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भोपाल12 मिनट पहलेलेखक: अनूप दुबे
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ज्ञान गंगा स्कूल में नियमित क्लास के दौरान कुछ इस तरह बच्चों की स्क्रीनिंग होती थी। – फाइल फोटो
- तर्क बच्चे स्कूल नहीं आने से नियमित पढ़ाई से दूर हो रहे
- ऑनलाइन पढ़ाई विकल्प हो सकता है समाधान नहीं
मध्यप्रदेश में बीते एक साल से स्कूली बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं। ऐसे में अब स्कूल संचालक 1 अप्रैल से स्कूल खोले जाने की मांग भी करने लगे हैं। संचालकों का तर्क है कि अब सब कुछ अनलॉक हो चुका है। लोग भी कोरोनावायरस के साथ रहकर सावधानी से आगे बढ़ना सीख गए हैं। ऐसे में स्कूल खुल जाना चाहिए। ऑनलाइन पढ़ाई से बच्चों पर मानसिक दबाव पड़ रहा है।
इस कारण बच्चे नियमित पढ़ाई से दूर होते जा रहे हैं। ऑनलाइन क्लासेस एक विकल्प हो सकता है, लेकिन यह समाधान नहीं है। स्कूल खुलने को लेकर दैनिक भास्कर ने निजी स्कूल संचालकों से बात की। इसमें सामने आया कि सभी स्कूल खोले जाने के पक्ष में है और उनकी मांग है कि जल्द से जल्द इस पर निर्णय लिया जाना चाहिए, क्योंकि बच्चों के साथ से पढ़ाने वाले और जुड़े इससे दूसरे रोजगार भी प्रभावित हो रहे हैं।
31 मार्च तक सभी शिक्षण संस्थान बंद
कोरोना के केस बढ़ने के कारण अब भोपाल में लॉकडाउन लगा दिया गया है। इसके तहत कई तरह की पाबंदी के साथ ही रात 9 बजे से नाइट कर्फ्यू रहेगा। शासन ने 31 मार्च तक सभी तरह के शिक्षण संस्थान बंद करने के निर्देश दिए हैं। बोर्ड की परीक्षाएं 29 अप्रैल से प्रारंभ होंगी, ऐसे में अब स्कूल संचालक परीक्षा से ठीक पहले स्कूल बंद होने के कारण परेशान हैं। बच्चों को दोबारा ऑन लाइन क्लास के भरोसे ही कोर्स पूरा करना पड़ रहा है।
इनका कहना
हम लॉकडाउन खत्म होने के बाद से ही बड़ी क्लासेस को नियमित शुरू करने के पक्ष में रहे हैं। हमने कई बार इस संबंध में स्कूल शिक्षा मंत्री से बात की है और उन्हें भरोसा दिलाया है कि हम कोरोनावायरस की गाइड लाइन के अनुसार ही स्कूल संचालित कर सकते हैं। कम से कम 9वीं से लेकर 12वीं तक की क्लासेस नियमित की जानी चाहिए। हां कक्षा 1 से लेकर आठवीं तक के बच्चों को स्कूल बुलाने को लेकर रिव्यू किया जाना चाहिए। अगर परिस्थितियां अनुकूल होती हैं तो उनकी भी क्लासेस खोली जानी चाहिए।
-बीएस यादव, संचालक आईईएस पब्लिक स्कूल
हम शुरुआत से ही स्कूल खोले जाने की बात कर रहे हैं। एसोसिएशन के माध्यम से अपनी बात लगातार रखते रहे हैं। दोबारा से लॉक डाउन हो गया है। ऐसे में फिर से स्कूल बंद हो गए हैं। अभी क्लासेस चल रही थीं, तो इसका फायदा बच्चों को हो रहा था। परीक्षाएं नजदीक है। ऐसे में नियमित क्लास जरूरी है। छोटे बच्चे की क्लास को ऑनलाइन किया जा सकता है, लेकिन बड़े बच्चों की क्लास नियमित लगाए जाना जरूरी है।
-आशीष चटर्जी, डायरेक्टर, सोसाइटी फॉर प्राइवेट स्कूल
बच्चों के भविष्य का सवाल है नियमित क्लास के माध्यम से ही कई तरह के डाउट सॉल्व हो जाते हैं ऑनलाइन क्लासेस में लगभग अधिकांश बच्चे कुछ बोलते ही नहीं है केवल सुनते रहते हैं ऐसे में टीचर को भी पता नहीं होता कि बच्चे कितना ग्रहण कर रहे हैं या सीख रहे इसलिए नियमित स्कूल चलाए जाना जरूरी है परीक्षाएं पास आ रहे हैं और बच्चे तनाव में है अगर नियमित क्लासेस होंगी तो बच्चों का तनाव कम होगा
-विनी राज मोदी, सचिव, एसोसिएशन ऑफ अन-एडेड प्राइवेट स्कूल्ज मध्यप्रदेश एवं सहोदय ग्रुप
हमने एसोसिएशन के माध्यम से स्कूल खोले जाने को लेकर कई तरह के आश्वासन शासन को दिए हैं जिसमें सोशल डिस्टेंसिंग से लेकर सैनिटाइजिंग और सभी तरह की कोरोनावायरस कब पालन किए जाने की बात बताई है छोटे बच्चों की क्लास नहीं लगने से स्कूल में बड़े बच्चों की क्लास लगाने के लिए पर्याप्त स्टाफ और जगह है इसलिए शासन को बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए नियमित क्लास लगाने की अनुमति देनी चाहिए
-बाबू थॉमस, संचालक, सेंट जार्ज स्कूल