरीर में कोरोना संक्रमण को हराने का प्रतिरोधक क्षमता विकसित होती है।
जिले में इस तरह वैक्सीनेशन का रहा आंकड़ा
- 14 दिनों के वैक्सीनेशन में अब तक 1,46,948 लोगाें ने वैक्सीन लगवाई है।
- 22, 611 हेल्थ वर्कर ने वैक्सीन का पहला डोज लगवाया था।
- 13632 हेल्थ वर्कर ही दूसरा डोज लगवाने अब तक पहुंचे हैं, जो 64 प्रतिशत ही है।
- 16,305 फ्रंट लाइन वर्कर्स को पहला डोज लगा। ये टार्गेट का 83 प्रतिशत है।
- 10,421 फ्रंट लाइन वर्कर्स ने दूसरा डोज लगवाया, जो 54 प्रतिशत है।
- 19,883 गंभीर बीमारी से पीड़ित 45 से 60 की उम्र वालों ने वैक्सीन लगवाई है।
- 64,096 सीनियर सिटीजन ने वैक्सीन का पहला डोज लगवाया है।
तारीख | वैक्सीन लगवाने वालों की संख्या |
01 मार्च | 2110 |
02 मार्च | 3893 |
04 मार्च | 3250 |
06 मार्च | 4936 |
08 मार्च | 3902 |
10 मार्च | 5048 |
13 मार्च | 8471 |
15 मार्च | 8408 |
17 मार्च | 8049 |
18 मार्च | 5506 |
20 मार्च | 17435 |
22 मार्च | 18337 |
24 मार्च | 11530 |
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