ट्रैफिक इंजीनियरिंग की कमियों से हुआ हादसा: सड़क हादसे में 13 लोगों की मौत के कारणों की जांच के लिए भोपाल से आए अफसर, बोले- स्पीड, ओवरलोडिंग से हुआ हादसा

ट्रैफिक इंजीनियरिंग की कमियों से हुआ हादसा: सड़क हादसे में 13 लोगों की मौत के कारणों की जांच के लिए भोपाल से आए अफसर, बोले- स्पीड, ओवरलोडिंग से हुआ हादसा


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ग्वालियर2 मिनट पहले

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घटना स्थल से लौटने के बाद पुरानी छावनी थाना में सब इंस्पेक्टर इंदरगंज से हादसे के संंबंध में जानकारी लेते रक्षित निरीक्षक राजीव खरे

  • एक घंटे स्पॉट पर ठहरे, फिर थाना जाकर FIR से समझा पूरा मामला
  • 23 मार्च की सुबह पुरानी छावनी में आनंदपुर ट्रस्ट के सामने हुआ था सड़क हादसा
  • हादसे में ऑटो में सवार 12 महिलाओं सहित 13 की मौत हुई थी

सड़क हादसे में ऑटो में सवार 12 महिलाओं सहित 13 की मौत के कारणों की जांच करने बुधवार को भोपाल से पुलिस अफसरों की एक टीम ग्वालियर पहुंची है। टीम ने पहले घटना स्थल देखा है और फिर थाना पहुंचकर पूरे मामले में अभी तक की कार्रवाई को समझा है। घटना के 8 दिन बाद स्पॉट निरीक्षण में भी वही सारी बातें निकल कर सामने आई हैं जो उस दिन निकली थीं। घटना की मुख्य वजह बस की स्पीड, ऑटो का ओवरलोड होने के साथ-साथ ट्रैफिक इंजीनियरिंग की कमियां निकली है। जैसे वहां डिवाइडर नहीं था, जब इतना हैवी ट्रैफिक है तो डबल रोड क्यों नहीं है, कहीं भी संकेतक नहीं है। ठीक से लाइट भी नहीं है। यही सब छोटी-छोटी कमियां एक बड़े हादसे का कारण बन गईं।

आठ दिन पहले 23 मार्च की सुबह पुरानी छावनी थाना क्षेत्र के आनंदपुर ट्रस्ट अस्पताल के पास तेज रफ्तार बस व ऑटो की भिड़ंत में ऑटो में सवार 12 महिलाओं व ऑटो चालक की मौत हुई थी। इस मामले में बुधवार को भोपाल पुलिस मुख्यालय से रक्षित निरीक्षक राजीव खरे के नेतृत्व में एक टीम घटना स्थल का निरीक्षण करने व हादसे के कारणों की जानकारी जुटाने के लिए आई है। भोपाल से आए अफसरों की टीम ने स्पॉट पर निरीक्षण किया है। साथ में पुरानी छावनी थाना पुलिस भी रही। घटना के बाद थाने में भी पूरी एफआईआर को समझा है।

स्पॉट पर यह मिली कमियां

जांच अधिकारी राजीव खरे ने बताया कि जिस जगह हादसा हुआ है, वहां पर एक भी संकेतक नहीं है और ना ही डिवाइडर है। यहां से गुजरने वाली बसों की भी जांच की तो उनमें स्पीड गवर्नर नहीं मिले हैं। यहां सड़क पर डिवाइडर होना चाहिए थे, क्योंकि यहां पर ट्रैफिक का काफी आवागमन है। यहां ट्रैफिक को देखते हुए सड़क मानकों पर खरी नहीं उतरती है। इतना हैवी ट्रैफिक होने के बाद भी सिंगल रोड है।

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