घरों में जमा पंचमी का रंग: खंडवा-बुरहानपुर, बड़वानी में पुलिस की सख्ती, घरों में ही मनाया त्योहार

घरों में जमा पंचमी का रंग: खंडवा-बुरहानपुर, बड़वानी में पुलिस की सख्ती, घरों में ही मनाया त्योहार


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खंडवा2 घंटे पहले

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लोगों ने घरों में ही रंगपंचमी मनाई।

होली के पांचवें दिन निमाड़ में रंगपंचमी जमकर मनाई जाती है। यहां होली के दिन शोक संतृप्त परिवारों में जाकर रंग डाला जाता है। वहीं, पंचमी पर खुशियां बांटकर पर्व मनाया जाता हैं, लेकिन इस बार निमाड़ में पंचमी का रंग फीका पड़ गया। त्योहार के फीकेपन की मुख्य वजह कोरोना संक्रमण है। महाराष्ट्र-इंदौर से नजदीकी होने से संक्रमण के मामले ज्यादा सामने आ रहे हैं। पंचमी के दिन एक तरफ खरगोन के शहरी इलाकों में लॉकडाउन रहा, वहीं बाकी जिलों में पुलिस की सख्ती। ऐहतियात बरतते हुए लोगों ने भी घरों में रहकर एक-दूसरे को रंग-गुलाल लगाया। लोगों ने घर पर ही रंगपंचमी मनाई।

प्रेम-भाव, मित्रता का प्रतीक माना जाता है पंचमी पर्व
गांव रोहिणी के पटेल कैलाशसिंह ने बताया, रंगपंचमी का त्योहार प्रेम-भाव व मित्रता का प्रतीक है। निमाड़ में होली से ज्यादा पंचमी का महत्व है। इस दिन घरों में विशेष भोजन के रूप में मिठाई-पकवान बनाए जाते हैं। लोग एक-दूसरे के घर जाकर पताशे बांटते हैं। गले मिलकर रंग-गुलाल से दोस्ताना मजबूत करते हैं। शहरी रिश्तेदारों से लेकर परिजन गांव आते हैं। सब मिलकर खुशियों से इस पर्व को मनाते हैं।

5 दिन बाद निमाड़ का प्रसिद्ध पर्व गणगौर
गणगौर निमाड़ में आस्था प्रेम और पारिवारिक सौहार्द का सबसे बड़ा उत्सव है। होलिका दहन के दूसरे दिन चैत्र कृष्ण प्रतिपदा से चैत्र शुक्ल तृतीया तक, 18 दिनों तक चलने वाला त्योहार है। यह माना जाता है कि माता गवरजा होली के दूसरे दिन अपने पीहर आती हैं। आठ दिनों के बाद ईसर (भगवान शिव) उन्हें वापस लेने के लिए आते हैं। चैत्र शुक्ल तृतीया को उनकी विदाई होती है।

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