मरीज की मौत के बाद हंगामा: शैल्बी हॉस्पिटल में भर्ती कराए गए आयुर्वेदिक चिकित्सक की मौत पर बवाल, छह दिन पहले उलटी होने पर कराए गए थे भर्ती

मरीज की मौत के बाद हंगामा: शैल्बी हॉस्पिटल में भर्ती कराए गए आयुर्वेदिक चिकित्सक की मौत पर बवाल, छह दिन पहले उलटी होने पर कराए गए थे भर्ती


  • Hindi News
  • Local
  • Mp
  • Jabalpur
  • Ruckus Over Death Of Ayurvedic Doctor Admitted In Shelby Hospital, Admitted Six Days Ago Due To Vomiting

Ads से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप

जबलपुर35 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

शैल्बी हॉस्पिटल में मरीज की मौत पर हंगामा करते परिजन।

  • परिजनों का आरोप, तीन दिन से छुट्टी कराने का लगाता रहे गुहार, मरीज से मिलने भी नहीं दे रहा था अस्पताल प्रबंधन
  • इलाज के नाम पर 2.10 लाख रुपए ऐंठ लिए, 80 हजार और मांग रहे थे

शहर के एक निजी अस्पताल में भर्ती 52 वर्षीय आयुर्वेदिक चिकित्सक की मौत पर हंगामा मच गया। परिजनों का आरोप है कि छह दिन पहले उलटी होने पर निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। तीन दिन से हम अस्पताल से छुट्‌टी के लिए गुहार लगाते रहे, लेकिन अस्पताल प्रबंधन मरीज से भी मिलने नहीं दे रहा था। मंगलवार शाम को अचानक बोले कि माइनर अटैक आया है। बुधवार को पुलिस से खबर मिली कि उनके मरीज की मौत हो गई है।

जानकारी के अनुसार हनुमानताल निवासी 52 वर्षीय आयुर्वेदिक चिकित्सक की मौत चिकित्सकों ने कोविड से होना बताया है। पत्नी नीता तिवारी ने आरोप लगाया कि छह दिन पहले उनके पति को उलटी हुई थी। इस पर शैल्बी हॉस्पिटल में भर्ती कराया। अस्पताल वालों ने पहले कोविड पॉजिटिव बोलकर 2.10 लाख रुपए इलाज के एवज में ले लिए। बावजूद मरीज को ठीक नहीं कर पाए। तीन दिन से हम मरीज को छुट्‌टी करने के लिए अस्पताल प्रबंधकों से बोलते रहे। पर ये बोलकर छुट्‌टी नहीं की कि वे मरीज को ठीक कर देंगे। मरीज से भी नहीं मिलने दिए।

पत्नी नीता तिवारी ने रोते हुए अस्पताल प्रबंधन पर लगाए गंभीर लापरवाही के आरोप।

पत्नी नीता तिवारी ने रोते हुए अस्पताल प्रबंधन पर लगाए गंभीर लापरवाही के आरोप।

मंगलवार शाम को माइनर अटैक आना बताया, रात में हो गई मौत, पर सुबह दी जानकारी
मंगलवार शाम को बोले कि माइनर अटैक आया। वेंटीलेटर पर डाल दिया। रात में ही मौत हो गई, लेकिन आज सुबह पुलिस से मौत की खबर मिली। अब अस्पताल वाले बोल रहे हैं कि उनकी कोविड रिपोर्ट निगेटिव आई है। जबकि उनका पूरा इलाज कोविड वार्ड में रखकर किया गया। अस्पताल वालों का दावा है कि लेंस में इंफेक्शन था। कोविड रिपोर्ट भले ही निगेटिव आई हो। यह कोविड का ही लक्षण है।
परिजनों के सवालों के आगे मुंह छिपाते रहा अस्पताल प्रबंधन
हालांकि आक्रोशित परिजनों के सवालों का जवाब अस्पताल प्रबंधन नहीं दे पाया। काफी देर तक हंगामा होता रहा। इसके बाद परिजन शव ले गए। शैल्बी हॉस्पिटल के सीईओ इरशाद खान के मुताबिक मरीज का इलाज बेहतर तरीके से किया गया, लेकिन हम बचा नहीं पाए। अस्पताल प्रबंधन ने 94 हजार रुपए का बकाया बिल भी माफ कर दिया है।

खबरें और भी हैं…



Source link